Uttar Pradesh में कानून व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त बनाने के लिए UPCM  Yogi Adityanath ने प्रदेश के 16 जनपदों में 21 नए थाने और 11 जिलों में 12 नई पुलिस चौकियों खोले जाने की सौगात दी है। Kanpur Nagar के घाटमपुर थाने की रिपोर्टिंग चौकी साढ़ अब थाने में तब्दील होगी। Kanpur Dehat को भी झींझक थाने की सौगात मिली है।


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Yogesh Tripathi











3 नए थानों के लिए News Portal ने कई बार प्रकाशित की थी खबर

शहर में महिला थाने को मिलाकर कुल 44 थाने हैं। इसमें नर्वल, ककवन, बिल्हौर, महराजपुर, चौबेपुर, शिवराजपुर, बिठूर, बिधनू, सचेंडी, घाटमपुर थाने ग्रामीण आंचल की सर्किल के अंतर्गत आते हैं। इसमें घाटमपुर थाने की रिपोर्टिंग चौकी साढ़ को करीब एक दशक से थाना बनाए जाने की मांग चल रही थी। समय-समय पर शहर के तमाम कप्तानों ने इसकी पहल करते हुए शासन स्तर पर पत्रचार भी किया। www.redeyestimes.com (News Portal) ने  घाटमपुर की रिपोर्टिंग चौकी साढ़, गोविंदनगर की रिपोर्टिंग चौकी रतनलाल नगर और बिधनू थाने की न्यू आजाद नगर चौकी को थाना बनाए जाने को लेकर समय-समय पर प्रमुखता से खबरों को प्रकाशित किया। मायावती की बीएसपी सरकार में तीनों चौकियों को थाना बनाने के लिए करीब-करीब मुहर भी लग गई थी लेकिन बाद में सियासी कारणों से ऐसा नहीं हो सका। इसी तरह कानपुर देहात में भी झींझक कस्बे में नया झींझक थाना खोले जाने की सौगात मुख्यमंत्री ने दे दी है। जालौन और फर्रुखाबाद जनपद में एक-एक चौकी खोली जाएंगीं।

एशिया के सबसे बड़े थाने घाटमपुर में हैं करीब 400 से अधिक गांव

साढ़ चौकी के थाना बनते ही घाटमपुर थाने का रुतबा थोड़ा कम हो जाएगा। घाटमपुर थाने को एशिया का सबसे बड़ा थाना होने गौरव इस लिए लिहाज से प्राप्त है क्यों कि इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत करीब 400 से अधिक गांव आते हैं। फतेहपुर जनपद से जुड़ी साढ़ चौकी के थाना बनते ही करीब डेढ़ सौ से अधिक गांव नए थाने के अंतर्गत आ जाएंगे। जिसकी वजह से घाटमपुर के पास जो सबसे बड़े थाना एरिया का तमगा है वो खत्म हो जाएगा।

 कभी सीसामऊ थाने के पास भी रह चुका है अनोखा रिकार्ड

शहर के बीचोबीच बने सीसामऊ थाने के पास भी 5 दशक पहले एक अनोखा रिकार्ड था। तब सीसामऊ थाना क्षेत्रफल के लिहाज से एशिया के सबसे बड़ा थाना हुआ करता था। 60 के दशक में सीसामऊ थाने की जूही चौकी को थाना बनाया गया। जिसके बाद एक बड़ा भाग जूही थाना एरिया के अंतर्गत आया। यही वजह रही कि एशिया के सबसे बड़ा थाना होने का खिताब सीसामऊ के पास से चला गया। जूही थाना भी क्षेत्रफल के लिहाज से काफी बड़ा था।

करीब डेढ़ दशक बाद जूही थाने के अंतर्गत आने वाली नौबस्ता पुलिस चौकी को 80 दशक के Start में नौबस्ता बाईपास पर (SO) रैंक का थाना बनाया गया। नौबस्ता थाना बनने के बाद क्राइम का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा। उसकी वजह थाने का क्षेत्रफल बड़ा होना ही रहा। क्राइम जब कंट्रोल नहीं हुआ तो 2006 के करीब बर्रा चौकी को थाना बनाया गया। जिसमें मेहरबान सिंह का पुरवा, मर्दनपुरवा, समेत बर्रा के सभी और कर्रही व विश्व बैंक का पूरा हिस्सा इस थाना एरिया के अंतर्गत चला गया।


नौबस्ता की उस्मानपुर चौकी को अब तक भूमि मयस्सर नहीं


कानपुर नगर को साढ़ थाने की सौगात मिल चुकी है लेकिन अभी भी तमाम दिक्कतें हैं जिसकी वजह से पुलिस अफसरों को काफी परेशान होना पड़ता है। मुकदमा हारने के बाद नौबस्ता थाने को किसी तरह से पूर्व इंस्पेक्टर राजीव दिवेदी ने अपने कार्यकाल में यशोदा नगर पुलिस चौकी में शिफ्ट करवा दिया। लेकिन पुराने नौबस्ता थाने के ठीक बगल में स्थापित उस्मानपुर चौकी को लंबा समय बीत जाने के बाद भी जगह मयस्सर नहीं हो सकी है। कई बार अफसरों ने प्रयास किए लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। सूत्रों की मानें तो इस चौकी को शिवाजी इंटर कॉलेज के आसपास ही खोले जाने का प्रस्ताव है लेकिन जगह न मिलने की वजह से ये चौकी पुरानी जगह पर ही अस्थाई पर तौर बनी है।

 
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