• Crime Branch Team ने सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को भी किया गिरफ्तार
  • दोनों हत्यारोपितों से Crime Branch (Gorakhpur) कर रही है पूछताछ
  • फरार हत्यारोपित पुलिस कर्मियों की तलाश में Kanpur Police भी दे रही है दबिश


Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Gorakhpur जनपद के होटल में Kanpur के कारोबारी Manish Gupta की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या करने वाले Wanted सस्पेंड इंस्पेक्टर J.N Singh और फलमंडी चौकी इंचार्ज रहे सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को Crime Branch (Gorakhpur) ने Arrest कर लिया है। Crime Branch दोनों को गोपनीय जगह रखकर पूछताछ कर रही है। जल्द ही दोनों हत्यारोपियों को Kanpur (SIT) के सुपुर्द कर दिया जाएगा ताकि मामले की जांच आगे बढ़ सके। फरार चल रहे चार अन्य हत्यारोपी पुलिस कर्मियों की तलाश में Gorakhpur के साथ-साथ Kanpur Police की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी शासन के कड़े निर्देश के बाद की गई है।

 


सरेंडर करने की फिराक में था "नगद नारायण सिंह"

नगद नारायण सिंह के नाम से कुख्यात हत्यारोपी सस्पेंड इंस्पेक्टर J.N Singh गिरफ्तारी के भय से कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी कर चुका है। गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा भी समर्पण की तैयारी में था। इस बीच शासन ने हत्यारोपी पुलिस कर्मियों को हर कीमत पर गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया। जिसके बाद कानपुर और गोरखपुर पुलिस की टीमें सक्रिय हो गईं। सर्विलांस सेल से लोकेशन ट्रेस होने के बाद दोनों को गोरखपुर में Crime Branch ने धर दबोचा। सूत्रों की मानें तो जे.एन सिंह ने सरेंडर करने से पहले कई बड़े वकीलों से संपर्क भी किया था। चर्चा है कि कई अधिवक्ताओं ने तो उसका केस लड़ने से ही मना कर दिया था जिसकी वजह से वह तय समय पर सरेंडर नहीं कर सका। बताया जा रहा है कि शातिर दिमाग इंस्पेक्टर जेएन सिंह कोर्ट की छुट्टी वाले दिन सरेंडर करने की फिराक में था ताकि वह वकीलों के गुस्से से बच सके।  

गिरफ्तार हत्यारोपी सस्पेंडर इंस्पेक्टर J.N Singh

होटल कृष्णा पैलेस में वसूली करने पहुंची थी पुलिस

Kanpur के बर्रा-2 निवासी रियल स्टेट कारोबारी Manish Gupta गुरुग्राम निवासी अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर कारोबार के सिलसिले में गए थे। मनीष अपने दोस्तों के साथ होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे। 27 सितंबर की रात रामगढ़ ताल कोतवाल जेएन सिंह फोर्स के साथ होटल पहुंचे। तलाशी और छानबीन के दौरान मनीष की कहासुनी पुलिस वालों से हुई। जिसके बाद पुलिस वालों ने मनीष को अलग कमरे में लेकर जाकर मारपीट की। सिर में भारी वस्तु के प्रहार से मनीष की मौत हो गई।

Police Officer’s ने पहले मातहतों को बचाने के लिए कहानी गढ़कर कहा कि भागते समय गिरकर मनीष की मौत हो गई। मनीष शराब के नशे में था लेकिन मनीष की पत्नी के मोबाइल और होटल में लगे CCTV ने मनीष के खून से सने हत्यारी रामगढ़ पुलिस के करतूतों की पोल खोलकर रख दी। सोशल मीडिया पर किरकिरी होने के बाद अफसरों ने इंस्पेक्टर समेत छह पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर पत्नी की तहरीर पर सभी के खिलाफ हत्या की FIR रजिस्टर्ड करवाई। अब तक की छानबीन में स्पष्ट हो चुका है कि होटल के कर्मचारियों की मिलीभगत से हत्यारोपी इंस्पेक्टर फोर्स के साथ वसूली करने पहुंचा था लेकिन मनीष से विवाद के बाद पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी। जिससे मनीष की मौत हो गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर केस की विवेचना कानपुर ट्रांसफर हो चुकी है। Kanpur (SIT) अब मनीष मर्डर केस की जांच कर रही है। हत्यारोपी पुलिस कर्मियों पर दो दिन पहले 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। 24 घंटा पहले ही यह इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी गई थी।

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