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  • कोर्ट ने सभी पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया
  • गुड्डन त्रिवेदी समेत 7 लोगों को कोर्ट ने किया बरी
  • Kanpur Dehat की ADJ-5 गैंगस्टर कोर्ट ने सुनाया फैसला




Yogesh Tripathi

करीब तीन साल पहले Kanpur के चौबेपुर थाना एरिया में हुए चर्चित Bikru Case में बंद 23 लोगों को Kanpur Dehat की ADJ-5 (गैंगस्टर कोर्ट ) ने 10-10 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी लोगों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। अदालत ने साक्ष्य और सबूतों के अभाव में गुड्डन त्रिवेदी समेत 7 लोगों को बरी कर दिया। खास बात ये रही कि इस चर्चित केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था सामान्य दिनों की तरह रही। प्रशासन ने किसी भी तरह की अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती नहीं की थी। 


 

 Bikru Case में आरोपितों को सजा दिलाने के लिए पहले दिन से ही संघर्ष कर रहे अधिवक्ता सौरभ भदौरिया को लोगों ने फूल-माला पहनाकर स्वागत किया। www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में सौरभ भदौरिया ने कहा कि जिन 7 लोगों को कोर्ट ने बरी किया है उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। सौरभ भदौरिया ने पुलिस प्रशासन और विवेचक पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट में लिखकर दिया दिया गया था कि अधिकांश लोगों के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं है। वह जल्द ही इसके खिलाफ ऊपर की अदालत में अपील करेंगे।

Kanpur Dehat की ADJ-5 (गैंगस्टर कोर्ट) के जज दुर्गेश कुमार पांडेय ने 23 लोगों के खिलाफ 10-10 साल की सजा मुकर्रर की। उन्होंने गैंग के सरगना Bikru गांव निवासी हीरू दुबे, जयकांत बाजपेयी उर्फ जय बाजपेयी, शिवा तिवारी, गोविंद सैनी समेत 23 लोगों को सजा सुनाई। कोर्ट ने प्रशांत उर्फ डब्बू, गुड्डन त्रिवेदी, राजेंद्र मिश्रा, संजू दुबे, बाल गोविंद, रामेशचंद्र दुबे और सुशील तिवारी को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। 


 

उल्लेखनीय है कि जज दुर्गेश कुमार पांडेय ने अभी कुछ महीना पहले ही पूर्वांचल के बाहुबली माफिया सरगना मुख्तार अंसारी और उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी को भी गैंगस्टर एक्ट के मामले में सजा सुना चुके हैं।

2/3 जुलाई 2020 को चौबेपुर के बिकरू गांव में जब बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा की अगुवाई में पुलिस फोर्स गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची थी तो विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस को चारो तरफ से घेरकर स्वचालित हथियारों से गोलियां दागी थीं। इस हमले में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस वालों की मौत हो गई थी। इस कांड के बाद STF ने विकास दुबे समेत 6 लोगों को Encounter में ढेर कर 32 लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।

 


बैंडिट क्वीन से सांसद बनने तक के फूलन देवी के सफर में नाग पंचमी की खास भूमिका है। इस रहस्य से आज पर्दा खुल रहा है। आज नागपंचमी है । इस त्योहार का खास हस्तक्षेप   फूलन के जीवन में रहा है। फूलन देवी नागपंचमी के दिन ही बीहड़ों में हथियार लेकर कूदी थीं....

