• 30 जुलाई को होगी नामांकन पत्रों की जांच
  • नामांकन वापसी की तारीख 31 जुलाई है मुकर्रर
  • खाकी की कड़ी निगरानी के बीच प्रत्याशियों ने भरा पर्चा 
  • "चुनावी टेंडर" के "ठेकेदारों" ने Election से बनाई दूरी
  • कचहरी में खाकी और खुफिया का "पहरा" रहा "गहरा"

Yogesh Tripathi

The Lawyers Association Election 2025  (Kanpur) की नामांकन प्रक्रिया मंगलवार को पूरी हो गई। अध्यक्ष पद पर 6, महामंत्री पद पर 8 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर 5 प्रत्याशी, कनिष्ठ उपाध्यक्ष में 7, कोषाध्यक्ष पद में 4, संयुक्त मंत्री प्रशासन पद में 9, संयुक्त मंत्री प्रकाशन पद में 3, वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य पद में 10, कनिष्ठ कार्यकारिणी पद में 17 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया। 


नामांकन प्रक्रिया के दौरान एल्डर्स कमेटी के सदस्य देवनाथ शुक्ला , रामप्रताप सिंह चौहान, प्रबल प्रताप सिंह यादव (सभी अधिवक्ता) एवं राजेश कुमार यादव (अधिवक्ता/मुख्य चुनाव अधिकारी), और अधिवक्ता अरुण तिवारी मौजूद रहे। सभी नामांकन पत्र श्रीराम कुमार शुक्ला हाल में एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन श्री रवि मोहन कटियार (अधिवक्ता) की अध्यक्षता में लिए गए। एल्डर्स कमेटी ने सभी प्रत्याशियों से एक शपथ पत्र इस आशय के तहत लिया है कि चुनाव आचार संहिता का पालन पूर्ण रूप से हो। 

30 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 31 जुनाई को प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं। मंगलवार को नामांकन के दौरान पुलिस के साथ-साथ खुफिया भी काफी सतर्क रही। प्रत्याशियों ने समर्थकों के साथ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला लेकिन इस बार नजारा कुछ "जुदा-जुदा" सा था। 



"चुनावी टेंडर" के "ठेकेदार" पुलिस की सख्ती के आगे इस बार बेबस और लाचार नजर आए। करीब-करीब सभी ने इस बार के चुनाव से दूरी बना रक्खी है। समर्थकों ने नारेबाजी तो की लेकिन हर बार जैसा हो-हुल्लड़ नहीं हुआ। Out Sider की भीड़ भी इस बार काफी कम रही। प्रत्याशी अपने समर्थकों के बीच सिर्फ लंच पैकेट, फल-फ्रूट और पानी की बोतल ही बांट सके। "रंगीन पानी" की बोतल का वितरण इस चुनाव में खुले तौर पर नहीं हो पा रहा है। सबकुछ पर्दे के पीछे से संचालित है। 

चुनावी तस्वीर बिल्कुल भी साफ नहीं है। हर पद पर घमासन मचा मचा है। अध्यक्ष पद पर अरविंद कुमार दिवेदी मजबूती से डटे हुए हैं। राकेश सचान और अरविंद कुमार दीक्षित उन्हें चुनौती देते नजर आ रहे हैं। दिनेश चंद्र वर्मा और सैय्यद सिकंदर आलम अध्यक्ष पद के चुनाव को दिलचस्प बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। News Portal से बातचीत के दौरान कुछ सीनियर्स अधिवक्ताओं ने कहा कि चुनाव की असली तस्वीर अगले तीन से चार दिन में साफ होती नजर आएगी।  उसके बाद ही मालूम चलेगा कि सीधी फाइट होगी या फिर चुनाव त्रिकोणीय बनेगा। अभी कुछ भी कहना गलत है। 



महामंत्री पद का नजारा सबसे अलग है। इस पद पर 8 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरा है। 2024 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे राजीव यादव इस बार और मजबूती से चुनाव में खड़े हैं। राजीव यादव ने वर्ष 1999 में डी.सी ऑफ लॉ कालेज के अध्यक्ष का चुनाव जीता था।  सुनील पांडेय उनको टक्कर दे रहे हैं। 2024 के चुनाव में सुनील पांडेय तीसरे नंबर पर थे। अभय शर्मा और नवनीत कुमार पांडेय चुनाव का पूरा माहौल बनाए हुए हैं। चुनावी "शोर" देशबंधु तिवारी का भी  है। 



संयुक्त मंत्री प्रकाशन में भानु प्रताप सिंह चौहान को अभिषेक चौरसिया और आलोक कुमार दुबे चुनौती दे रहे हैं। जबकि संयुक्त मंत्री पुस्तकालय के पद पर प्रेम शंकर मिश्रा को तरुण कुमार कुशवाहा, जसविंदर सिंह, शशि गौतम और वरुण यादव से चुनौती मिल रही है। अन्य पदों पर भी प्रत्याशी अपनी जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं। अंदर की खबर ये है कि पुलिस, प्रशासन और खुफिया न सिर्फ सतर्क हैं बल्कि "पहरा काफी गहरा" किए हुए हैं। यही वजह है कि The Lawyers Association Election 2025  (Kanpur) में सूई पटक सन्नाटा है। 


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