Lok Sabha Election 2019 : वाराणसी से PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ सांसदी का चुनाव लड़ रहे BSF के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी को चुनाव आयोग (EC) रद्द कर दी है। चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव से बुधवार को दोपहर तक BSF से नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांगा था। तेज बहादुर को तीन दिन पहले ही सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था। खबरें आ रही हैं कि वाराणसी में तेज बहादुर समर्थकों की कई जगहों पर झड़प भी हुई है। गौरतलब है कि सपा की तरफ से तेज बहादुर को प्रत्याशी घोषित करते ही BJP और RSS के माथे पर चिंता की लकीरें साफ-साफ दिखने लगी थीं।
YOGESH TRIPATHI
Notice का जवाब देने के लिए पहुंचे थे तेज बहादुर
निर्वाचन अधिकारी की दो नोटिसों का जवाब देने के लिए तेज बहादुर अपने वकील के साथ रिटर्निग आफिसर से मिलने पहुंचे। जहां उन्हें जानकारी मिली कि उनकी प्रत्याशिता रद्द कर दी गई है। तेज बहादुर ने अपने दो नामांकन पत्रों में से एक में अपनी बर्खास्तगी की जानकारी नहीं दी थी। आयोग ने उन्हें नोटिस देकर BSF से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाने को कहा था। समाचार लिखे जाने तक यह पता नहीं चल सका कि वे यह NOC ला पाए थे या नहीं।
facebook पर डाली थी तेज बहादुर ने पोस्ट
आयोग ने कहा कि जो सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त किया जाता है उसे पांच साल तक चुनाव में भाग लेने का अधिकार नहीं होता। गौरतलब है कि कि BSF में नौकरी के दौरान तेज बहादुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म facebook पर 2017 में एक पोस्ट डाली थी। जिसमें उसने सैनिकों को खराब खाना दिए जाने का मुद्दा उठाया था। वीडियो में उसने अपना टिफिन दिखाते हुए कहा था कि जवानों को जली रोटी और पतली दाल मिलती है। उन्हें भूखा भी सोना पड़ता है। इस पोस्ट के बाद तेज बहादुर को BSF ने बर्खास्त कर दिया था।
बर्खास्तगी के बाद किया था चुनाव लड़ने का ऐलान
बर्खास्तगी के बाद तेज बहादुर ने वाराणसी से चुनाव लड़ने का एलान किया था। तेज बहादुर ने बनारस आकर अपना पर्चा दाखिल भी किया। इस बीच महागठबंधन की सपा ने उसे अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। माना जा रहा था कि तेजबहादुर गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में मोदी को कड़ी टक्कर देंगे, लेकिन ऐसा कुछ होने की संभावना बुधवार की दोपहर खत्म हो गई जब आयोग ने उसकी उम्मीदवारी ही रद्द कर दी।
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