 

80 के दशक में पुलिस के सामने सरेंडर के दौरान दस्यु सुंदरी फूलन देवी अपने गिरोह के साथ

Dr. Rakesh Dwivedi

Uttar Pradesh के जालौन जिले की कालपी तहसील के तहत एक गांव है शेखपुर गुढ़ा। यमुना नदी किनारे बसे यह गांव में निषाद जाति बाहुल्य है। उस दौर में यह  क्षेत्र शिक्षा, चिकित्सा , आवागमन और कानून व्यवस्था की मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा था, वहीं फूलन देवी के परिवार के सामने एक अलग किस्म की समस्या थी और वह थी पारिवारिक विश्वास की। फूलन का संघर्ष सबसे पहले खुद के खानदान से Start हुआ था। जमीन के विवाद में वह बीहड़ों तक पहुंच गई।

आरोप है कि खानदानी विवाद के चलते फूलन देवी के ताऊ के लड़के मइयादीन ने अपने घर डकैती डलवाकर उसमें फूलन को नामजद कराया था। यह तारीख थी 26 दिसंबर 1978, फूलन को उरई जेल में रहना पड़ा। आम चर्चा है कि फूलन देवी को अपहरण कर ले जाया गया था। जबकि इसमें सत्ययता नहीं मानी गई। फूलन के लिए विक्रम मल्लाह कोई अनजान नहीं था। वह मइयादीन का ममेरा भाई था। उसका गांव  में आना- जाना था। जेल जाने का बदला फूलन देवी हर कीमत पर लेना चाहती थी।

29 जुलाई 1979 रविवार को वह घर छोड़कर बीहड़ चली गई। उस दिन नाग पंचमी थी। इसके बाद फूलन की एक नई कहानी Start हुई। बेहमई कांड से सांसद बनने के उनके किस्से दर किस्से चर्चा में रहे। 25 जुलाई को सांसद रहते हुए नई दिल्ली में जब उनकी हत्या हुई उस दिन भी नाग पंचमी ही थी। गोली से Start हुई कहानी गोली से ही खत्म हुई।

 


जमीन का क्या है विवाद....???

शेखपुर गुढ़ा में इस परिवार के पास 60 बीघा जमीन थी। जिस पर अब मालिकाना हक मइयादीन के पास है। फूलन से विवाद का असली कारण यही बना था। यह परिवार मनफूल निषाद से शुरू हुआ। मनफूल के दो बेटे थे- किशोर निषाद और गुमान निषाद। अब किशोर निषाद के तीन लड़के हुए बिहारी निषाद( मइयादीन के पिता), देवीदीन निषाद ( फूलन देवी के पिता) और रामदीन निषाद। जब कि गुमान के दो पुत्र थे, गुरुदयाल और भवानीदीन।

जब पीढ़ियां बदली तो भूमि का वारिसाना हक भी बदलना Start हुआ। उक्त जमीन सर्वप्रथम किशोर निषाद के आधिपत्य में रही थी। उनके निधन के बाद उनके बड़े बेटे बिहारी निषाद के नाम आ गई। बिहारी परिवार में सबसे बड़े थे लिहाजा सरकारी कागजों में उनके नाम जमीन दर्ज हो गई। अब बिहारी, देवीदीन और रामदीन में से कोई जीवित नहीं है। बिहारी के पुत्र मइयादीन , रामदीन के शिवनारायण सहित फूलन व अन्य बेटियां तथा रामदीन के कोई सन्तान नहीं थी। इसलिए पारिवारिक जमीन  का विवाद मइयादीन और फूलन देवी के परिवार के बीच शुरू हुआ। इसी की परिणति रही कि फूलनदेवी को बंदूक उठानी पड़ी।

 


 

मइयादीन का जब जमीन पर कब्जा हुआ तो मुकदमा दर्ज कराया गया। यह मुकदमा  इंद्रजीत और देवीदीन की ओर से इस आशय के साथ लिखाया गया कि पैतृक भूमि पर उन्हें न्याय दिलाया जाए। मुकदमेबाजी के बाद गांव में एक पंचायत हुई थी। पंचायत में शामिल पंचों ने परिवार के बीच रजामंदी कराई । उस वक्त परिवार वाले राजी होकर अलग- अलग हिस्सों में जमीन जोतने लगे। डकैत बनने के बाद फूलन ने उक्त जमीन मइयादीन से खींच ली थी। लेकिन उनकी हत्या के बाद फिर से मइयादीन का कब्जा हो गया। शेखपुर मौजा में जो साढ़े पांच बीघा जमीन है वह फूलन के भाई शिवनारायण के नाम दर्ज है। यह जमीन मंगरौल मौजे से अलग है। नदी किनारे की यह जमीन कम उपजाऊ और उबड़-खाबड़ है। 

