-ADJ/FTC (41) Court ने आरोपी के माता-पिता को किया बरी

-10 साल पहले रायपुरवा थाना एरिया में हुई थी वारदात

-Court ने तीन अलग-अलग धाराओं में मुकर्रर की 7-7 साल की सजा

Yogesh Tripathi

Kanpur की फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC-41) (महिला अपराध विरुद्ध) की Judge Tanu Bhatnagar ने नाबालिग लड़की को भगा ले जाने और Rape करने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए IPC की तीन अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा मुकर्रर की। Court ने आरोपी पर अर्थदंड भी लगाया। अदालत ने मामले में दो लोगों के दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया।

वादी मुकदमा ने 13 अगस्त 2010 को रायपुरवा थाने में साईपुरवा कच्ची बस्ती जूही निवासी रोहित के खिलाफ IPC की धारा 363, 366 और 376 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराते हुए बताया था कि आरोपी उसकी 13 साल की नाबालिग बेटी को भगा ले गया था। बेटी को ले जाते समय मुकदमा वादी की पत्नी और पड़ोसियों ने रोहित को देखा था। मुकदमा वादी ने रोहित की मां मिथिलेश और उसके पिता हरीराम उर्फ गप्पल पर कांड में आरोपी की मदद करने का आरोप लगाया था।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) Vinod Tripathi और Indu Lata Shukla के मुताबिक पीड़िता और उसकी मां ने हरीराम और उसकी पत्नी के खिलाफ अपने बयान में नाम नहीं लिया, और न ही दोनों की अपराध में किसी तरह की संलिप्तता बताई। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भी हरीराम और उसकी पत्नी का नाम नहीं लिया। 

विद्धान Judge Tanu Bhatnagar ने हरीराम और उसकी पत्नी को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। Court ने रोहित को दोषी करार देते हुए IPC की धारा 363 के तहत 7 साल की कैद और 20 हजार रुपए का अर्थदंड, धारा 366 के तहत दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा और 20 हजार रुपए का जुर्माना व 376 में दोष साबित होने पर 7 साल का कारावास के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने जुर्माना की राशि न अदा करने पर प्रत्येक धारा में तीन महीने अतिरिक्त कारावास का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने जुर्माने की राशि से 50 हजार रुपया पीड़िता को देने का आदेश भी दिया।

 

Axact

Axact

Vestibulum bibendum felis sit amet dolor auctor molestie. In dignissim eget nibh id dapibus. Fusce et suscipit orci. Aliquam sit amet urna lorem. Duis eu imperdiet nunc, non imperdiet libero.

Post A Comment:

0 comments: