-RTI Activist सौरभ भदौरिया की शिकायत को गृह मंत्रालय ने संज्ञान में लिया

-HMO ने यूपी के गृह सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई कर अवगत कराने का दिया निर्देश

-6 IPS, 16 PPS अफसरों समेत 76 पुलिस वालों पर कभी भी हो सकती है कार्रवाई


Yogesh Tripathi

Bikru Case के बाद STF के हाथों Encounter में ढेर हुए Gangster Vikas Dubey के हमदर्द 76 पुलिस वालों पर जल्द कार्रवाई का हंटर चल सकता है। RTI Activist और अधिवक्ता सौरभ भदौरिया की शिकायत को गृहमंत्रालय ने संज्ञान में लेते हुए यूपी के सचिव को पत्र लिखकर इन पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर अवगत कराने के लिए पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं। विकास दुबे के हमदर्द रहे इन 76 पुलिस कर्मियों में 6 IPS और 16 PPS स्तर के पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

सौरभ भदौरिया का कहना है कि सभी 76 पुलिस कर्मियों की वह सबूत और साक्ष्यों के साथ लगातार शिकायतें करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक इन सभी पर कार्रवाई नहीं की गई है। ये सभी पुलिस कर्मी एनकाउंटर में मारे जा चुके गैंगस्टर विकास दुबे और जेल की सलाखों के पीछे कैद जयकांत बाजपेयी की समय-समय पर परोक्ष और अपरोक्ष तौर पर मदद की थी। 

इसके बदले सभी कई तरह के लाभ भी अर्जित किए। सौरभ का आरोप है कि Kanpur में तैनात कई दरोगा और इंस्पेक्टर के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। ये सभी सपा के कार्यकाल से चार्ज पर हैं। सौरभ का दावा है कि निचले स्तर के पुलिस कर्मियों ने कानून से बचाने में गैंगस्टर और उसके खजांची का साथ दिया। बकौल सौरभ जल्द ही वह यूपी के गृह सचिव के सम्मुख पेश होकर अपने बयान दर्ज कराएंगे।

STF ने Kanpur Dehat Police की सजगता पर उठाए सवाल

Bikru Case के बाद अपने गुर्गों के साथ फरार हुए Gangster Vikas Dubey की मदद करने वालों को STF ने करीब दो सप्ताह पहले असलहों के साथ Arrest किया था। पूछताछ में जो जानकारियां अभियुक्तों की तरफ से मिलीं वो बेहद चौंकाने वाली थीं। STF ने इस पूरे प्रकरण में Kanpur Dehat Police की सजगता पर सवाल उठाए हैं। IG (Kanpur Range) मोहित अग्रवाल ने Kanpur Dehat के SP को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया है।

STF ने विकास दुबे की फरार के दौरान मदद करने वाले 7 लोगों को .30 स्प्रिंग फील्ड राइफल, बंदूक और अन्य हथियारों के साथ पनकी थाना एरिया से Arrest किया था। Vikas Dubey को पनाह देने वाले इन सभी अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वारदात के बाद विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा करीब 60 घंटे से अधिक समय तक Kanpur Dehat जनपद में रहे। सभी ने खरीददारी भी की थी। 

इस दौरान तीनों करीब 40 घंटे से अधिक समय तक रसूलाबाद थाना एरिया में भी ठहरे। उल्लेखनीय है कि Bikru Case के बाद हाई अलर्ट जारी था। यूपी की सभी सीमाएं सील कर दी गई थीं। ऐसे में विकास और उसके गुर्गों का 60 घंटे से अधिक समय तक जनपद की सीमा में ठहरना और खरीददारी करना निश्चित तौर पर कहीं न कहीं Kanpur Dehat Police की सजगता पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

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