Lok Sabha Election 2019 के पांचवे चरण की वोटिंग में सिर्फ कुछ घंटे ही शेष बचे हैं। Kanpur के पड़ोसी जनपद Fatehpur में भी चुनावी शोर थम चुका है। अब बारी जनता की है, जो मंडे को “वोट की चोट” करेगी। यहां मुख्य मुकाबला SP-BSP (MGB) प्रत्याशी सुखदेव प्रसाद वर्मा और BJP प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति के बीच है। Congress प्रत्याशी राकेश सचान चुनाव को त्रिकोणीय बनाते हुए शुरु में नजर आए लेकिन मतदान की तारीख आते-आते वे काफी पीछे हो चुके हैं। BJP प्रत्याशी के लिए दो “माननीय” पूरी तरह से “जयचंद्र” का रोल निभा रहे हैं। जानकारों की मानें तो प्रत्याशी को लेकर भी मतदाताओं के एक बड़े वर्ग में खासी नाराजगी है। जिसकी वजह से महागठबंधन (MGB) सुखदेव प्रसाद वर्मा को सीधा एडवांटेज मिल रहा है। BSP के पूर्व विधायक आदित्य पांडेय की वजह से गठबंधन प्रत्याशी ब्राम्हण वोट बैंक में भी तगड़ी सेंधमारी कर रहे हैं। पिछले 48 घंटे के दौरान यहां भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में UPCM योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनसभाएं कीं। दोनों ही जनसभा करीब-करीब फ्लाप शो साबित हुईं। दोनों ही सभा में दो से तीन हजार के बीच ही भीड़ जमा हुई। जिसकी वजह से BJP संगठन के दिग्गज सकते में हैं।
YOGESH TRIPATHI
[caption id="attachment_19441" align="alignnone" width="695"] समर्थकों के साथ जनसंपर्क करतीं बीजेपी प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति।[/caption]
साध्वी के लिए “बहुत कठिन है डगर पनघट की”
2014 की मोदी लहर में प्रचंड जीत हासिल करने वाले केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के लिए दोबारा ये सीट जीतना आसान नहीं है। उनकी राह में कांटे ही कांटे हैं। भाजपा के दो “माननीय” अब पूरी तरह से “जयचंद्र” बन चुके हैं। दोनों ही खुल्लम-खुल्ला विरोध कर रहे हैं। एक “जयचंद्र” के पास युवाओं की बड़ी टीम है, जो अंदर ही अंदर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ लामबंद है। रही सही कसर बसपा के पूर्व विधायक आदित्य पांडेय पूरी कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो आदित्य पांडेय सिर्फ ब्राम्हणों के बीच ही लाबिंग कर रहे हैं। उनकी छवि जनपद में ब्राम्हण नेता के तौर पर है। माना जा रहा है कि उनकी वजह से ब्राम्हण मतदाताओं के एक बड़े हिस्से में गठबंधन प्रत्याशी तगड़ी सेंधमारी कर सकते हैं।
बीजेपी प्रत्याशी को लेकर भी है तगड़ा रोष
जानकारों की मानें तो पूरे पांच साल के दौरान साध्वी निरंजन ज्योति ने एक भी ऐसी सौगात जनपद को नहीं दी है जिसे वो जनता के बीच दंभ भरकर बता सकें। चुनाव की शुरुआत होते ही वो मीडिया में कवरेज पाने के लिए खेतों में गेंहू काटते हुए सबसे पहले दिखाई दीं। इसके बाद एक चौराहे पर वे चाट बनाती दिखीं। जनता को रिझाने की हरसंभव कोशिश में जुटी साध्वी निरंजन एक घर पहुंची और वहां रसोई में बैठकर खाना पकाने लगीं। बस यहीं उन्होंने “सेल्फ गोल” भी कर लिया। वे चूल्हे पर भोजन पकाती नजर आईं। जबकि मोदी और भाजपा के बड़े नेता ये दावे कर रहे हैं लाखों घरों में उन्होंने उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए हैं। अंदर की बात ये है कि साध्वी को लेकर बीजेपी का वोटर्स बड़ी संख्या में नाराज है। उसकी वजह ये भी एक है कि वे पूरे पांच साल कुछ खास किस्म के लोगों से न सिर्फ घिरी रहीं बल्कि खांटी के कार्यकर्ताओं को तरजीह तक नहीं दी।
[caption id="attachment_19440" align="alignnone" width="712"] फतेहपुर में जनसंपर्क करते सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी सुखदेव वर्मा।[/caption]
इस लिए मजबूत है MGB प्रत्याशी के चुनाव का "समीकरण"
SP-BSP (MGB) ने दो बार विधायक रह चुके सुखदेव प्रसाद वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। मुस्लिम, यादव के साथ-साथ अब उनको कुर्मी वोट की भी ताकत मिलती नजर आ रही है। खबर है कि वोटों का बिखराव न हो इस लिए कुर्मी वोट अब महागठबंधन प्रत्याशी की तरफ काफी हद तक झुक चुका है। जिसकी वजह से सुखदेव प्रसाद वर्मा का चुनाव मजबूत है। कांग्रेस प्रत्याशी राकेश सचान शुरुआती दौर में काफी मजबूत दिख रहे थे लेकिन वोटों का बिखराव देख मुस्लिम, यादव, कुर्मी के साथ कई अन्य जातियों का झुकाव भी अब महागठबंधन प्रत्याशी की तरफ हो चुका है। आदित्य पांडेय लगातार ब्राम्हणों के बीच में मीटिंग कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो इसका बड़ा लाभ सुखदेव प्रसाद वर्मा को मिलेगा।
[caption id="attachment_18966" align="alignnone" width="695"] कांग्रेस के नेशनल प्रेसीडेंट राहुल गांधी, जनरल सेकेट्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी के साथ मौजूद फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राकेश सचान।[/caption]
2014 लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को मिले वोटों का प्रतिशत
पिछले चार लोकसभा चुनावों की यदि बात की जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी इस सीट पर एक लाख वोटों का आंकड़ा नहीं छू पाए। 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी ने करीब 4.4 प्रतिशत वोट के साथ 46550 वोट हासिल किए थे। तीसरे नंबर पर तब सपा प्रत्याशी राकेश सचान थे। राकेश सचान को करीब 16.99 प्रतिशत के साथ 179590 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी नसीमुद्दीन के लड़के थे। उन्हें तब 28.27 प्रतिशत के साथ 298788 वोट मिले थे। चुनाव जीतने वाली बीजेपी प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति ने तब सर्वाधिक 45.92 प्रतिशत के साथ 485360 मत हासिल किया था। साध्वी को जहानाबाद विधान सभा में सर्वाधिक 102192 वोट मिले थे, बिंदकी में 91229, फतेहपुर सदर में 84786, अयाह-शाह विधान सभा में 75370, हुसैनगंज विधान सभा में 57946, खागा में 73777 वोट मिले थे। इसमें हुसैनगंज का मुकाबला कांटे का था। यहां बसपा प्रत्याशी को 49794 वोट मिले थे।
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