-35 साल पहले टूरिस्ट वीजा पर आई थी India

-गुदाऊ गांव के अजमत अली से किया निकाह

-प्रधान की Death के बाद बनीं कार्यवाहक ग्राम प्रधान

-FIR के बाद फरार हो गई थी बानो बेगम 

Central Desk

Uttar Pradesh के एटा जनपद में Pakistan की बानो बानो एक गांव की कार्यवाहक ग्राम प्रधान बन गई। Pak महिला के प्रधान बनने का खुलासा होते ही प्रशासनिक अमले में हड़ंकप मच गया। पंचायती राज अधिकारी के निर्देश पर बानो बेगम के खिलाफ Police ने FIR रजिस्टर्ड कर गिरफ्तारी के लिए दबिश दी लेकिन वह फरार हो गई। खासी मशक्कत के बाद Police बानो बेगम को Arrest कर में सफल हो सकी। बेगम को Police ने Court में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। 

एटा जिले के जलेसर स्थित ग्राम गुदाऊ में बानो बेगम को अक्तूबर 2020 में ग्राम प्रधान की Death के बाद कार्यावहक ग्राम प्रधान बनाया गया। Pakistan की बानो बेगम करीब करीब 35 साल  पहले अपने माता-पिता के साथ टूरिस्ट वीजा पर Uttar Pradesh के एटा जनपद स्थित गुदाऊ गांव आई थी। बानो बेगम ने गांव के अजमत अली से निकाह कर लिया। निकाह के बाद से बानो बेगम को हर तीन साल के बाद वीजा का एक्सटेंशन मिलता रहा। पिछले ग्राम पंचायत चुनाव में बेगम सदस्य के पद पर निर्वाचित हुई। प्रधान के निधन के बाद अक्टूबर, 2020 में उसको ग्राम पंचायत समिति का अध्यक्ष मनोनीत कर कार्यवाहक ग्राम प्रधान भी बना दिया गया।

20 दिसंबर 2020 को शिकायत पर बानो बेगम ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके खिलाफ ग्राम पंचायत सचिव ध्यानपाल सिंह ने एक जनवरी को धोखाधड़ी और विदेशी अधिनियम की धारा में FIR दर्ज कराई थी। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद बानो बेगम फरार हो गई। एटा पुलिस बानो बेगम की गिरफ्तारी के लिए तमाम प्रयास किए लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। 

शुक्रवार देर रात सटीक सूचना पर पुलिस ने बानो बेगम को Arrest कर लिया। बताया जा रहा है कि चोरी छिपे बानो बेगम परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए घर पहुंची थी। सटीक मुखबिरी के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को कोर्ट ने बानो बेगम को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पुलिस के मुताबिक बानो जब पहली बार ग्राम पंचायत समिति की सदस्य बनी तो उस समय उसका आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आइडी कार्ड भी बना था।

बानो ने नियम कायदे को ताक पर रखा

 Pakistan की बानो बेगम यूं तो तीन दशक पहले अजमत अली से निकाह कर वीजा एक्सटेंशन पर रह रही हैं। नियमानुसार वीजा धारक विदेशी भारत में कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है लेकिन नियमों को ताक पर रखकर बानो बेगम ने आधार कार्ड, वोट कार्ड, राशन कार्ड तक बनवा लिया। बानो बेगम के कार्यवाहक प्रधान बनने के बाद गांव के लोगों ने आपत्ति जताई और शिकायत की थी। मामले की जांच हुई तो सारी पोल खुल गई। तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव ध्यान सिंह ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई थी।

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