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  • मुख्य सचिव P.K Jena ने Tweet कर दी जानकारी
  • Accident में तीन Train शामिल थीं : P.K Jena
  • शनिवार सुबह तक जारी रहा राहत और बचाव कार्य

 


Yogesh Tripathi

Odisha में बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के Accident में 207 लोगों की मौत हो गई, जब कि करीब 900 यात्री घायल हो गए। यह जानकारी Odisha के मुख्य सचिव P.K Jena ने दी। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। पीड़ित यात्रियों और उनके परिजनों के लिए Helpline Number’s जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। 


Accident शुक्रवार शाम 7 बजे कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर उत्तर बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ। Railway के एक अधिकारी का कहना है कि हावड़ा के रास्ते में 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतरकर बगल की पटरियों पर गिर गए। उन्होंने कहा कि "पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए" उन्होंने कहा कि Accident में एक मालगाड़ी भी शामिल थीRailway Spoke Person अमिताभ शर्मा ने PTI को बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले पटरी से उतरी। उसके 10-12 डिब्बे उस लाइन पर गिर गए जिस पर बेंगलुरू-हावड़ा एक्सप्रेस जा रही थी देर रात ओडिशा के मुख्य सचिव जेना ने कहा कि हादसे में तीन ट्रेनें शामिल थीं।

 

Odisha के विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने कहा कि हादसे में घायल हुए 900 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। भुवनेश्वर में एम्स सहित आसपास के जिलों के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को Alert पर रखा गया है। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बचाव अभियान में मदद के लिए एयरफोर्स की भी मदद ली जा रही है। भुवनेश्वर जिला प्रशासन का कहना है कि 1,200 कर्मियों के अलावा 115 एंबुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर Work कर रही हैं। 


 

स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने लगातार तेज आवाजें सुनीं जिसके बाद लोग मौके पर पहुंचे। मौके पर पटरी से उतरे ट्रेन के डिब्बों दबे यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर सभी को तत्काल बाहर निकालने का काम Start किया गया। जिला प्रशासन और बचाव दल के पहुंचने से पहले स्थानीय लोग घायलों को ट्रैक्टर आदि के जरिए अस्पताल लेकर पहुंचे। 


 

घायलों यात्रियों की मदद के लिए रात में 2,000 से अधिक लोग बालासोर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एकत्र हुए। यहां सैकड़ों लोगों ने रक्तदान भी किया। वहीं, देर रात्रि तक गैस कटर का प्रयोग कर पटरी से उतरे डिब्बों के नीचे से शवों को निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी रहा। दुर्घटनास्थल पर रेल की पटरियां लगभग नष्ट हो गईं क्योंकि क्षतिग्रस्त डिब्बे चारों ओर बिखरे पड़े थे, जिनमें से कुछ डिब्बे दूसरे पर चढ़े हुए थे, जबकि कुछ बोगियां टक्कर के कारण पलट गईं। Railway ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये की इमदाद देने की घोषणा की है।

  • SIT की जांच में दोषी ठहराए गए थे Anant Dev Tiwari समेत कई पुलिस कर्मी
  • SIT ने वृहद दंड दिए जाने की सिफारिश अपनी जांच रिपोर्ट में की थी 
  • IPS Officer नीलाब्जा चौधरी कर रहे थे Anant Dev की जांच 
  • Bikru Case में सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की गोलियों से भूनकर की गई थी हत्या
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने विकास दुबे के खजांची जय कांत बाजपेयी की जमानत खारिज की
  • हाईकोर्ट ने जयकांत की जमानत खारिज करने के पीछे उसके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों को बनाया आधार


