- Media के सामने बेखौफ अंदाज में बोला, सपा नेता का हत्यारोपी Shivendra
- Court ले जाते समय थाना परिसर में बापू के चित्र को किया प्रणाम
- परिजनों का दावा हत्यारोपी की मानसिक स्थित ठीक नहीं, चल रहा इलाज
- शुक्रवार रात बर्रा-2 में हुई थी सपा नेता Harsh Yadav की गोली मारकर हत्या
बर्रा थाना परिसर में पुलिस कस्टडी के दौरान मीडिया से बेखौफ अंदाज में बात करता हत्यारोपी Shivendra |
Yogesh Tripathi
वो पुलिस कस्टडी में था लेकिन बेखौफ और बेअंदाज था। कुर्ता-पायजामा और सदरी पहने वो खुद को किसी बड़े नेता या गैंगस्टर से कम नहीं आंक रहा था। मीडिया के फोटो सेशन के लिए पुलिस ने सीलबंद आला कत्ल उसके हाथ में थमा दिया। Media के सवालों पर उसने कहा कि “नशे में था, गाली-गलौज की तो गोली मार....”। शिवेंद्र ने कहा कि वह चाहता तो हर्ष पर गाड़ी चढ़ा सकता था लेकिन उसे हर्ष को चौराहे पर मारना था। इसके बाद वह मुड़ा और दो कदम की दूरी पर रखी महात्मा गांधी जी के चित्र के सामने झुककर प्रणाम किया और आगे बढ़ गया। युवजन सभा के नेता Harsh Yadav Murder Case में Arrest हत्यारोपी Shivendra Singh के चेहरे पर पश्चाताप के कोई भाव नहीं दिखा। एक Video सोशल मीडिया पर Viral हो रहा है, जिसमें शिवेंद्र यह सब बोल रहा है। पुलिस ने हत्यारोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है।
मीडिया से बात करने के बाद जाते समय गांधी जी की प्रतिमा के सामने झुककर प्रणाम भी किया। |
हत्यारोपी के परिजनों का दावा है कि शिवेंद्र की मानसिक स्थित ठीक नहीं है। उसका इलाज चल रहा है। अब सबसे बड़ा “यक्ष प्रश्न” ये उठता है कि यदि शिवेंद्र की मानसिक स्थित ठीक नहीं थी और उसका इलाज चल रहा था तो परिजनों ने उसे सड़क पर खुला क्यों छोड़ रखा था ? ऐसे मनोरोगियों की जगह अस्पताल होती या फिर उसे घर की चहारदीवारी के भीतर कैद कर रखा जाता है ताकि वह किसी को नुकसान न पहुंचा सके। शिवेंद्र ने तो एक घर का चिराग ही बुझा दिया है। उसकी भरपाई भला अब कोई कर सकता है ?
सफारी पर लगा रखा था दो-दो हूटर
दूसरा प्रश्न ये कि मानसिक रोगी Shivendra को परिजनों ने चमचमाती सफेद रंग की लग्जरी सफार कार दे रखी थी। जिससे वह अपने दोस्तों के साथ शान से फर्राटा भरता था। खास बात ये है कि इस सफारी कार पर एक नहीं दो-दो हूटर भी लगे मिले हैं। जो कि कानून का खुलेआम उल्लंघन है। गाड़ी में हूटर लगे होने से साफ है कि उसे न तो पुलिस का डर था और न ही कानून का...। भाजपा के शासनकाल में भी वह सपा में होते हुए हूटर लगाकर सड़क पर निश्चित तौर पर रौब ही झाड़ता रहा होगा।
पुलिस कस्टडी में भी उसने बेखौफ होकर अपना गुनाह स्वीकार किया। अब देखना ये है कि हत्यारोपी शिवेंद्र अदालत में भी अपना जुर्म स्वीकार करेगा या फिर शातिर अपराधियों की तरफ से कोर्ट में खुद को बेनुगाह बताएगा। पुलिस सूत्रों की मानें तो बिगड़ैल किस्म के शिवेंद्र के तमाम किस्से और कहानियां हैं, जो अब मोहल्ले के लोगों की जुबान पर चर्चा बने हुए हैं।
मृत सपा नेता Harsh Yadav (फाइल फोटो) |
चर्चा-ए-आम ये भी है कि Harsh Yadav और Shivendra के बीच काफी गहरी दोस्ती थी। शिवेंद्र की जुबानी ये है कि उसने शराब के नशे में गाली दी तो मैने...। अब सवाल ये उठता है कि दोस्ती के बीच आखिर गाली कहां से आ गई...? गाली देने के पीछे भी तो कई बड़ी वजह रही होगी..? हर्ष की मौत और शिवेंद्र के जेल जाने के बाद वो वजह शायद अब राज बनकर रह जाएगी। हालांकि जो लोग दोनों को बेहद करीब से जानते हैं उन्हें पूरी “कहानी” मालुम है। इस “कहानी” के चर्चे दबी जुबान से हो रहे हैं।
सफारी पर चस्पा मिला सचिवालय का पास
Harsh Yadav की हत्या में प्रयुक्त सफारी कार पर पुलिस को सचिवालय का पास चस्पा मिला है। शिवेंद्र की गाड़ी पर सचिवालय का पास कैसे लगा ? पुलिस को अब इसकी भी जांच करनी होगी। पुलिस के मुताबिक शिवेंद्र बर्रा दो का रहने वाला है। उसके पिता कांशीराम अस्पताल में फार्मासिस्ट थे। दो साल पहले उनको ब्रेन हैमरेज हो गया। जिसके बाद से वह बिस्तर पर ही हैं।
मां को घर से निकाला, भाई ने किया Suicide
शिवेंद्र के पड़ोसियों की मानें तो वह साइको की तरह हरकत करता था। करीब दो महीना पहले उसने अपनी मां सुरेखा को मारपीट कर घर से निकाल दिया था। घर से निकाले जाने के बाद शिवेंद्र की मां गजनेर के गिनौरा गांव स्थित अपने मायके में रह रही हैं। शिवेंद्र की हरकतों से तंग आकर उसकी पत्नी भी कई बार जान देने की कोशिश कर चुकी है। शिवेंद्र के भाई ने कुछ महीना पहले ही सुसाइड कर लिया था।
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