-शातिर राजकुमार उर्फ शेरा पर घोषित था 25 हजार रुपए का इनाम

-शेरा के साथी दीपक सिंह उर्फ अंशू को भी STF ने पकड़ा 


Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh Special Task Force (UPSTF) की Kanpur (Unit) ने पत्रकारिता की चादरओढ़कर लंबे समय से लूटपाट और चोरी जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश को Arrest कर लिया। पकड़े गए शातिर का नाम राजकुमार उर्फ शेरा है। STF ने शेरा के साथी दीपक सिंह उर्फ अंशू को भी गिरफ्तार किया है। अंशू फतेहपुर जनपद के बिंदकी का रहने वाला है। जबकि शेरा Kanpur के South City स्थित दबौली एरिया में रहता है। 

पनकी पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजा है। STF के मुताबिक शेरा ने पुलिस से बचने के लिए खुद को पत्रकारिता की चादर से ढक रखा था। उसके पास से एक यू-ट्यूब चैनल का परिचय पत्र (I Card) और संस्थान की तरफ से जारी पत्र भी मिला है। शेरा पर करीब आधा दर्जन से अधिक मुकदमें पंजीकृत हैं। चोरी, लूटपाट और राहजनी की कई वारदातों को वह अंजाम दे चुका है। जबकि दीपक के खिलाफ चार मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस से बचने के लिए वह चैनल का परिचय पत्र प्रयोग करता था।

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से वह मादक पदार्थ के धंधे में भी लिप्त था। STF ने शेरा और दीपक सिंह के पास से तमंचा, पांच मोबाइल फोन, करीब 56 हजार रुपए की नकदी भी बरामद की है। शेरा के मुताबिक वह चैनल में कैमरा मैन का काम करता था।

विशेष----

यह कोई बार पहली बार नहीं है जब कोई शेरा Kanpur में पकड़ा गया हो। इसके पहले भी कई तथाकथित शेरा पकड़े जा चुके हैं। सवाल ये उठता है कि आखिर इन अपराधिक किस्म के शेरा जैसे लोगों को पत्रकारिता की चादर ओढ़ने की खुली छूट किसने दे रखी है ? हाईस्कूल फेल शेरा जैसे लोगों को संस्थान में किस आधार पर नौकरी दी जाती है ? क्या ऐसे संस्थानों और उनके जिम्मेदार अधिकारियों पर पुलिस को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए ? शहर के जिम्मेदार पुलिस अफसर यदि अपनी आंख उठाकर चारो तरफ देखें तो उनके इर्द-गिर्द ही दर्जनों शेरा मिल जाएंगे। सच्चाई ये है कि इनको पकड़ने का साहस पुलिस के पास नहीं है।

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