Yogesh Tripathi

Kanpur में करीब तीन साल पहले हुए बहुचर्चित Bikru Case में IPS Officer Anant Dev Tiwari को बड़ी राहत मिली है।  Clean Chit मिलने से Anant Dev Tiwari के दामन पर लगे दाग अब धुल गए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में जब Bikru Case हुआ था तो अनंत देव उस समय DIG (STF) थे। कुछ समय पहले ही उनका ट्रांसफर STF में किया गया था। इससे पहले वे SSP कानपुर थे। Bikru Case के बाद शासन ने SIT जांच के आदेश दिए थे। SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट में कई पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाते हुए उनके खिलाफ वृहद दंड दिए जाने की संस्तुति की थी। इस जांच रिपोर्ट के आने पर शासन ने तत्काल प्रभाव से IPS Officer अनंत देव तिवारी को सस्पेंड कर दिया था। उनके सस्पेंशन के बाद जांच एक सीनियर IPS Officer नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जांच चल रही थी कि इस बीच करीब तीन महीना पहले शासन ने Anant Dev Tiwari की बहाली करते हुए उन्हें DIG (GRP) के पद पर तैनात कर दिया। थोड़े ही दिन बाद उनको STF की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि रिटायरमेंट से कुछ महीना पहले ही अनंत देव तिवारी को क्लीन चिट मिलने से उनके दामन पर लगे दाग करीब-करीब धुल गए हैं। Anant Dev Tiwari मूल रूप से फतेहपुर जनपद के निवासी हैं। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है। वह लंबे समय तक STF में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पाठा के जंगलों में दस्यु सम्राट ददुआ और ठोकिया जैसे दस्यु सरदारों का Encounter उन्होंने STF में ASP रहते हुए किया था। वर्ष 1991 में Anant Dev Tiwari ने प्रांतीय पुलिस सर्विस (PPS) की नौकरी ज्वाइन की थी। वर्ष 2006 में वह IPS Officer बने।

2 जुलाई 2020 की आधी रात तत्कालीन बिल्हौर क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा की अगुवाई में पुलिस टीम खूंखार गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने के लिए Bikru गांव पहुंची थी। बताया जाता है कि पुलिस टीम के दबिश देने की सूचना विकास दुबे और उसके गिरोह को काफी पहले ही मिल गई थी। लिहाजा उसने पहले से ही तैयारी कर रक्खी थी। पुलिस टीम के पहुंचने पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने घेराबंदी कर स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए। 

वारदात के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर तमाम आडियो और वीडियो वॉयरल हुए। जिसके बाद शक की सूई लोकल पुलिस और तमाम अफसरों पर भी घूमने लगी। यही वजह रही कि तत्कालीन चौबेपुर थाना प्रभारी (SO) विनय तिवारी को भी STF ने Arrest कर लिया था। उसके बाद STF ने विकास दुबे के दाहिने हाथ अमर दुबे समेत कई गुर्गों को Encounter में मार गिराया। विकास दुबे ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में सरेंडर कर दिया। Kanpur लाते समय सचेंडी के पास गाड़ी पलटने के बाद भाग रहे विकास दुबे को भी STF ने ढेर कर दिया था। 

 

 


