• IPC की धारा 147, 323, 504, 506 के तहत पुलिस ने दर्ज की थी FIR
  • CRPC के Notice 41-A का प्रयोग कर तीनों आरोपितों को थाने से छोड़ा गया
  • हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होने का आरोपितों को मिला लाभ
  • रिहाई के लिए रात में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया था प्रदर्शन



Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Kanpur में 48 घंटा पहले भगवान श्रीरामके नारे लगाकर पुलिस की मौजूदगी में वर्ग विशेष के गरीब रिक्शा चालक पर जुल्म करने वाले आरोपितों की थाने से रिहाई हो गई। CRPC के Notice 41-A का प्रयोग कर Barra (SHO) ने तीनों आरोपितों को छोड़ दिया। इसकी पुष्टि खुद बर्रा थानेदार ने www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में की। उन्होंने कहा कि सभी धाराएं 7 साल से कम सजा की थीं, इस लिए CRPC के Notice(41-A) का प्रयोग कर सभी को रिहा किया गया।

उल्लेखनीय है कि तीनों की रिहाई के लिए गुरुवार की Mid-Night बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने DCP (South) रवीना त्यागी के Office के बाहर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया था। देर रात्रि सभी ने पैदल मार्च करते हुए नारेबाजी भी की थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर Viral है।

 


दो पक्षों के विवाद को बजरंग दल ने दिया तूल

बर्रा के भाग-8 में दो पक्षों के बीच का यह मामला है। एक पक्ष ने कुछ दिन पहले मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दूसरे पक्ष ने अश्लीलता और छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखाकर पेशबंदी की। छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखाने वाला पक्ष धर्मांतरण की धारा भी लगवाना चाहता था लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। खबर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं को लगी तो वह बस्ती में पहुंच गए। पुलिस की मौजूदगी में दूसरे पक्ष के गरीब रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए रामगोपाल चौराहे लेकर पहुंचे। सोशल मीडिया पर Video Viral होने के बाद पुलिस एक्शन में आई। पांच नामजद समेत कई अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। तीन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। जिनकी रिहाई के लिए गुरुवार रात्रि को भीड़ DCP Office पहुंची।

पुलिस ने क्यों नहीं लगाई IPC की धारा 153-A ?

पुलिस की मौजूदगी में मुस्लिम युवक के साथ मारपीट की घटना सोशल मीडिया पर वॉयरल हुई तो अफसरों ने किरकिरी से बचने के लिए पीड़ित की तहरीर पर IPC 147, 323, 504, 506 मुकदमा पंजीकृत किया। विधि विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी दो धर्मों और समूह के बीच नफरत फैलाने के मामले में IPC की धारा 153-A लगानी चाहिए। वीडियो से साफ स्पष्ट है कि नारेबाजी कर पिटाई की जा रही है। आखिर पुलिस ने क्यों नहीं लगाई ? ये सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है। पुलिस के आला अफसरों को निश्चित तौर पर इसे देखना चाहिए कि यह कहां से चूक हो गई।

क्या होती है CRPC (Notice 41-A) ?

 

साभार--Google

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