Lok Sabha Election 2019 : समाजवादी पार्टी ने Unnao से Ex.MLA रहे रामकुमार को Kanpur Nagar लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। रामकुमार और उनके परिवार का Kanpur की राजनीति से पुराना नाता है। पिता मनोहर लाल यहां से सांसद और छावनी विधान सभा से विधायक रह चुके हैं। पिता मनोहर लाल के नाम एक बड़ा इतिहास आज भी दर्ज है। 1977 में बने इस इतिहास को आज तक कोई भी लोकसभा प्रत्याशी तोड़ नहीं सका है। रामकुमार इलेक्शन मैनेजमेंट के बड़े एक्सपर्ट हैं। पिता से लेकर भाई तक सभी के चुनाव का मैनेजमेंट वही संभालते रहे हैं।


YOGESH TRIPATHI


रामकुमार ने 45 साल पहले संभाली थी पिता के चुनाव की कमान


बेहद मृदुभाषी रामकुमार कानपुर के चकेरी स्थित वाजिदपुर (जाजमऊ) एरिया में परिवार के साथ रहते हैं। पिता मनोहर लाल लोहिया विचारधारा के नेता थे। मनोहर लाल जब 74 में छावनी विधान सभा से विधायकी का चुनाव लड़े तो बेटे रामकुमार ने उनके चुनाव की कमान संभाली। 75 में मीसा के तहत मनोहर लाल को Arrest कर लिया गया। पेशे से अधिवक्ता रामकुमार ने पिता और उनके साथियों की गिरफ्तारी के बाद सभी की अदालत में पैरवी भी की। 1977 में मनोहर लाल कानपुर संसदीय सीट से जब लोकसभा का चुनाव लड़े तो एक बार फिर चुनाव मैनेजमेंट की कमान बेटे रामकुमार के हाथ में दी।

[caption id="attachment_19192" align="alignnone" width="695"] सपा संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ रामकुमार। फोटो साभार (रामकुमार जी के facebook) वॉल से।[/caption]

पिता मनोहर लाल के नाम दर्ज है अनोखा रिकार्ड


मनोहर लाल ने 77 में जनता पार्टी के टिकट पर कानपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। राजनीति के जानकारों की मानें तो इस चुनाव में पड़े कुल वोटों का 70 प्रतिशत मत मनोहर लाल को और शेष 30 प्रतिशत अन्य सभी प्रत्याशियों को मिला। ये आज भी रिकार्ड है, तब से लेकर लोकसभा के कई चुनाव हुए हैं लेकिन कोई भी प्रत्याशी इसे नहीं तोड़ पाया। रामकुमार के पिता मनोहर लाल सोशलिस्ट विचारधारा के बड़े नेता थे।

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 भाई दीपक कुमार के चुनाव की भी कमान संभालते थे रामकुमार


सिर्फ पिता ही नहीं बल्कि रामकुमार अपने भाई स्वर्गीय दीपक कुमार के चुनावों की कमान भी समय-समय पर संभालते रहे हैं। फिर चुनाव चाहे पार्षदी का रहा हो या फिर विधायकी व सांसदी का, हर चुनाव में रामकुमार ने पर्दे के पीछे से अपनी बड़ी भूमिका परिवार के लिए निभाई। 1999 में भाई दीपक कुमार के सांसद बन जाने की वजह से रिक्त हुई उन्नाव सदर की सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने रामकुमार को टिकट दिया। इस चुनाव में रामकुमार चुनाव जीतकर विधायक बने। हालांकि अगला चुनाव वे हार गए। इसके बाद उन्होंने दीपक कुमार की पत्नी मनीषा दीपक के चुनावों का भी मैनेजमेंट देखा।

उन्नाव में संचालित हैं कई शैक्षणिक संस्थान


रामकुमार पुराने सपाई हैं। लोहिया विचारधारा के साथ-साथ अपने पिता की तरह वे भी सोशलिस्ट हैं। कानपुर में सभी धर्मों के अनुयाइयों के बीच रामकुमार की तगड़ी पैंठ है। रामकुमार के उन्नाव और कानपुर में चार बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं। जिनमें वे प्रबंधक और अध्यक्ष का निर्वाहन लंबे समय से करते आ रहे हैं। 15 जुलाई 1957 को जन्में रामकुमार ने MSC के बाद LLB की भी पढ़ाई की। परिवार में पत्नी तारारानी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है। www.redeyestimes.com से बातचीत में रामकुमार ने कहा कि सपा हाईकमान की तरफ से मुझे कानपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है। कार्यकर्ताओं और क्षेत्र की जनता के प्यार और आशीर्वाद से वे चुनाव जीतेंगे। रामकुमार ने कहा कि मुकाबला बेहद दिलचस्प रहेगा।

 

 
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