Vikas Dubey के खजांची जयकांत की जमानत हाईकोर्ट में खारिज

उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस मयंक कुमार जैन ने Bikru Case मामले में जेल की सलाखों के पीछे कैद जयकांत बाजपेयी उर्फ जय बाजपेयी की जमानत याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन ने अपने आदेश में कहा कि अपराध की प्रकृति और दोषी होने की डिग्री गंभीर और जघन्य है। जयकांत बाजपेयी का जघन्य मामलों का लंबा-चौड़ा अपराधिक इतिहास रहा है। जयकांत बाजपेयी उस घटना में सक्रिय रूप से शामिल है, जिसमें क्षेत्राधिकारी समेत 8 पुलिस कर्मियों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस कांड में 7 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। मुख्य आरोपी विकास दुबे को दो लाख रुपए, वारदात में प्रयुक्त 25 कारतूस मुहैया कराए गए। इस लिए अपराधिक पृष्ठभूमि वाले याची को जमानत नहीं दी जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि Bikru Case में STF ने विकास दुबे के खजांची रहे जयकांत बाजपेयी को भी लंबी पूछताछ के बाद Arrest किया था। जयकांत बाजपेयी के तार नौकराशाही से भी जुड़े थे। पूछताछ में जयकांत बाजपेयी ने STF को बताया था कि उसने विकास दुबे को कारतूस, नकदी और भागने के लिए कार मुहैया कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने चौबेपुर थाने में जयकांत बाजपेयी के खिलाफ IPC की धारा 147, 148, 149, 332, 353, 333, 307, 302, 3946, 412, 120-B, 34, 504, 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया था।
उधर, RTI Activist और अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने पोर्टल से बातचीत में कहा कि SIT जांच में IAS, IPS & PPS Officr's शामिल थे। लंबी जांच प्रक्रिया के बाद SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट में अनंत देव तिवारी समेत कई पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई थी। साथ ही SIT ने सभी के खिलाफ वृहद दंडात्मक कार्रवाई के लिए लिखा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सौरभ भदौरिया का कहना है कि जल्द ही वह विधिक परामर्श के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

 

  • Murder Case में वर्ष 2020 से फरार था राम किशोर
  • आशनाई में हत्या कर शव घाघरा नदी में फेंका था
  • Gonda के उमरी बेगमगंज थाना एरिया में STF ने दबोचा
  • STF के इंस्पेक्टर Ghanshyam Yadav की अगुवाई में टीम को सफलता

 


Yogesh Tripathi

उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) टीम ने हत्या के मामले में करीब ढाई साल से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी Wanted को गोंडा जनपद में Arrest कर लिया। STF ने इनामिया के पास से नकदी, फोन, एटीएम कार्ड और बैंक का ग्रीन कार्ड बरामद किया है। गोंडा जनपद के उमरी बेगमगंज थाने में STF की टीम उससे पूछताछ कर रही है।

STF के हत्थे चढ़ा राम किशोर तिवारी

 

UPSTF को यह सफलता ADG (STF) अमिताभ यश के निर्देश पर  DIG (STF) अनंत देव तिवारी के कुशल पर्यवेक्षण में DSP (STF) संजीव दीक्षित की देखरेख में मिली। STF इनामिया Wanted की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चला रही है।  

 

 

50 हजार के इनामी को Arrest करने वाली टीम के साथ STF इंस्पेक्टर घनश्याम यादव

वर्ष 2020 में अवैध संबंधों के चक्कर में अभियुक्त राम किशोर तिवारी ने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर राजवीर उर्फ राजू निवासी परास पट्टी मझवार, थाना उमरी बेगमगंज जनपद (गोंडा) का Murder कर उसके शव को घाघरा नदी में फेंक दिया था। परिजनों की तहरीर के आधार पर गोंडा जनपद की पुलिस ने 1/9/2020 को मुकदमा अपराध संख्या 184/2020 IPC की धारा 302/201 के तहत FIR रजिस्टर्ड कर शव को नदी से रिकवर कर लिया।

गोंडा पुलिस ने हत्याकांड में शामिल सभी अभियुक्तों को Arrest कर जेल भेज दिया लेकिन रामकिशोर तिवारी पकड़ में नहीं आया। STF के मुताबिक हत्याकांड के बाद रामकिशोर तिवारी फरार हो गया। Delhi (NCR) क्षेत्र में वह चोरी छिपे रहकर गार्ड की नौकरी करने लगा। बीच-बीच में वह गोंडा आता-जाता रहा लेकिन पुलिस को भनक नहीं लगी। वकील के जरिए वह मुकदमें की पैरवी भी करवा रहा था। इस बीच उसकी गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने रामकिशोर के सिर पर इनाम घोषित कर दिया।

