- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दम घुटना बताया गया
- पांच चिकित्सकों के पैनल ने विसरा सुरक्षित रखवाया
- पुलिस ने तीन नामजद आरोपितों को Arrest कर Court में किया पेश
- किरकिरी और सियासी हमलों से बचने के लिए CBI जांच की सिफारिश
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh Government ने अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत Narendra Giri की Death Mystery की गुत्थी सुलझाने के लिए देर रात्रि CBI जांच की सिफारिश कर दी। राज्य सरकार की तरफ से CBI जांच की सिफारिश के बाद "गेंद" अब पूरी तरह से Central Government के पाले में हैं। HMO यदि चाहेगा तभी CBI की जांच संभव हो पाएगी। वहीं पोस्टमार्टम के बाद Narendra Giri के पार्थिव शरीर को सैकड़ों संतों और महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में धार्मिक रीति रिवाज से भू-समाधि दी गई।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत Narendra Giri का शव प्रयागराज के बाघंबरी मठ में कमरे के अंदर पंखे के सहारे लटकता मिला था। Narendra Giri की मौत को लेकर Congress, SP समेत कई साधु-संत और मंडलेश्वर यूपी सरकार पर हमलावर हो गए। सभी ने खुदकुशी से इनका र करते हुए Narendra Giri की मौत को बड़ी साज़िश करार दिया। जिसके बाद सूबे की सरकार "बैकफुट" पर आ गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में Narendra Giri की मौत फांसी से होना बताया गया है। चिकित्सकों के पैनल ने विसरा भी सुरक्षित रखवाया है।
प्रयागराज के IG (Range) K.P Singh ने मीडिया को बताया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने यह भी कहा कि जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी वसीयत लिखी थी, उस कमरे से एक हस्तलिखित सुसाइड लेटर बरामद किया गया था। IG के मुताबिक़ Suicide Note में लिखा है, "मैं मर्यादा के साथ जिया, अपमान के साथ नहीं जी पाऊंगा, इसलिए खुद की जान ले रहा हूं"। 7-8 पेज के लंबे पत्र में, द्रष्टा ने यह भी लिखा कि वह कई कारणों से परेशान था और इस तरह उसने अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया।
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