-7 साल पहले महाराजपुर थाना एरिया में हुई थी वारदात

-मिट्टी का तेल डालकर दहेज लोभियों ने युवती को जिंदा फूंका था

-ADJ/FTC-41 (महिला अपराध विरुद्ध) कोर्ट ने सुनाया फैसला


 

Central Desk

Kanpur की ADJ/FTC-41 (महिला अपराध विरुद्ध) कोर्ट की विद्धान जज Tanu Bhatnagar ने दहेज हत्या के मामले में पति, सास और ससुर को दोषी करार देते हुए सजा मुकर्रर की। पति को 10 साल और सास, ससुर, देवर को 7-7 साल कारावास के साथ कोर्ट ने सभी पर अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने अभियुक्तों को धारा 302 से बरी कर दिया।

मुकदमा वादी राजपाल ने 2014 में महाराजपुर थाने में जसवंत उर्फ होरीलाल रैदास, उसके पिता धनीराम रैदास, मां रामश्री रैदास और जसवंत के भाई छोटू रैदास के खिलाफ IPC की धारा 498-A, 304-B, ¾ DP Act के तहत FIR दर्ज कराई थी। थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक राजपाल ने अपनी बेटी लक्ष्मीं देवी की शादी जसवंत उर्फ होरी लाल के साथ 11 जुलाई 2008 को हिन्दू रीति-रिवाज के साथ की थी। विवाह में उसने अपने सामर्थ्य के मुताबिक दान-दहेज भी दिया था। लेकिन शादी के बाद से ही ससुरालीजन उसकी बेटी लक्ष्मी देवी को अतिरिक्त दहेज की मांग के लिए प्रताड़ित करने लगे।

दहेज के लिए लक्ष्मीं देवी को ससुराल पक्ष के लोगों ने कई बार प्रताड़ित कर मारपीट की। सभी लक्ष्मीं देवी पर मायके से एक लाख रुपए लाने का दबाव बनाने लगे। 2011 में भी मारपीट की गई लेकिन पीड़ित पक्ष ने बाद में समझौता कर लिया। थाने में लिखाई गई रिपोर्ट के मुताबिक पति और देवर शराब के नशे में लक्ष्मीं देवी के साथ मारपीट करते थे।

15/16 फरवरी 2014 को ससुरालीजनों ने मारपीट करने के बाद लक्ष्मी देवी पर केरोसिन छिड़क आग लगा दी। गंभीर रूप से झुलसी लक्ष्मीं देवी का हैलट अस्पताल में उपचार करवाया गया लेकिन उसकी मौत हो गई। शव का विच्छेदन करने वाले चिकित्सक, विवेचक समेत कई गवाहों ने कोर्ट में पेश होकर गवाही दी।  

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) Vinod Tripathi ने बहस के दौरान मुल्जिमों को कड़ी से कड़ी सजा मुकर्रर किए जाने की प्रार्थना से कोर्ट से की। विद्धान जज Tanu Bhatnagar ने गवाहों की गवाही और तमाम साक्ष्य-सबूतों को देखने व सुनने के बाद पति जसंवत उर्फ होरीलाल रैदास को IPC की धारा 304-B के तहत 10 साल और ¾ DP एक्ट के तहत दो साल के कारावास की सजा मुकर्रर की। साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट ने अभियुक्त को 302 की धारा से बरी कर दिया। अदालत ने धनीराम रैदास, रामश्री रैदास और छोटू रैदास को IPC की धारा 304 के तहत दोषी करार देते हुए 7-7 साल और ¾ DP Act के तहत 2-2 वर्ष की सजा सुनाई। सभी पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगया।

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