लंबा समय बीत जाने के बाद भी जब गोंडा पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी तो STF Team को सक्रिय किया गया। इंस्पेक्टर घनश्याम यादव की अगुवाई में STF ने मुखबिरों का तंत्र सक्रिय किया। जरिए मुखबिर सूचना मिली कि हत्यारोपित राम किशोर तिवारी मुकदमें की पैरवी के लिए वकील से मिलने पहुंचा है। मुखबिर की सूचना पर विश्वास कर STF इंस्पेक्टर घनश्याम यादव अपनी टीम के साथ गुरुवार शाम को घेराबंदी कर Arrest करने पहुंचे। STF की सूचना पर उमरी बेगम थाने के थानाध्यक्ष संजीव वर्मा भी फोर्स के साथ पहुंच गए।

STF Team ने उमरी बेगमगंज थाना पुलिस के सहयोग से दानपुर चौराहा के निकट पी.डी बंधा (हनुमानगढ़ी मंदिर) के सामने चबूतरे पर बैठे राम किशोर तिवारी को धर दबोचा। राम किशोर ने बताया कि वह वकील से मिलने के बाद गांव जाने के लिए किसी साधन का इंतजार कर रहा था। राम किशोर तिवारी को Arrest करने वाली टीम में STF इंस्पेक्टर घनश्याम यादव, हेड कांस्टेबल दिलीप यादव, हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह, मुकेश प्रजापति और गिरिजा शंकर शामिल रहे।

 

 

  • नौबस्ता के हनुमंत बिहार थाना एरिया में दिल को दहला देने वाली वारदात 
  • बीवी के चरित्र पर शक करता था कार ड्राइवर छोटू शाह
  • मौका-ए-वारदात पर DCP (South) पुलिस बल के साथ पहुंचे


Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Kanpur जनपद के नौबस्ता (हनुमंत बिहार) थाना एरिया मे दिल को दहला देने वाली वारदात से दहशत फैल गई। लंबे समय से पत्नी के चरित्र पर शक कर रहे ड्राइवर ने पत्नी की नाक ब्लेड से काट दी। इसके बाद उसने नाबालिग बेटी को भी मार डाला। बेटी की हत्या के बाद उसने मौत का फंदा खुद के गले में डाल आत्महत्या कर ली। पत्नी के शोर मचाने पर मोहल्ले के लोग पहुंचे। सूचना पर हनुमंत बिहार थाने की फोर्स पहुंची। थोड़ी देर बाद DCP (South) भी मातहतों के साथ मौका-ए-वारदात पर पहुंच गए। पिता-पुत्री के शवों को पोस्टमार्टम भेजने के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। 


DCP (South) सलमान ताज पाटिल ने मीडिया को बताया कि मछरिया बाजार निवासी छोटे शाह (38) कार ड्राइवर था। छोटू पिछले कई सालों से अमौली के जिला पंचायत सदस्य बृजेश पटेल की कार चलाता था। 


करीब 14 साल पहले छोटू का निकाह रुखसार से हुआ था। वह अपनी पत्नी रुखसार, बेटी आरजू (14) व दो बेटों आरिफ और आर्यन के साथ नौबस्ता गल्लामंडी स्थित जिला पंचायत सदस्य के नव निर्माणाधीन मकान के तीसरी मंजिल पर रहता था। पत्नी रुखसार ने पुलिस को बताया कि वह पिछले सात महीने से पति से अलग रहती थी।


बकौल रुखसार पति छोटू उसके चरित्र पर शक करता था। तीन दिन पहले ही वह यहां आई थी। इसके बाद से लगातार उसके पति से विवाद हो रहा था। गुरुवार दोपहर को भी इसी बात को लेकर विवाद हो गया। इससे नाराज छोटू ने पहले ब्लेड से उसकी नाक काट दी। इसके बाद वहां मौजूद बेटी की रस्सी से गला कसकर फंदे पर लटका दिया।

