• Uttar Pradesh की Yogi Cabinet में MSME Minister हैं राकेश सचान
  • 31 साल पुराने मामले में ACMM (3) की Court में थी राकेश सचान की पेशी
  • कोर्ट में सुनवाई से पहले कैबिनेट मंत्री की बिगड़ी तबियत 
  • वर्ष 91 में तत्कालीन नौबस्ता SO ब्रजमोहन उदैनिया ने दर्ज की थी राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट

Rakesh Sachan (Cabinet Minister) MSME (Uttar Pradesh)

Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh की Yogi Aditya Nath Covernment में Cabinet Minister (MSME) राकेश सचान की शनिवार को Kanpur की  ACMM (3) कोर्ट में आर्म्स एक्ट के मामले में पेशी होनी थी लेकिन उससे पहले ही उनकी तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया। इससे पहले WhatsApp पर उनके खिलाफ घटनाक्रम से जुड़ी तमाम Fake News पूरे दिन भर Viral होती रहीं। गिट्टी चोरी से लेकर कोर्ट से गायब होने की खबरें पूरे दिन चलीं। 

Kanpur Dehat में मंत्री राकेश सचान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ मुकदमें हमारे लंबित है। जिसमें अक्सर तारीख वगैरह पड़ती रहती है। सभी मुकदमें उनके विद्यार्थी जीवन के हैं जो कि राजनीति से प्रेरित हैं। आज भी एक मुकदमें तारीख लगी थी। जिसमें शायद आगे की तारीख पड़ी है। हमें कुछ मालुम नहीं है। हम अपने वकील से पूछेंगे कि कौन सी तारीख पड़ी है। जो भी खबरें सोशल मीडिया में चल रही हैं वो पूरी तरह से भ्रामक और बेबुनियाद हैं। वहीं, इस खबर के Viral होने के बाद समाजवादी पार्टी को भी बढ़िया मौका मिला और Tweet कर सपा ने बीजेपी पर तंज कसा।

 

सोशल मीडिया पर खबरें वॉयरल होने के बाद कानपुर देहात में पत्रकारों से बातचीत करते मंत्री राकेश सचान

अवैध असलहे के मामले में दर्ज हुई थी FIR  

80 के दशक में Dav College से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले राकेश सचान के खिलाफ 31 साल पहले 13 अगस्त 1991 को नौबस्ता के तत्कालीन SO ब्रजमोहन उदैनिया ने आर्म्स एक्ट की धारा के तहत राकेश सचान के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड कराई थी। आरोप था कि राकेश सचान के पास से राइफल बरामद हुई है, जिसका लाइसेंस वह नहीं दिखा सके थे। राकेश सचान के वकील का कहना है कि राइफल उनके नाना जी की है। उस समय नाना जी भी मौजूद थे लेकिन पुलिस ने राइफल की बरामदगी उनके पास से दिखा दी। अवैध राइफल रखने का मुकदमा कोर्ट में लंबित था। शनिवार को ACMM (3) कोर्ट में राकेश सचान की पेशी थी। राकेश सचान पेशी पर पहुंचे भी लेकिन बताया जा रहा है कि कोर्ट के बाहर उनकी तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उनके वकील ने हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दे दिया। कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने के बाद मंत्री वापस लौट गए। अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता का कहना है कि मामला शनिवार को सुनवाई पर था। जिस पर अभियोजन की तरफ से फाइनल बहस कर दी गई। विपक्षी (मतलब राकेश सचान) के अधिवक्ता भी कोर्ट में मौजूद थे।  अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश के लिए फाइल सुरक्षित रख ली है।

जनता दल के टिकट पर चुने गए थे पहली बार MLA

जनता दल के टिकट पर राकेश सचान वर्ष 93 में घाटमपुर से चुनाव लड़कर विधायक भी बन गए। उसके बाद वह सपा के टिकट पर भी वर्ष 2002 में विधायक बने। 2009 में वह सपा के टिकट पर फतेहपुर से सांसद भी बने थे लेकिन मुकदमा कोर्ट में धीमी गति से रेंग रहा था। सपा सरकार में मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह का बेहद करीबी होने की वजह से राकेश सचान की तूती बोलती थी। इस बीच उन्होंने राजनीति में अपनी पत्नी सीमा सचान की भी एंट्री करवा दी। सीमा भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। 

बीजेपी के नेशनल प्रेसीडेंट जेपी नड्डा के साथ कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Photo साभार Google)

वर्ष 2019 में कांग्रेस का हाथ थाम लिया 

राकेश सचान ने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के समय ही सपा का दामन छोड़ा और कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया। लेकिन कांग्रेस में उनको अपना भविष्य नहीं दिखाई दे रहा था। इस लिए वर्ष 2022 के यूपी विधान सभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का "भगवा चोला" ओढ़ लिया। बीजेपी ने भी राकेश को निराश नहीं किया और Kanpur Dehat के अपने वरिष्ठ कार्यकर्ताओ को ताक पर रखने के बाद राकेश सचान को टिकट दे दिया। राकेश सचान चुनाव जीत गए। जातिगत समीकरण के मद्देनजर बीजेपी हाईकमान ने राकेश सचान को कुर्मी और पिछडों के वोट पर पकड़ बनाने के लिए उन्हें कैबनेट मंत्री बना दिया। MSME जैसा बढ़िया विभाग भी उन्हें आवंटित कर दिया गया। 


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