गोविंदनगर (उपचुनाव) में दावेदारों के बीच जारी है "नूराकुश्ती"

नीरज चतुर्वेदी, अनूप पचौरी, सुरेंद्र मैथानी तगड़े दावेदार

महिला सशक्तीकरण का फार्मूला चला तो नीतू सिंह

मंडे को Delhi में होनी है कार्यसमिति की अहम बैठक


Yogesh Tripathi

... नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा, कहां कदरदान हमें ऐसा मिलेगा....। मौसम रंगीन है, आशिक रंगीन है....। कितना प्यासा है ये पैसे वाला....।

70 के दशक में आई सुपरहिट फिल्म रोटी का ये गीत काफी हद तक इस समय गोविंद नगर विधान सभा (212) के उपचुनाव में फिट बैठ रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो बाजराका भाव अभी और बढ़ेगा। राजनीतिक पंडितों की मानें तो बाजरा का रेट बढ़ाने के लिए इसे एक बड़ी रणनीति भी कह सकते हैं। ताकि अन्य दावेदारों का मनोबल चूर-चूर हो जाए। इस लिए सोशल मीडिया के जरिए काफी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। दबी जुबान से BJP के (Old Worker’s)  भी मानने लगे हैं कि बाजरा का भाव जिसका अधिक होगा टिकट उसी की ही Final होगी। आम कार्यकर्ता तो सिर्फ दरी बिछाने, पुलिस की लाठी खाने और मुकदमा व जेल जाने के लिए बना है। यूं तो BJP की तरफ से कई दर्जन दावेदारों ने आवेदन देकर प्रत्याशिता की ताल ठोकी हैं। लेकिन बाजरापर सिर्फ कुछ चुनिंदा गिने-चुने दावेदार ही फिट बैठ रहे हैं। इन्हीं चुनिंदा लोगों में ही अंतत: टिकट फाइनल होनी तय मानी जा रही है। 

“DK” की Meeting से बिगड़े BJP दावेदारों के समीकरण

सितंबर महीने की शुरुआत में “DK” के जरिए एक अहम मीटिंग राजधानी Delhi में हुई थी। मीटिंग Kanpur के बड़े नेता की प्रत्याशिता के लिए रखी गई थी। ये नेता जी फिलहाल दूसरे राजनीतिक दल से ताल्लुकात रखते हैं। सूत्रों की मानें तो BJP को दो शीर्ष दिग्गजों से मीटिंग के बाद बाजरा का भाव भी खोल दिया गया। अंदरखाने की मानें तो प्रत्याशिता के बदले यूपी के एक बड़े सिंडीकेट को भी जोड़ने का आश्वासन दिया गया। इस सिंडीकेट में कई बड़े नाम हैं। सभी उद्योग जगत से जुड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि सफल मीटिंग और रणनीति के बाद 6 सितंबर को वॉया प्लेन वापसी भी हो गई। इसकी चर्चाएं सोशल मीडिया पर भी हुईं।

