Articles by "बिल्हौर"
बिल्हौर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं



Kannauj कोतवाली का रहने वाला था राकेश पांडेय (45)

बिल्हौर में BJP नेता के कोल्ड स्टोरेज के पास मिली रक्तरंजित लाश

Murder के पीछे पुराने विवाद की वजह फिलहाल सामने आई

दो दिन पहले रवि नाम के युवक ने दी थी हत्या की धमकी

 
वारदात की खबर पर फोर्स के साथ पहुंचे बिल्हौर इंस्पेक्टर।

Yogesh Tripathi


Uttar Pradesh की कानून व्यवस्था बेपटरी है। लूट, चोरी, हत्या जैसी वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मंगलवार की सुबह Kanpur के बिल्हौर थाना एरिया में होटल संचालक (चाय-पकौड़ी विक्रेता) राकेश पांडेय (45) का रक्तरंजित शव एक प्राइमरी स्कूल के पास पड़ा मिला। लाश मिलने की सूचना से एरिया में सनसनी फैल गई। मौका-ए-वारदात पर सर्किल के तीन थानों की फोर्स पहुंची। छानबीन के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। 

मृतक राकेश पांडेय की (फाइल फोटो)

Kannauj जनपद का रहने वाला था राकेश

बिल्हौर इंस्पेक्टर के मुताबिक राकेश पांडेय कन्नौज कोतवाली के दाईपुर गांव का रहने वाला था। ये गांव कानपुर के सीमा पर ही स्थित है। राकेश लंबे समय से बिल्हौर थाना एरिया में होटल का संचालन कर रहा था। देर रात्रि कुल्हाड़ी से प्रहार कर कातिलों ने उसकी हत्या कर दी। राकेश का रक्तरंजित शव बीजेपी नेता के कोल्ड स्टोरेज के सामने स्थित प्राथमिक स्कूल के पास पड़ा मिला। स्थानीय लोगों ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी।  

लेनदेन और पुरानी रंजिश पर पुलिस कर रही छानबीन

मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने छानबीन कर परिजनों से बातचीत की। पूछताछ के दौरान पता चला कि रवि नाम के व्यक्ति से राकेश का पुराना विवाद चल रहा था। 15 हजार रुपए का लेनदेन था। जो कि बाद में सुलझ गया था लेकिन दो दिन पहले रवि ने राकेश को धमकी दी थी। पुलिस परिजनों की तरफ से मिलने वाली तहरीर का इंतजार कर रही है। इंस्पेक्टर का कहना है कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर हत्यारोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

हिन्दुस्तान अखबार के बिल्हौर संवाददाता नवीन गुप्ता की हत्या को पांच दिन हो चुके हैं लेकिन पुलिस के हाथ खाली है। पत्रकार का परिवार बिलख रहा है, कातिल कत्ल के बाद मौज कर रहे हैं और शहर पुलिस सिर्फ और सिर्फ दबिश दे रही है। पांच दिन में पुलिस सिर्फ संदिग्ध कातिल का स्केच जारी कर सकी है।


[caption id="attachment_18499" align="aligncenter" width="679"] कानपुर पुलिस की तरफ से पत्रकार नवीन गुप्ता के संदिग्ध हत्यारे का स्केच जारी किया गया[/caption]

YOGESH  TRIPATHI

कानपुर। चार दिन पहले बिल्हौर में “हिन्दुस्तान” अखबार के जर्नलिस्ट नवीन गुप्ता की सरेशाम हत्या कर सनसनी फैलाने वाले कातिलों में एक का पुलिस ने स्केच जारी किया है। खुद को हाईटेक बताने वाली पुलिस के हाथ इस हत्याकांड में पूरी तरह से खाली हैं। सच्चाई तो ये है कि पुलिस अभी तक इस बात का भी पता नहीं लगा सकी है कि आखिर पत्रकार नवीन गुप्ता के मर्डर की वजह क्या रही ? इतना ही नहीं अभी तक किसी भी सामाजिक संगठन,पत्रकार यूनियन और शासन की तरफ से पीड़ित परिवार को किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं की गई। शहर के तमाम पत्रकार संगठन रोष जताते हुए सिर्फ विरोध और मांग भर तक सीमित हैं।

[caption id="attachment_18500" align="aligncenter" width="720"] कानपुर दक्षिण के पत्रकारों ने मंडे को पत्रकार नवीन गुप्ता के कातिलों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया[/caption]