बेटी की हत्या के बाद दूसरे कमरे में फंदे से लटक कर छोटू ने खुदकुशी कर ली। बेटी और पति को फंदे पर लटकता देख उन्होंने शोर मचाया। इसके बाद मोहल्ले वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने जांच-पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया

  • नर्वल तहसील मुख्यालय के पास बने तालाब में घटना
  • गोताखोरों की मदद से सभी शवों को बाहर निकाला गया 
  • SD Memorial और DP Kushwaha के Students थे सभी 
  • एक गांव के चार बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों का हंगामा 
  • DM & CP समेत कई अफशर कांशीराम ट्रामा सेंटर पहुंचे



Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Kanpur स्थित नर्वल तहसील के अंतर्गत बने "अमृत तालाब" में डूबकर चार छात्रों की मौत हो गई। सभी बच्चे एक ही गांव के निवासी थे। पुलिस के मुताबिक बच्चे SD Memorial और DP Kushwaha कालेज में पढ़ते थे। शनिवार को हॉफ-डे होने के बाद सभी घर न जाकर तालाब में नहाने के लिए पहुंच गए थे। बच्चों की मौत के बाद गांव में मातम छा गया। हादसे की खबर मिलते ही पुलिस कमिश्नर (CP) और जिलाधिकारी कांशीराम ट्रामा सेंटर पहुंचे। अफसरों के सामने आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। 


ह्दय विदारक घटना शनिवार दोपहर को हुई।  ग्रामीणों के मुताबिक मरने वालों में सरोज कुरील का लड़का सक्षम (15) और प्रेम नारायण सविता का बेटा अभय (16) SD Memorial में हाईस्कूल के छात्र थे। जबकि उमेश चंद्र का लड़का कृष्णा (13) कक्षा 6 और कल्लू अवस्थी का बेटा दिव्यांश अवस्थी कक्षा 7 के स्टूडेंट्स थे। ये दोनों  DP Kushwaha Inter College में पढ़ते थे । सभी एक ही गांव के निवासी थे। 


शनिवार को हॉफ-डे हो जाने के बाद चारो नर्वल मुख्यालय के पास बने अमृत तालाब में नहाने के लिए पहुंच गए। नहाने के दौरान चारो बच्चों की पानी में डूबकर मौत हो गई। खबर ग्रामीणों को मिली तो मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। थोड़ी देर में नर्वल थाने की फोर्स भी पहुंच गई। पुलिस न आनन-फानन में गोताखोरों को भी बुलवा लिया। गोताखोरों ने मशक्कत के बाद चारो बच्चों को बाहर निकाला। 


पुलिस सभी को वाहन में लेकर सरसौल सीएचसी पहुंची लेकिन चिकित्सकों ने कांशीराम ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। कांशीराम ट्रामा में चिकित्सकों ने चारो बच्चों को मृत घोषित कर दिया। इधर खबर मिलते ही पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी भी कांशीराम ट्रामा सेंटर पहुंच गए। अफसरों ने मातहतों से घटना के बाबत पूरी जानकारी लेकर शासन को सूचना दी। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। इस बीच पहुंचे ग्रामीण आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम-प्रधान और सेकेट्री ने "अमृत तालाब" तो बना दिया लेकिन उसमें उतरने या नहाने पर कोई रोक नहीं लगाई। आरोप है कि अमृत तालाब के निर्माण में बड़ी धांधली की गई। 

उधर, चार बच्चों के मौत की खबर उनके गांव पहुंची तो मातम फैल गया। परिवार के लोग बदहवाश होकर रोने-बिलखने लगे। समाचार लिखे जाने तक गांव में भारी भीड़ जमा है। आसपास गांवों के ग्रामीण भी पहुंच गए। मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद है।


  • हम कान्यकुब्ज ब्राम्हण हैं, बाहर से आए लोग अपना ठिकाना ढूंढ लें
  • नगर निगम की सरकार के लिए "जुबानी जंग" की शुरुआत 
  • सरयूपारी बनाम कान्यकुब्ज के जरिए वोटों के ध्रुवीकरण पर निगाह


