•  JCP (Lucknow) नीलाब्जा चौधरी जांच के पीठासीन अधिकारी बने
  • शासन की तरफ से गठित SIT की जांच में दोषी पाए जा चुके हैं अनंत देव
  • अनंत देव को जल्द पेश होकर देना होगा जवाब

 


Yogesh Tripathi

Kanpur में SSP/DIG के पद पर तैनात रहे IPS Officer अनंत देव तिवारी पर Bikru Case को लेकर तगड़ा शिकंजा कसता जा रहा है। Bikru Case की जांच के लिए शासन की तरफ से गठित SIT की जांच में दोषी पाए गए अनंत देव तिवारी के खिलाफ अब विभागीय जांच भी Start हो गई है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस क्राइम नीलाब्जा चौधरी को पीठासीन अधिकारी और कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था को प्रेसेंटिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। शुक्रवार को JCP (Crime) ने मामले की सुनवाई भी की। 

बिकरू कांड में शहीद सीओ स्वर्गीय देवेंद्र मिश्रा।

CO देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मी हुए थे शहीद

2/3 जुलाई 2020 की रात्रि को बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके दर्जन भर से अधिक गुर्गों ने स्वचालित हथियारों से लैस होकर अंधाधुंध गोलियां दागी थीं। फायरिंग में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। करीब आधा दर्जन पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इस बड़ी वारदात के बाद Kanpur में SSP/DIG के पद पर कार्यरत रहे अनंत देव तिवारी की तमाम करतूतें उजागर हुईं। शहीद सीओ देवेंद्र सिंह का एक पत्र और तमाम आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। वॉयरल शिकायती पत्र गैंगस्टर विकास दुबे और जेल में बंद चौबेपुर थाना के तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। 

 IPS Officer  अनंतदेव पर आरोप था कि उन्होंने सीओ के पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। उक्त पत्र की जांच आईजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह ने की थी। जांच में सामने आया था कि सीओ ने पत्र लिखा था पर उसे SSP/DIG को भेजा नहीं था। इस आधार पर अनंतदेव को क्लीन चिट मिल गई थी। इसी दौरान शहीद सीओ की ऑडियो रिकार्डिंग वायरल हो गईं। जिसमें वह चौबेपुर और बिल्हौर के बीच एक मवेशियों भरे ट्रक की डीलिंग और उसमें पूर्व डीआईजी की भूमिका बताई जा रही थी। करीब डेढ़ दर्जन से अधिक आडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हुए। जिसके बाद शासनिक और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।

शासन की जांच में दोषी पाए जा चुके हैं अनंत देव

Bikru Case के बाद शासन के आदेश पर SIT टीम का गठन किया गया। SIT की जांच में अनंतदेव को कुख्यात विकास दुबे, उसके फायनेंसर जयकांत बाजपेई और पूर्व एसओ विनय तिवारी के खिलाफ कोई ठोस कदम न उठाने का दोषी माना गया। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एडीजी हरीराम शर्मा और डीआईजी जे. रविंद्र गौड ने एक हजार पन्ने की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी है। जिसमें अनंत देव को दोषी बताया गया है।

शुक्रवार को लखनऊ में पीठासीन अधिकारी नीलाब्जा चौधरी के सामने प्रेजेंटिंग ऑफिसर एडिश्नल पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरी ने इस मामले से जुड़े सभी उपलब्ध दस्तावेज रखे। अनंतदेव पर जो आरोप लगे हैं, वह किन कागजातों के आधार पर लगाए गए हैं, इसकी एक कॉपी उन्हें भी उपलब्ध कराई गई। अब इस मामले में अनंतदेव को अपना जवाब दाखिल करना होगा।


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