Lok Sabha Election 2019 : भारतीय जनता पार्टी (BJP) में टिकट को लेकर काफी मारामारी है। शायद यही वजह है कि BJP हाईकमान अभी तक प्रत्याशियों की पहली लिस्ट भी Final नहीं कर सका है। कार्यकर्ता से लेकर क्षेत्र की जनता तक परेशान है कि आखिर कौन होगा उनका प्रत्याशी ? UP की VIP लोकसभा सीट इत्रनगरी कन्नौज से कौन होगा BJP का "सेनापति" ? यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। क्या बीजेपी पिछली बार सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav की धर्मपत्नी Dimple Yadav को कड़ी टक्कर देने वाले शेर-ए-कन्नौज के नाम से चर्चित सुब्रत पाठक पर फिर से दांव लगाएगी या फिर किसी और चेहरे को "चुनावी रणभूमि" में उतारेगी ? इसकी तस्वीर अभी तक साफ नहीं है।सिर्फ और सिर्फ कयासों का दौर चल रहा है। www.redeyestimes.com से बातचीत में सुब्रत पाठक ने कहा कि "बीजेपी का सिपाही हूं। जहां से टिकट मिलेगा मैं वहीं से पूरी निष्ठा के साथ चुनाव लड़ूंगा"। उल्लेखनीय है कि सुब्रत पाठक को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं इन दिनों सोशल मीडिया में चल रही हैं।


[caption id="attachment_18926" align="alignnone" width="188"] Avinash Tiwari (Chhote Tiwari)[/caption]

सोशल मीडिया में Kanpur से भी चुनाव लड़ने की चर्चाएं


सुब्रत पाठक भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के पूर्व प्रेसीडेंट रह चुके हैं। वर्तमान में वे बीजेपी के प्रदेश मंत्री हैं। साथ ही वे संगठन मंत्री सुनील बंसल के बेहद करीबी लोगों में भी हैं। सुब्रत पाठक के लिंक डायरेक्ट अमित शाह से भी हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में उनके कानपुर नगर की सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं सोशल मीडिया में काफी जोर-शोर से हैं। इससे पहले उनके झांसी से चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं लेकिन वहां से किसी और को टिकट दिए जाने की खबरें आ रही हैं। Portal से बातचीत में सुब्रत पाठक ने कानपुर से चुनाव लड़ने के सवाल पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी जहां से चुनाव लड़ाएगी वो लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कन्नौज से क्या चुनाव लड़ेंगे ? के सवाल भी भी उनका जवाब गोलमोल ही रहा।

Kanpur में सुब्रत के समर्थकों की लंबी फौज


जानकार सूत्रों की मानें तो Kanpur में सुब्रत पाठक के समर्थकों की संख्या काफी है। जब वे युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे तो उस दौरान छात्रसंघ की राजनीति से जुड़े कई चर्चित नेता उनके काफी करीबी हो गए। अब वही लोग सुब्रत पाठक को कानपुर से चुनाव लड़ाने के लिए लामबंदी कर रहे हैं। सोशल मीडिया में उनको प्रत्याशी बनाए जाने की खबरें भी कई दिनो से चल रही हैं। उसके पीछे कई वजह हैं। पहली यह कि यहां से बीजेपी मुरली मनोहर जोशी को रिपीट करने के मूड में नहीं है। दूसरा यह कि कानपुर से दावेदारों की लंबी फौज है। तीसरी वजह ये है कि भाजपा भी "SKY LAB" (बाहरी और चर्चित) को चुनाव लड़ाने की ठान चुकी है। इसमें करीब नौ लोगों के नाम शामिल हैं। इन नौ लोगों में एक नाम सुब्रत पाठक का भी बताया जा रहा है। सुब्रत का दावा इस लिए भी मजबूत है कि ब्राम्हण होने के साथ-साथ कानपुर में उनके समर्थक भी ठीक-ठाक संख्या में हैं।

इत्रनगरी से लड़ने के मूड में नहीं हैं सुब्रत


सूत्रों की मानें तो सुब्रत पाठक खुद भी कन्नौज से लड़ने के मूड में नहीं हैं। प्रदेश नेतृत्व भी उनको कन्नौज की जगह किसी और VIP सीट से चुनाव लड़ाने के मूड में है। कन्नौज से चुनाव न लड़ने के पीछे कई वजहें भी हैं। पहली वजह पिछला चुनाव है। पहली वजह पिछले चुनाव में जीतकर "हार" जाना भी शामिल है। सुब्रत को भी पता है कि डिंपल यादव को चुनाव जिताने के लिए सपा साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाएगी। जो कि वो पिछली बार भी कर चुकी है। यही वजह है कि सुब्रत कन्नौज के बदले किसी और वीआइपी सीट चाह रहे हैं। जिसमें कानपुर नगर, झांसी और अकबरपुर की सीट भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सुब्रत पाठक का चुनाव लड़ना तो पक्का है लेकिन कहां से वे चुनाव लड़ेंगे ये "पक्का" नहीं है।

[caption id="attachment_19014" align="alignnone" width="695"] डिंपल यादव (लोकसभा प्रत्याशी कन्नौज, सपा)[/caption]

कन्नौज से Dimple Yadav फिर होंगी सपा प्रत्याशी


कन्नौज लोकसभा सीट से सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने एक बार फिर से अपनी धर्मपत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि इस बार चुनाव काफी दिलचस्प होगा। उसकी वजह शिवपाल सिंह की प्रगतिशील पार्टी बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो शिवपाल सिंह यहां से शराब का अवैध कारोबार करने वाली एक चर्चित महिला के पति को टिकट दे सकते हैं। एक खास एरिया में इस महिला का काफी प्रभाव है। प्रगतिशील पार्टी के प्रत्याशी से सपा को नुकसान होना तय बताया जा रहा है। तो वहीं बीजेपी की राह में शिवसेना कांटा बोने के बेताब है। खबर है कि यहां से शिवसेना की तरफ से चुनाव लड़ने का दावा ठोंक रहे प्रत्याशी ने होर्डिंग-बैनर से चुनाव जंग छेड़ दी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 
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