30 नवंबर को कातिलों ने सरेशाम फिल्मी स्टाइल में की थी हत्या


बिल्हौर तहसील में हिन्दुस्तान अखबार के लिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार नवीन गुप्ता की 30 नंवबर को बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी थी। वारदात के समय नवीन कस्बे में स्थित अपनी शॉप पर बैठे थे। बेखौफ कातिलों ने एक के बाद एक पांच गोलियां नवीन के शरीर में उतार दीं और भाग निकले।

Kanpur City के जाने माने शिक्षक अजेय शुक्ला जी की फेसबुक वॉल से साभार---



प्रधान संपादक जी आपके कलम की स्याही सूख गई क्या ?


दशकों पहले किसी हस्ती से हुई मुलाकात पर "हिन्दुस्तान" अखबार में कालम छापने वाले प्रधान संपादक शशि शेखर अपने ही पत्रकार की हत्या पर खामोश क्यों हैं ?  अपने पत्रकार की हत्या के बाद उन्होंने कोई लेख क्यों नहीं लिखा ? इतना ही नहीं अखबार ने पत्रकार नवीन गुप्ता को संवादसूत्र लिखकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। संवादसूत्र मतलब साफ है कि नवीन “हिन्दुस्तान” अखबार के कर्मचारी नहीं थे। संस्थान की तरफ से मानवता की वजह से कर्मचारी आपस में चंदा करके भले ही कुछ रकम पहुंचा दें लेकिन प्रधान संपादक और एचआर व हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर अपनी मारे गए पत्रकार के परिजनों को को कुछ भी नहीं देने वाले।

मुख्यमंत्री ने जताया था दुःख, लेकिन आर्थिक मदद के नाम पर ठेंगा


बिल्हौर तहसील के पत्रकार नवीन गुप्ता की हत्या के बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुःख जताते हुए मातहतों को तत्काल कड़ी कार्रवाई के आदेश देते हुए जल्द खुलासा करने की ताकीद भी दी थी, लेकिन अफसोस की बात ये है कि घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पत्रकार के पीड़ित परिजनों को अभी तक किसी भी तरह की आर्थिक मदद शासन स्तर से नहीं दी गई। संवेदना जताने के लिए सिर्फ कुछ अफसर घटना वाले दिन पहुंचे थे। उसके बाद सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस की टीमों ने इंट्रोगेशन किया लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

SSP ने कहा कि जल्द होगी गिरफ्तारी


कानपुर के SSP अखिलेश कुमार मीणा ने हत्या में शामिल संदिग्ध का स्केच जारी करते हुए कहा कि संभव है कि इससे कातिलों का सुराग मिलने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि पुलिस की टीमें अपना वर्क कर रही हैं। अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, ताकि उसके आधार पर यह कहा जा सके कि हत्या किसने और क्यों करवाई है। SSP का कहना है कि जल्द सफलता मिलेगी।

Kanpur शहर की पुलिस पस्त हो चुकी है। अपराधी और कातिल पूरी तरह से मस्त हैं। बुधवार को हिस्ट्रीशीटर छोटे बब्बन समेत दो लोगों की बेरहमी से दिनदहाड़े की गई हत्या का पुलिस पूरी तरह से पर्दाफाश भी नहीं कर सकी थी कि बेखौफ बदमाशों ने चौथे स्तंभ पर ही हमला कर दिया। "हिन्दुस्तान" अखबार के बिल्हौर तहसील के संवाददाता नवीन गुप्ता की देर शाम उनके दुकान पर पहुंचे कातिलों ने अंधाधुंध गोलियां दाग हत्या कर दी। 


[caption id="attachment_18458" align="aligncenter" width="695"] हिन्दुस्तान अखबार के बिल्हौर संवाददाता नवीन गुप्ता (फाइल फोटो)[/caption]

YOGESH TRIPATHI

कानपुर। Kanpur के महेश्वरी मोहाल में 36 घंटे पहले हुए Double Murder का खुलासा शहर पुलिस पूरी तरह से कर भी नहीं पाई थी कि हत्या की एक और दुस्साहसिक वारदात से बिल्हौर एरिया थर्रा उठा। बाइक सवार बेखौफ बदमाशों ने सरेशाम बिल्हौर नगर पालिका के पास "हिन्दुस्तान" अखबार के संवाददाता नवीन गुप्ता पर अंधाधुंध गोलियों की बौंछार कर बेरहमी से मार डाला। सनसनीखेज वारदात की खबर मिलते ही बिल्हौर में हड़कंप मच गया। पुलिस के आला अफसर मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। कातिलों की गिरफ्तारी के लिए अफसरों ने पुलिस की कई टीमें बनाई हैं। "हिन्दुस्तान" अखबार के स्थानीय संपादक समेत कई वरिष्ठ पत्रकार दुःखद खबर मिलते ही बिल्हौर मौके पर पहुंच गए। 


