-उत्तर में सुनील बजाज, देहात में अविनाश, ग्रामीण में कृष्ण मुरारी को कमान

-1995 में बीजेपी के टिकट पर पार्षद बनीं थी डॉ.बीना आर्या

-जातिगत समीकरण का हाईकमान ने रखा पूरा ध्यान

 

 Yogesh Tripathi


काफी जद्दोजहद के बाद BJP हाईकमान ने Kanpur से जुड़े चार जिलाध्यक्षों के नाम पर देर रात्रि को अपनी फाइनल मुहर लगा दी। हाईकमान ने संगठन में लंबे समय से काम कर रहे खांटी के कार्यकर्ताओं की जिलाध्यक्ष के कुर्सी पर ताजपोशी की। सभी जिलाध्यक्ष तमाम माननीयोंकी इच्छा के विपरीत हाईकमान ने बनाए हैं। बड़े सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह और दोनों सांसदों की खूब चली। उनकी पसंद को वरीयता देकर हाईकमान ने शहर के बीजेपी नेताओं को कई संदेश दिए हैं। 


करीब एक सप्ताह पहले उत्तर और दक्षिण जिले की जिलाध्यक्षी के लिए करीब 69 दावेदारों ने नामांकन भरा था। इसमें एक वांटेड का नाम भी शामिल था। सभी नामों को चुनाव अधिकारी ने प्रदेश नेतृत्व के पास भेज दिया था। देर रात प्रदेश नेतृत्व ने सूबे के कई जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की। कानपुर के उत्तर जिला की कमान सुनील बजाज को दी गई है। सुनील बजाज पिछले दो कार्यकाल से महामंत्री थे। 

दक्षिण में सामंजस्य बनाते हुए हाईकमान ने बीना आर्या पटेल को जिलाध्यक्ष बनाया है। इससे पहले अनीता गुप्ता दक्षिण की जिलाध्यक्ष थीं। इसी तरह कानपुर देहात में अविनाश सिंह को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अविनाश प्रदेश भाजयुमों को उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वे कानपुर-बुन्देलखंड के क्षेत्रीय मंत्री भी रहे हैं। कानपुर ग्रामीण में कृष्ण मुरारी शुक्ला को प्रदेश नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष बनाया है। कृष्ण मुरारी शुक्ला पुराने कार्यकर्ता हैं। देर रात्रि सभी नामों की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी का माहौल छा गया।

बजाज के नाम पर सभी की मौन स्वीकृति

BJP (North) प्रेसीडेंट को लेकर संगठन में कश्मकश अधिक रही। यहां से कई बड़े और प्रबल दावेदारों ने नामांकन कराया था। लेकिन हाईकमान ने अंततः सुनील बजाज के नाम पर फाइनल मुहर लगाई। सुनील बजाज दो कार्यकाल से बीजेपी उत्तर के महामंत्री थे। पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्रा के साथ व्यापार मंडल की राजनीति शुरु करने वाले सुनील बजाज को सुरेंद्र मैथानी का करीबी माना जाता रहा है। यही वजह रही कि सुरेंद्र मैथानी के दोनों कार्यकाल में वे महामंत्री बने। दोनों की करीबी संगठन के लोगों से भी छिपी नहीं है। सुनील बजाज की पार्टी के सभी गुटों में बेहतर पैठ है। सुरेंद्र मैथानी से उनके दूरी की भी खूब चर्चा है।

वर्ष 95 में पार्षद रह चुकी हैं डॉ बीना आर्या 


BJP (South की प्रेसीडेंट बनीं डॉ. बीना आर्या (पटेल) का नाम तो प्रदेश नेतृत्व ने पैनल में खुद शामिल कराया था। डॉ. बीना आर्या वर्तमान में क्षेत्रीय कमेटी में पदाधिकारी हैं। चर्चा है कि क्षेत्रीय अध्यक्ष और सांसद की पहल पर बीना आर्या को दक्षिण जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई। www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में डॉ. बीना आर्या पटेल ने बताया कि वर्ष 1995 में वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर पार्षद बनीं थीं। जिलाध्यक्ष बनने से पहले बीना आर्या क्षेत्रीय बीजेपी की मंत्री रही हैं। उनके मृदुभाषी व्यवहार और संगठन के प्रति ईमानदारी को देखते हुए हाईकमान ने उनको ये जिम्मेदारी सौंपी है। 
 

अविनाश को कानपुर देहात और कृष्णमुरारी को ग्रामीण की कमान

कानपुर देहात की कमान युवा नेता अविनाश चौहान को सौंपी गई है। चर्चा है कि हाईकमान ने क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह और सांसद देवेंद्र सिंह (भोले) का पूरा ख्याल रखा। दोनों की पसंद अविनाश सिंह ही थे। ग्रामीण जिलाध्यक्ष कृष्ण मुरारी शुक्ला को बनाकर बीजेपी ने ब्राम्हण कार्ड खेल सभी को खुश करने की पूरी कोशिश की।
Axact

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