Yogesh Tripathi

Nagar Nikay Chunav 2023 : कौन बनेगा मेयर...? किसकी बनेगी नगर निगम में सरकार...? जनता किसको देगी अपना आशीर्वाद...? ये तस्वीर 13 May को साफ हो जाएगी लेकिन उससे पहले मेयर पद के प्रत्याशियों और उनके करीबी समर्थकों के बीच "जुबानी जंग" शुरु हो गई है। बड़बोलेपन के लिए चर्चित सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने Monday को तीखी बयानबाजी कर इसकी शुरुआत कर दी है। राजनीतिक के जानकार कह रहे हैं कि सपा विधा्यक का ये "राजनीतिक हमला" सीधे तौर पर भाजपा प्रत्याशी प्रमिला पांडेय और उनके बेटे पर है। अब देखना ये है कि बीजेपी की मेयर प्रत्याशी किस तरह से सपा विधायक की इस "जुबानी जंग" का जवाब देती हैं...या फिर मौन रखने में ही भलाई समझती हैं...? राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अभी तो ये आगाज हुआ है। चुनाव जैसे-जैसे चरम पर पहुंचेगा। प्रत्याशियों के बीच जुबानी जंग और भी तेज होगी।


अमिताभ बाजपेई ने कहा कि "हम कानपुर के ठोक बजाकर ठोस कान्यकुब्ज ब्राम्हण हैं...पिछली दसियों पीढ़िया बाबा, परबाबा उनके बाबा तक ने कानपुर में जन्म लिया है, हम कानपुर के लिए जिये हैं और कानपुर के लिए मरेंगे।कानपुर लोकल लोगों को मदद करने जा रहा है। बाहरी लोग अपना ठिकाना ढूंढ लें। बाहरी लोग कानपरु आते हैं और शहर को चारागाह बनाकर चले जाते हैं...कानपुर के लोग कानपुर की बेटी और कानपुर की बहू को चुनाव जिताने जा रहे हैं"


अमिताभ बाजपेयी ने यहीं नहीं रुके मीडिया के सवालों पर सपा की मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेयी के पति अमिताभ बाजपेई ने कहा कि  ठकौन बंटी है ये, बंटी कौन है...आप जानते हैं...? कानपुर शहर में पांच साल वसूली का "साम्राज्य" झेला है। गरीब आदमी, ठेला-पट्टी वाले से पालीथीन के नाम पर वसूली की गई...सफाई कर्मचारी भर्ती के नाम पर वसूल लाओ... नाला सफाई कागज पर होगी... सामुदायिक केंद्र बेंच दिए जाएंगे...साइकिल स्टैंड प्राइवेट तरीके से चलेंगे...आप लोगों ने वसूली बाबा नाम रक्खा था...मैने नाम खोल दिया है ...बंटी नाम का जो व्यक्ति...जिसने शहर में भ्रष्टाचार का आतंक मचाया था...उसका नाम मैनें "बंटी टैक्स" रक्खा है। नगर निगम को इस बार बंटी टैक्स से मुक्त करके ईमानदार प्रशासन की तरफ ले जाना है।


सपा विधायक का आरोप है कि पिछले पांच साल के दौरान नगर निगम में भ्रषटाचार का बोलबाला रहा है। हर विभाग में लूट-खसोज जमकर हुई। गाय-भैंस को छुड़वाने के नाम पर हजार-दो हजार रुपए लिए गए। सफाई कर्मचारियों की भर्ती में तमाम भ्रष्टाचार हुए। विधायक के पत्र जारी करने के बाद भी कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई।  Viral Video के अंत में सपा प्रत्याशी के पति अमिताभ बाजपेयी पत्रकारों के सवाल पर कहा कि शहर में मेयर कभी रिपीट नहीं हुई है।  इस Viral Video को सपा विधायक ने अपने Social Media अकाउंट पर भी शेयर किया है।