बिल्हौर इंस्पेक्टर के मुताबिक नवीन गुप्ता (35) की एरिया में एक शॉप भी थी। वह "हिन्दुस्तान" अखबार के लिए तहसील स्तर पर रिपोर्टिंग भी करते थे। गुरुवार शाम को नवीन गुप्ता अपनी दुकान पर बैठे थे। तभी बाइक सवार दो हमलावर वहां पहुंचे। दोनों ने नवीन को दुकान से बाहर बुलाया। नवीन के बाहर आते ही बदमाशों ने असलहों से ताबड़तोड़ कई गोलियां दाग दीं। सीने और चेहरे पर गोलियां लगते ही नवीन नीचे गिरे।

Video देखें 


https://youtu.be/-Q0UuMwoPtc

हत्या के बाद बेखौफ बदमाश बाइक से भाग निकले


सरेशाम पत्रकार को गोलियों से भूनने के बाद बेखौफ कातिल बाइक से भाग निकले। आसपास के लोगों की निगाह जब नवीन पर गई तो वह खून से लथपथ हालत में जमीन पर गिरे मिले। लोग पुलिस को सूचना देकर नवीन को अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने नवीन को मृत घोषित कर दिया। स्थानीय पत्रकार के मर्डर की खबर जंगल में आग की तरह फैली। क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के साथ खबरनबीस भी पहुंच गए। पत्रकार के हत्या की खबर से अफसर भी सकते में आ गए। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह, एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा भी समाचार लिखे जाने तक मौका-ए-वारदात पर पहुंच चुके थे।


देखें Video ADG (L/O) आनंद कुमार


https://youtu.be/dmHK_0xcXXU

ADG (L/O) ने कहा, कुछ सुराग मिले हैं, जांच STF करेगी


हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार नवीन गुप्ता की हत्या के कुछ घंटे बाद ही लखनऊ में ADG (L/O) आनंद कु्मार ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि हत्याकांड से जुड़े कुछ सुराग मिले हैं। जल्द ही कातिल पुलिस की गिरफ्त में होंगे। वहीं देर रात लखनऊ में बैठे आला अफसरों ने पत्रकार नवीन गुप्ता मर्डर केस की जांच कानपुर पुलिस से न कराकर STF से कराने का निर्देश जारी कर दिया।


पत्रकार नवीन गुप्ता के कत्ल की वजह स्पष्ट नहीं


हिन्दुस्तान अखबार के बिल्हौर संवाददाता नवीन गुप्ता के "मर्डर की मिस्ट्री" पुलिस के लिए फिलहाल अभी पहेली ही बनी है। हत्या किसने और क्यों की ? पुलिस के लिए यह बड़ा यक्ष प्रश्न है ? क्या किसी सफेदपोश ने भाड़े पर पत्रकार की हत्या करवाई है ? यह भी जांच का बड़ा एंगल है। पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस तरह से फिल्मी स्टाइल में कातिलों ने नवीन गुप्ता पर बेरहमी से गोलियां दागी हैं वह शार्प शूटर ही करते हैं। सामान्य अपराधी इस तरह से वारदात नहीं कर सकता है। परिवार के लोग भी पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं दे सके हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो कुछ दिनों पहले नवीन गुप्ता का स्थानीय स्तर पर एक व्यक्ति से विवाद हुआ था। करीब एक महीना पहले नारामऊ के पास भी उसका किसी से विवाद हुआ था।

निर्भीक और बेबाक थी नवीन की पत्रकारिता


नवीन को करीब से जानने वाले लोगों से जब www.redeyestimes.com न्यूज पोर्टल ने बातचीत की तो सभी ने कहा कि वह किसी से दबते नहीं थे। बेखौफ लिखने के साथ उनकी बोली भी बेबाक थी। माना जा रहा है कि शायद इन्हीं सब बातों को लेकर किसी ने रंजिश में हत्या करवा दी हो। नवीन के घर में उनकी पत्नी के अलावा दो छोटे बच्चे हैं।