भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने Uttar Pradesh में होने वाले विधान सभा उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। Kanpur की गोविंदनगर विधान सभा सीट के लिए हाईकमान ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और BJP की प्रदेश उपाध्यक्ष रंजना उपाध्याय को प्रभारी बनाया है। लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी सफलता के बाद से गोविंदनगर विधान सभा (उपचुनाव) की प्रत्याशिता के लिए “कसरत” कर रहे करीब डेढ़ दर्जन दावेदारों में हलचल तेज हो चुकी है। अपने-अपने सिस्टम के जरिए सभी दावेदार अब प्रभारियों की चौखट पर दस्तक देने को बेताब हैं।
Yogesh Tripathi
सत्यदेव पचौरी के सांसद बनने पर खाली हुई सीट
RSS & BJP का गढ़ कही जाने वाली गोविंदनगर विधान सभा सीट से वर्ष 2017 में सत्यदेव पचौरी को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था। श्रीपचौरी यहां बंपर वोटों से चुनाव जीते तो योगी कैबिनेट में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सत्यदेव पचौरी पर विश्वास जताते हुए उनको प्रत्याशी बनाया। करीब सवा दो लाख वोटों से जीत हासिल कर सत्यदेव पचौरी सांसद बने। सांसद बनने के बाद उन्होंने विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
इस लिए केशव प्रसाद मौर्य बने हैं प्रभारी
केशव प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीति में बड़ा नाम है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके केशव प्रसाद मौर्य वर्तमान समय में डिप्टी सीएम हैं। कुल मिलाकर हम ये कह सकते हैं कि “सत्ता और संगठन का 100 प्रतिशत कॉकटेल हैं डिप्टी सीएम केशव मौर्या”। प्रदेश अध्यक्ष रहने के साथ उनको संगठन का तो अनुभव है ही साथ ही साथ सरकार में ताकतवर डिप्टी सीएम के तौर पर वे अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। श्रीमौर्य लंबे समय तक बजरंगदल और विश्व हिन्दू परिषद के तमाम पदों पर रह चुके हैं। कानपुर में उनके कई करीबी कार्यकर्ता और विश्वासपात्र लोग हैं।
Ex.MLA सलिल विश्नोई, नीरज चतुर्वेदी, अनूप पचौरी समेत कई दावेदार
गोविंदनगर विधान सभा का हाल “एक अनार और सौ बीमार” वाला है। यहां से पूर्व जनप्रतिनिधियों के साथ संगठन के ताकतवर और दिग्गज नेताओं ने प्रत्याशिता के लिए ताल ठोंकने का मन बना लिया है। कुछ खुलकर सामने आ चुके हैं और कुछ अंदर ही अंदर अपनी गोटें बिछा रहे हैं। गोविंदनगर विधान सभा से दो बार विधायक रह चुके वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी के पुत्र अनूप पचौरी अपनी तगड़ी दावेदारी पेश कर रहे हैं। युवाओं की एक बड़ी टीम वर्तमान समय में उनके साथ है।
नीरज चतुर्वेदी—पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी भी तगड़े दावेदार हैं। सूत्रों की मानें नीरज चतुर्वेदी का संगठन के बड़े नेताओं में सिस्टम ठीक है। इसी लिए उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है।
सलिल विश्नोई---पूर्व विधायक सलिल विश्नोई की भी दावेदारी कम नहीं है। संगठन में प्रदेश स्तरीय पद होने के साथ-साथ हाल के लोकसभा चुनाव में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्रभारी रहे हैं। संगठन के शीर्ष और कद्दावर पदाधिकारियों तक उनकी गहरी पैंठ है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में हाईकमान ने उनको हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था।
मानवेंद्र सिंह----कानपुर-बुन्देलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह के बारे में चर्चा है कि वे भी गोविंदनगर सीट से प्रत्याशी बनना चाह रहे हैं लेकिन अभी तक उन्होंने दावेदारी नहीं की है। मानवेंद्र सिंह के कनेक्शन भी संगठन के साथ-साथ सूबे के “सरकार” से सीधे हैं।
सुरेंद्र मैथानी---कानपुर बीजेपी के संगठन में तगड़ी पकड़ रखने वाले और कार्यकर्ताओं के बीच अतिलोकप्रिय सुरेंद्र मैथानी भी गोविंदनगर सीट से तगड़े दावेदार बने हैं। सुरेंद्र मैथानी ने वर्ष 2017 में किदवईनगर विधान सभा से भी टिकट मांगा था लेकिन ऐन वक्त पर टिकट कट गया। श्रीमैथानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी तगड़ी दावेदारी की थी लेकिन सफलता नहीं मिली।
निर्मल तिवारी----लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले निर्मल तिवारी भी दावेदारी कर रहे हैं। वे 2017 के विधान सभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। साथ ही निर्मल तिवारी 2014 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिंपल यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं।
सुबोध चोपड़ा---लंबे समय से बीजेपी की सक्रिय राजनीति कर रहे सुबोध चोपड़ा भी गोविंदनगर सीट से दावेदारी कर रहे हैं। परमपुरवा में रहने वाले श्रीचोपड़ा नब्बे के दशक में शिवसेना के टिकट पर जनरलगंज से चुनाव विधायकी का चुनाव लड़ चुके हैं। फिलहाल वे व्यापार मंडल के अध्यक्ष हैं। गोविंदनगर में उनके समर्थकों की एक बड़ी टीम है।
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