रिहर्सल के बाद Kanpur का सियासी माहौल गर्म

सूत्रों पर यदि यकीन किया जाए तो शुक्रवार को एक ताकतवर नेता का बर्थ-डे था। मौका और दस्तूर देख नेताजीबधाई देने के बहाने Lucknow पहुंच गए। गिफ्ट भेंट करने के बाद संगठन के दो ताकतवर नेताओं से मुलाकात संपन्न भी नहीं हो पाई थी कि सोशल मीडिया पर उनके नाम का हल्ला मचने लगा। WhatsApp से लेकर facebook और Twitter पर उनके BJP ज्वाइन करने की खबरें उड़ने लगीं। सोशल मीडिया पर अपुष्ट खबरों से BJP से टिकट मांग रहे चुनिंदा दावेदारों के माथें पर बल पड़ गया। सभी ने अपने आकाओं से संपर्क साधा लेकिन किसी को सटीक जानकारी नहीं मिली। कयासों का दौर देर रात तक चलता रहा। 
नेताजीने कारखासों के जरिए कुछ ऑडियो तो Viral करवा दिए लेकिन खुद सामने स्पष्टीकरण देने नहीं आए। बड़े अखबार ने उनका बयान छापा। बयान देखकर ऐसा लगा कि मानों खंडन छापा है। नेताजी, ने न तो कोई प्रेस कांफ्रेस की और न किसी अखबार में प्रेस रिलीज भेजवाया, फिर एक अखबार को ही बयान क्यों ? क्या शहर में और अखबार नहीं हैं ? सवाल महत्वपूर्ण ये भी है कि पूर्व माननीयखुद मीडिया के सामने आकर स्पष्टीकरण नहीं देना चाहिए था ? या फिर वो प्रेस रिलीज भी जारी करवा सकते थे, यदि ये भी संभव नहीं था कि सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर वे अपनी बात रख पूरे मामले का खंडन कर सकते थे।

धुआं वहीं उठता है जहां आग लगी होती है

www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में बीजेपी से टिकट मांग रहे दो बड़े दावेदारों ने कहा कि कुछ तो है ये हल्ला यूं ही नहीं हुआ हैधुआं वहीं पर उठता है जहां आग लगी होती है एक दिग्गज ने तो यहां कह तक कह दिया कि यकीन मानिए यदि सबकुछ ठीक रहा तो सूबे के 3 बड़े दिग्गज यहां पर कैम्प करके चुनाव लड़ाएंगे और सरकारखुद मॉनीटरिंग करेंगे। कहा तो यहां तक जा रहा है कि क्षेत्र के एक बड़े पदाधिकारी के संज्ञान में बहुत सारी बातें हैं।

मंडे को Delhi में है कार्यसमिति की Meeting

BJP कार्यसमिति की बैठक मंडे को दिल्ली में हो रही है। समन्वय समिति के तमाम अहम लोग भी पहुंच रहे हैं। करीब आधा दर्जन दावेदार भी संडे की सुबह दिल्ली को कूच करेंगे। ये सभी दावेदार अपने-अपने आकाओं के जरिए टिकट के लिए पैरवी करवाएंगे। चूंकि चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू करते हुए चुनाव की तिथियां जारी कर दी हैं, इस लिए माना जा रहा है कि कार्यसमिति की बैठक के अगले कुछ घंटों बाद प्रत्याशी के नाम पर मुहर भी लगा दी जाएगी। वैसे ये घोषणा नवरात्रि में होनी थी।

अंत में भारी पड़ेंगे दो साइलेंट किलर

अब तक की सियासी नूराकुश्तीमें कई दावेदारों के बीच जोरदार अजमाइश चल रही है। नीरज चतुर्वेदी, अनूप पचौरी, सुरेंद्र मैथानी। कुछ नाम अंतिम समय के लिए रखे गए हैं। लेकिन इन सबके बीच दो बड़े साइलेंट किलरको लेकर भी दावेदार आशंकित हैं। ये दोनों ही काफी प्रभावशाली हैं और अभी तक ये दोनों खामोश भी हैं। माना जा रहा है कि अंतिम समय में ये दोनों काफी हद तक बाजी पलटेंगे अवश्य। इसमें एक पूर्व विधायक हैं और दूसरे कैबिनेट मंत्री। 

नोट---सुधी पाठकों से निवेदन है कि सभी बातें सोशल मीडिया पर चल रहे कयासों, चर्चाओं के साथ कुछ संभावित दावेदारों से बातचीत के आधार पर लिखी गई हैं। पोर्टल किसी की प्रत्याशिता पर दावा नहीं करता। पोर्टल का प्रयास है कि जो भी सियासी समीकरण कर पार्टी के अंदर या बहर चल रहे हैं उसे पाठक तक लाया जा सके।  


धन्यवाद।
Axact

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