फूलन देवी के भाई शिव नारायण

 

60 बीघा जमीन पर आधा मालिकाना हक इंद्रजीत मांगा था। पंचायत की रजामंदी के आधार पर जमीन जोती जाने लगी। वहीं बाकी बची 30 बीघा जमीन पर फूलनदेवी ने अपना हिस्सा मांगा, जिसे बिहारी और मइयादीन ने नहीं देना चाहा था। फूलन का मइयादीन से विवाद का मुख्य कारण यह जमीन ही थी।

 

फूलन को खटकती रही 15 बीघा जमीन

साढ़े पांच बीघा जमीन शेखपुर गुढ़ा मौजे में भले ही शिवनारायण ( फूलन के भाई) के नाम पर थी पर फूलनदेवी और उसकी मां मुला देवी की आंखों में मंगरौल मौजे की 15 बीघा खेती का हक खटकता रहा। अपने हिस्से की जमीन को लेकर मुलादेवी अक्सर मुद्दा उठाती रही पर उसे यह नहीं पता कि सारी जमीन पर अभी तक मालिकाना हक मइयादीन के नाम पर है।

 

 

 

  • सहपाठी ने चाकू से ताबड़तोड़ वार कर मौत की नींद सुलाया
  • सनसनीखेज वारदात से स्कूल परिसर में मचा हड़कंप
  • हत्यारोपित नाबालिग छात्र को पुलिस ने किया Arrest
बिधनू में स्कूल का गेट खुलवाती थाने की पुलिस


Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Kanpur में बिधनू थाना एरिया के एक स्कूल में हाईस्कूल के Student पर साथी छात्र ने चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार कर उसे लहूलुहान कर दिया। गंभीर हालत में छात्र को Hospitol ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सनसनीखेज वारदात की खबर मिलते ही पुलिस के आला अफसर मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। पुलिस ने हत्यारोपित छात्र को Arrest कर लिया है। साथ ही पुलिस ने खून से सना आला कत्ल भी बरामद कर लिया। नाबालिग हत्यारोपित से पुलिस पूछताछ कर रही है। Murder के पीछे कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। Girl Friend और विवाद के बिन्दु पर पुलिस छानबीन कर रही है। हालांकि पुलिस कुछ भी कहने से साफ-साफ बच रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है। हत्या की पृष्ठभूमि के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

हत्यारोपित छात्र

दिल को दहला देने वाली यह वारदात Monday की सुबह 10 बजे के आसपास हुई। बिधनू थाना एरिया स्थित न्यू आजाद नगर चौकी क्षेत्र में प्रयाग विद्या मंदिर इंटर कालेज है। सुबह स्कूल में दर्जनों बच्चे पढ़ाई के लिए पहुंचे थे। गंगापुर कालोनी निवासी हाईस्कूल का छात्र नीतेंद्र तिवारी (15) भी पहुंचा था। बताया जा रहा है कि इस बीच नीतेंद्र की कक्षा में साथ पढ़ने वाले नाबालिग छात्र (सुप्रीम कोर्ट की गाइड़ लाइंस के मुताबिक नाम नहीं उजागर किया जा सकता है) ने चाकू निकाल लिया।