  • BJP प्रत्याशी प्रमिला पांडेय के नामांकन जुलूस में गुटबाजी साफ दिखी
  • सांसद सत्यदेव पचौरी और उनके समर्थकों ने बनाई नामांकन जुलूस से दूरी
  • सपा प्रत्याशी वंदना बाजपेयी ने तामझाम के साथ कराया नामांकन
  • कांग्रेस प्रत्याशी आशनी अवस्थी भी पति के साथ पर्चा भरने पहुंची
  • BSP प्रत्याशी अर्चना निषाद ने समर्थकों के साथ पहुंचकर कराया नामांकन
  • AAP प्रत्याशी इस्मा जहीर ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया


Yogesh Tripathi

Nagar Nikay Chunav 2023 : कानपुर की मेयर सीट के लिए सोमवार को सपा, बसपा, कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरकर "चुनावी रणभेरी" में अपनी-अपनी जीत का "शंखनाद" किया। दूसरी बार मेयर सीट पर अपनी किस्मत अजमा रहीं BSP प्रत्याशी अर्चना निषाद ने समर्थकों के साथ पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया। सपा प्रत्याशी वंदना बाजपेयी भी पति और समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची। उन्होंने भी अपना नामांकन का सेट दाखिल किया। 


इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी आशनी अवस्थी पति विकास अवस्थी के साथ नामांकन कराने के लिए पहुंची। बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला पांडेय पार्षद प्रत्याशियों के साथ वाहन जुलूस निकालकर नामांकन कराने पहुंची। उनके नामांकन जुलूस में सत्ता की ठसक साफ-साफ देखने को मिली। खास बात ये रही कि उनके नामांकन जुलूस से सांसद सत्यदेव पचौरी और उनके समर्थकों ने खासी दूरी बनाए रक्खी। पचौरी गुट से छोटा या बड़ा कोई नेता दिखाई नहीं दिया। आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी इस्मा जहीर ने भी समर्थकों के साथ पहुंचकर नामांकन प्रक्रिया को पूरा कर सेट दाखिल किया। 

बसपा प्रत्याशी अर्चना निषाद ने Portal से बातचीत में कहा कि इस बार शहर की जनता कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे पर वोट की चोट करेगी। अर्चना निषाद ने कहा कि यूपी में जंगलराज कायम है। गुंडे और बदमाश इतने बेखौफ है कि पुलिस कस्टडी में ही हत्याएं कर रहे हैं। बसपा के कार्यकाल की तारीफ करते हुए अर्चना ने कहा कि तब गुंडे और माफिया प्रदेश छोड़कर वास्तव में भाग गए थे। अर्चना निषाद ने कहा कि मेयर बनने पर वह शहर की साफ-सफाई के साथ-साथ नगर निगम में जो भ्रष्टाचार कायम है उसको खत्म करेंगी। नगर निगम का भ्रष्चाचार किसी से छिपा नहीं है। गाय-भैंस और कुत्तों को छुड़वाने और टॉवर लगवाने के लिए जो रिश्वतखोरी हुई है वो किसी से छिपी नहीं है। जनता इसका जवाब सिर्फ वोट की चोट से देगी। अर्चना निषाद के साथ महेंद्र निषाद, ब्रजनारायण निषाद, अंबरेश राय, भारत वर्मा, राम नारायण, रामशंकर कुरील,मोहित कठेरिया,प्रतीश चौधरी, सर्वेश विश्वकर्मा, गौर हरि पाटक समेत कई लोग मौाजूद रहे।


