मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम केस में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो बड़े अफसरों के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए है। कोर्ट ने  एक आरोपी की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कहा कि नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण के मामले में मुख्यमंत्री और अफसरों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने CBI के एसपी (पटना) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।



आरोपी अश्विनी की याचिका पर आदेश


याचिका शेल्टर होम केस में गिरफ्तार आरोपी अश्विनी की ओर से लगाई गई। उस पर बालिका गृह में बच्चियों के शोषण से पहले उन्हें नशीला इंजेक्शन देने का आरोप है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि CBI जांच में सामने आए तथ्यों को प्रभावित कर रही है। अश्विनी की मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधान सचिव (समाज कल्याण) अतुल प्रसाद और तत्कालीन जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ जांच होनी चाहिए।

क्या है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला ?


पिछले साल मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चियों के यौन शोषण की बात सामने आई थी। 28 मई, 2018 को FIR दर्ज हुई। 31 मई को शेल्टर होम से 46 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया। इस मामले में शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर, पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री मंजू ठाकुर समेत 20 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए केस पटना से दिल्ली के साकेत पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। यहां सुनवाई अगले हफ्ते शुरू होगी।

 
Axact

Axact

Vestibulum bibendum felis sit amet dolor auctor molestie. In dignissim eget nibh id dapibus. Fusce et suscipit orci. Aliquam sit amet urna lorem. Duis eu imperdiet nunc, non imperdiet libero.

Post A Comment:

0 comments: