Kanpur में सत्यदेव पचौरी के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई गोविंदनगर विधान सभा के ( उपचुनाव) में 4 बार के चर्चित पार्षद नवीन पंडित ने भी अपनी दावेदारी ठोंक दी है। BJP के नेशनल प्रेसीडेंट, यूपी प्रेसीडेंट और क्षेत्रीय प्रेसीडेंट को 30 पार्षदों के समर्थन वाला पत्र नवीन पंडित ने भेजा है। वहीं दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो एक बड़े राजनीतिक परिवार से भी दावेदारी शीर्ष स्तर पर चल रही है। केंद्र के एक पूर्व ताकतवर Minister से इस राजनीतिक परिवार ने दो चक्र की बातचीत भी की है। इस बातचीत के दौरान तीन नामों का सुझाव दिया गया है। इसमें एक नाम राजनीतिक परिवार के बेटे का है और दो नाम उनके करीबी रिश्तेदार “ब्रदर्स” के हैं।



YOGESH YTIPATHI


4 बार पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं नवीन पंडित


नवीन पंडित 4 बार पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। इसमें दो बार गोविंदनगर और दो बार किदवईनगर विधान सभा के वार्ड से वे चुनाव जीते हैं। गोविंदनगर एरिया के साथ-साथ बर्रा समेत कई क्षेत्रों में उनकी कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ है। नवीन ने पहला चुनाव बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीता था। तब उन्होंने रिकार्ड वोटों से डीबीएस कालेज के पूर्व पदाधिकारी अनिल अग्निहोत्री को हराया था। दो दशक पहले तक पूर्व कैबिनेट मंत्री बालचंद्र मिश्रा के बेहद करीबी रहे नवीन पंडित पर राम मंदिर आंदोलन और बाबरी विध्वंस के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत दो बार कार्रवाई की गई। नवीन पंडित गोविंदनगर विधान सभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। वोट 7700 के करीब मिले थे।


इस लिए चाहिए नवीन पंडित को टिकट


www.redeyestimes.com (News Portal) के सवाल पर बीजेपी पार्षद नवीन पंडित ने कहा कि “मैं जमीन से जुड़ा कार्यकर्ता हूं। क्षेत्र की जनता के साथ उनके सुख और दुःख में खड़ा रहता हूं।” राममंदिर आंदोलन और बाबरी विध्वंस के बाद कानपुर के जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दो बार कार्रवाई की। मैं लंबे समय तक जेल में रहा। 4 बार से पार्षद का चुनाव जीत रहा हूं। ये भी जनता का एक प्यार है। सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि नगर निगम सदन के करीब-करीब सभी पार्षद चाह रहे हैं कि इस बार गोविंदनगर का विधायक उनके बीच का हो। 30 पार्षदों ने हस्ताक्षर कर एक पत्र दिया। जिसके बाद मैने गोविंदनगर से दावेदारी की है।

दो बड़े राजनीतिक परिवारों के बीच शह और मात का खेल


तमाम दावेदारों के दिलचस्प मुकाबले के बीच एक और "महा मुकाबला" चल रहा है। अंदरखाने से खबर है कि एक राजनीतिक परिवार ने लामबंदी शुरु कर दी है। अपने रिशतेदार “ब्रदर्स” के लिए इस परिवार ने टिकट की मांग की है। रिश्तेदार को टिकट न मिलने की सूरत में बेटे को प्रत्याशी बनाया जाए, ये भी एक विकल्प रखा गया है। खबर है कि इसके लिए मोदी सरकार के एक ताकतवर पूर्व मंत्री से दो चक्र की बातचीत अभी हाल में हो चुकी है। जल्द ही इस मुलाकात के परिणाम भी सामने दिखाई दे सकते हैं। वहीं, इस परिवार के धुर-विरोधी खेमे के लोग भी पीछे नहीं है। विरोधी खेमे से अब तक दो आवेदन हो चुके हैं। इसमें एक आवेदन पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के दिग्गज पदाधिकारी भी अपनी ताकत लगा रहे है। खबर है कि इस बड़े राजनीतिक घराने की सबसे बड़ी चिंता अपनी पुशतैनी प्रापर्टी को लेकर है। यही वजह है कि परिवार हर कीमत पर गोविंदनगर (उपचुनाव) से टिकट चाह रहा है।

आसान नहीं होगा प्रत्याशी का चयन

गोविंदनर विधान सभा का (उपचुनाव) मानों "कुंभ का स्नान" हो गया है। हर कोई इस "शाही स्नान" करना चाह रहा है। अब तक करीब दर्जन भर दावेदार सामने आ चुके हैं। सूत्रों की मानें तो अंत में तीन से चार नामों पर ही बीजपी का शीर्ष नेतृत्व विचार करेगा। यदि इन तीन-चार नामों पर भी अंत समय में “दंगल” हुआ तो फिर किसी महिला नेत्री को भी बीजेपी प्रत्याशी बना सकती है। कुछ ऐसा ही RSS भी चाह रही है।


 

 

 
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