आम आदमी पार्टी (AAP) से घोषित प्रत्याशी इस्मा जहीर ने भी आज अंतिम दिन नामांकन पत्र दाखिल किया। मीडिया से बातचीत में इस्मा ने कहा कि वह लंबे समय तक कानपुर में रही हैं। कानपुर की नब्ज से वह हर तरह से वाकिफ है। उन्होंने कहा कि शहर का विकास उनकी प्राथमिकता पर रहेगा। शहर में चारो तरफ फैली गंदगी, टूटी सड़कें और बजबजाती नालियां गवाही दे रही हैं कि किस तरह का विकास कार्य कानपुर में कराया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह शहर की साफ-सफाई व्यवस्था पर ध्यान देंगी। इस्मा के साथ AAP के वरिष्ठ नेता संदीप शुक्ला (रॉकी), विपिन तिवारी समेत कई लोग मौजूद रहे। 

कांग्रेस से मेयर प्रत्याशी आशनी अवस्थी भी सोमवार को समर्थकों के साथ एक और सेट दाखिल करने के लिए पहुंची। आशनी के साथ उनके पति विकास अवस्थी और तमाम दिग्गज कांग्रेस भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि आशनी अवस्थी के चुनाव की बागडोर उनके पति विकास अवस्थी ने खुद संभाल रक्खी है। विकास का कहना है कि उनका चुनाव जनता लड़ रही है। शहर के विकास कार्यों में लंबे समय से जो अनदेखी की गई है उसका जवाब अब जनता वोट के जरिए देगी। उन्होंने कहा कि शहर का संपूर्ण विकास कराना उनका मकसद है। विकास अवस्ती ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC)  के मेंबर हैं। मेयर के लिए पहले वह दावेदारी कर रहे थे लेकिन महिला सीट होने की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने उनकी पत्नी को उम्मींदवार बनाया है। 


समाजवादी पार्टी से मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेयी ने भी अंतिम दिन पर्चा भरा। इस दौरान सपा के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। वंदना बाजपेयी आर्यनगर विधान सभा सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी की पत्नी हैं। वंदना बाजपेयी ने हाल के दिनों में तगड़ा जनसंपर्क कर जो माहौल बनाया है उससे विरोधी दलों की नींद उड़ी हुई है। खासतौर पर जहां सपा बेहद कमजोर स्थित में थीं उस गढ़ में वंदना बाजपेयी के पति अमिताभ बाजपेयी ने सेंधमारी कर रक्खी है। 

वंदना और उनके समर्थक जीत के प्रति खासे आश्वस्त हैं। वंदना बाजपेयी का चुनाव सोशल मीडिया से लेकर जनता के बीच खासा चर्चा में है। Portal के पास जो जानकारियां हैं उसके मुताबिक खुद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव उनके चुनाव की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। एक बड़ी सोशल मीडिया की टीम उन्होंने वंदना बाजपेयी के लिए उतारी है। साथ ही वो हर दिन चुनाव का update लेना नहीं भूलते। इसके साथ ही ये पहली बार हो रहा है कि जब कोई सपा उम्मींदवार भाजपा के वोट बैंक (ब्राम्हण) वर्ग में सेंधमारी करता दिखाई दे रहा है।


निवर्तमान मेयर और भाजपा प्रत्याशी प्रमिला पांडेय के नामांकन जुलूस में सोमवार को गुटबाजी साफ-साफ दिखाई दी। प्रमिला पांडेय के नामांकन जुलूस में विधायक सुरेंद्र मैथानी, महेश त्रिवेदी, अरुण पाठक, पूर्व विधायक रघुनंदन सिंह भदौरिया, बिठूर विधायक अभिजीत सांग तो पूरे समय मौजूद रहे लेकिन शहर के सांसद सत्यदेव पचौरी, उनके समर्थकों के बड़े खेमें ने नामांकन जुलूस से दूरी बनाए रक्खी। गौरतलब है कि अंतिम समय में सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह का टिकट काटकर हाईकमान ने प्रमिला पांडेय पर विश्वास जताते हुए उनको फिर से प्रत्याशी घोषित कर दिया। नामांकन कराने से पहले प्रमिला पांडेय बाबा आनंदेश्वर मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद लेना नहीं भूलीं।