- RSS (East UP) के क्षेत्रसंघ चालक वीरेंद्र जीत सिंह ने दिया इस्तीफा
- Krishna Mohan को RSS ने क्षेत्रसंघ चालक की जिम्मेदारी सौंपी
- BJP हाईकमान ने सिटिंग MLA & MLC को टिकट देने से दूरी बनाई
- सतीश महाना पहले ही दावेदारी से नाम वापस ले चुके हैं
- सत्यदेव पचौरी भी अंतिम दौर में एड़ी-चोटी का जोर लगाया
- RSS के दिग्गज Neetu Singh की पैरवी में कर रहे हैं तगड़ी लामबंदी
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh की Kanpur लोकसभा सीट अब काफी "हॉट" हो चुकी है। इस सीट पर BJP से लोकसभा का प्रत्याशी कौन बनेगा यह अब Prime Minister Of India की टेबल पर तय होगा। प्रत्याशिता के अंतिम रेस में एड़ी-चोटी का जोर लगाए निवर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी को "सियासी पिच" पर उनकी ही बेटी Neetu Singh तगड़ी चुनौती दे रही हैं। उधर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से एक बड़ी खबर ये आ रही है कि क्षेत्र संघ चालक वीरेंद्र जीत सिंह ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। राजनीति के जानकारों की मानें तो RSS के इस "बलिदान" का लोकसभा के टिकट पर साफ-साफ फर्क पड़ेगा। वीरेंद्र जीत सिंह के इस्तीफा देने के पीछे कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। RSS ने उनकी जगह Krishna Mohan को क्षेत्र संघ चालक बनाया है।
पिछले दिनों BJP की तरफ से जारी प्रत्याशियों की पहली सूची में सिटिंग सांसद सत्यदेव पचौरी का नाम नहीं था। कयास लगाए जा रहे थे कि 75 की उम्र पार कर चुके सत्यदेव पचौरी को हाईकमान ने साइड लाइन कर दिया है लेकिन राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी कहे जाने वाले पचौरी ने हार नहीं मानी और दिल्ली में डेरा डाल "अंगद" की तरह अपने पांव जमा दिए। हाईकमान के सामने उन्होंने पांच साल के दौरान अपने विकास कार्यों का लेखाजोखा रक्खा। उनके समर्थन में कई दिग्गजों की पैरवी भी रंग लाई।
वहीं दूसरी तरफ RSS के कई बड़े दिग्गज सत्यदेव पचौरी की बेटी Neetu Singh के लिए लामबंदी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अंतिम समय पिता-पुत्री ही रेस में थे। 2019 में गंगा मेला के दिन सत्यदेव पचौरी की टिकट हाईकमान ने फाइनल की और वह प्रत्याशी बने। इसके बाद विधान सभा और महापौर के लिए भी Neetu Singh का नाम खूब चला। महापौर की टिकट के लिए तो उनका नाम करीब-करीब पक्का था लेकिन ऐन वक्त पर दिल्ली में बैठे शीर्ष नेतृत्व ने एक दिग्गज की पैरवी पर प्रमिला पांडेय की टिकट फिर से रिपीट कर दी। महापौर की टिकट न मिलने के बाद RSS के तमाम कद्दावर काफी नाराज भी हुए लेकिन सबको बाद में मैनेज कर लिया गया। इस बीच Neetu Singh की सामाजिक सक्रियता पहले से काफी बढ़ गई।
(News Portal) के पास जो जानकारियां हैं उसके मुताबिक Neetu Singh को टिकट दिलाने के लिए RSS ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रक्खा है। क्षेत्र संघ चालक के पद से इस्तीफा देने वाले वीरेंद्र जीत सिंह Neetu Singh के ससुर हैं। संघ के लोगों का मानना है कि ये इस्तीफा नहीं बल्कि "बलिदान" है। उल्लंलेखनीय है कि लंबे समय तक यह पद वीरेंद्र जीत सिंह परिवार और स्वर्गीय ईश्वर चंद्र गुप्त के पास ही रहा है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि Uttar Pradesh के तमाम जनपदों में वीरेंद्र जीत सिंह के पिता स्वर्गीय बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह ने RSS की नींव डाली थी। उनके निधन के बाद से यह जिम्मेदारी ईश्वर चंद्र गुप्त को मिली। ईश्वर चंद्र गुप्त के बाद से संघ परिवार की यह बड़ी जिम्मेदारी Neetu Singh के ससुर अपने कंधों पर उठा रहे थे।
Note----Kanpur लोकसभा सीट से BJP किसको प्रत्याशी बनाएगी...??? यह किसी को फिलहाल नहीं मालुम हैं। सूत्रों की मानें तो प्रत्याशी के नाम पर Final मोहर लग चुकी है। प्रत्याशी के नाम की अधिकृत घोषणा यदि आज रात्रि तक नहीं हुई तो फिर 20 मार्च को कभी भी हो सकती है। एडवांटेज Neetu Singh को मिलने की चर्चा है।
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