छात्र-छात्राएं कुछ समझ पाते हमलावर छात्र ने नीतेंद्र को दबोच लिया और उस पर चाकू से ताबड़तोड़ कई प्रहार किए। वारदात देख छात्र-छात्राओं के बीच चीख-पुकार मच गई। तमाम सहमें स्टूडेंट्स दुबक गए। शोर-शराबा सुनकर स्कूल के अध्यापक और स्टाफ पहुंचा तो लहूलुहान नीतेंद्र जमीन पर तड़प रहा था। हमलावर को दबोचने के बाद स्कूल का स्टाफ छात्र को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


वारदात की खबर मिलते ही बिधनू थानेदार फोर्स के साथ पहुंचे। थोड़ी देर बाद DCP अंकिता शर्मा भी पहुंच गई। DCP ने मीडिया को बताया कि आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। छानबीन में पता चला है कि हत्यारोपित का नीतेंद्र से का कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। दोनों के बीच कई बार बहस भी हुई थी। साथ ही स्कूल के प्रबंधतंत्र से भी पूछताछ की जा रही है कि स्कूल की1 सिक्योरिटी में कैसे चूक हुई।

 

 

 

  • उपद्रवी युवकों ने नारेबाजी कर माहौल को गर्माया
  • तंग गली में दूसरे पक्ष के लोगों ने किया पथराव
  • बवाल की सूचना पर ACP फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे
  • DCP बोले CCTV कैमरों की मदद से की जाएगी शिनाख्त 
  • घटना की पृष्ठभूमि के पीछे कई तरह की चर्चाएं



Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के संवेदनशील शहर Kanpur का माहौल Sunday की दोपहर कुछ असमाजिक तत्वों ने बिगाड़ने का प्रयास किया। घटना शहर के अतिसंवेदनशील बजरिया थाना क्षेत्र में हुई। तंग गली में पथराव की सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस की सतर्कता से बड़ी घटना टल गई। अफसर काफी देर तक डैमेज को कंट्रोल करने की जद्दोजहद करते दिखाई दिए। संवेदनशीलता को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की टुकड़ी भी मौके पर रवाना की गई। थाने के अंदर और बाहर काफी देर तक भीड़ जमा रही। भीड़ को समझाने में प्रशासन के पसीने छूट गए। वर्ग विशेषकी भीड़ काफी देर सड़क पर मौजूद रही। 


ACP अकमल खान का ने बताया कि सूचना पर वह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन कोई मिला नहीं। एक इमाम साहब मिले हैं। उनसे बातचीत कर जानकारी जुटाई जा रही है। ACP अकमल खान ने कहा कि मौके पर कौन-कौन आया था...? यह जांच का विषय है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।
 

 
वहीं, मीडिया से बातचीत में DCP (Central) प्रमोद कुमार ने कहा कि सूचना मिलने पर सर्किल की फोर्स मौका-ए-वारदात पर पहुंची थी। आसपास के CCTV फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। फुटेज के जरिए पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि मौके पर कौन-कौन आया था...? फिलहाल स्थित पूरी तरह से सामान्य है।

घटना के पीछे की पृष्ठभूमि को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही है। पहला ये कि अखाड़े की भूमि के पासस एक चबूतरा है। वहां मोहर्रम पर किसी ने जूते-चप्पल न पहनकर आने का पोस्टर लगाया था। आरोप है कि उसे किसी ने फाड़ दिया। जिसके बाद पथराव की घटना हुई।

 


 जब कि Social Media पर खबर और चर्चा ये है कि एक धर्मस्थल को खाली कराने के लिए शहर के दो माननीयपहुंचे थे। जिसके बाद वहां नारेबाजी हुई। दोनों माननीयमौके की नजाकत को भांप वहां से निकल गए। उसके बाद कुछ लोगों ने पथराव कर दिया।

 


घटना से जुड़ा एक Video भी Social Media पर viral हो रहा है। इस वीडियो में भीड़ के बीच से पुलिस की गाड़ी आ रही है। चालक पुलिस की जीप को ड्राइव कर रहा है। गाड़ी में कोई बैठा नहीं है। कुछ लोग दौड़ते भी दिखाई दे रहे हैं।