वारदात करीब तीन साल पुरानी है। रावतपुर गांव में जरा सी बात को लेकर सांप्रदायिक संघर्ष हुआ था। बवाल की सूचना पर जनपद के कई थानों की फोर्स पहुंची थी। तत्कालीन SDM भी मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। वहां पर बलवाइयों ने उन पर दुस्साहसिक हमला बोलते हुए उनकी सरकारी गाड़ी को क्षति पहुंचाने के साथ उसे फूंक दिया था। पुलिस ने मामले में FIR रजिस्टर्ड कर विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दी। सपा सरकार के दौरान क्राइम ब्रांच ने कुछ दबाव बनाया जरूर लेकिन BJP की सरकार बनते ही फाइल करीब-करीब ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 8 महीने पहले कोर्ट से 82 की कार्रवाई का नोटिस लेने वाली क्राइम ब्रांच अभी तक 83 (कुर्की) की कार्रवाई नहीं कर सकी है। जबकि नियमतः कुर्की की कार्रवाई तीन महीने बाद ही हो जानी चाहिए थी। 


[caption id="attachment_18227" align="aligncenter" width="583"]satyadev pachauri with jitendra gandhi-, redeyestimes.com कानपुर पुलिस और कोर्ट के अभिलेखों में तीन साल से फरार जितेंद्र कुशवाहा (गांधी) लाल घेरे में (वार्ड नंबर-60, बीजेपी प्रत्याशी है)[/caption]

YOGESH TRIPATHI

कानपुर। अपराधियों के सफाए का दंभ भरने वाली यूपी सरकार की कथनी और करनी का फर्क नगर निकाय चुनाव में साफ स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है। इसकी बड़ी बानगी Kanpur के रावतपुर स्थित वार्ड नंबर (60) में देखने को मिली। जहां तीन साल पहले सांप्रदायिक हिंसा के दौरान शहर के SDM की गाड़ी फूंकने और बलवा करने के आरोपी जितेंद्र गांधी को BJP हाईकमान ने तमाम विरोध के बाद पार्षदी का टिकट दे दिया। हैरतअंगेज बात यह है कि जिस जितेंद्र गांधी को शहर की Crime Branch फरार बताकर कोर्ट से BW / NBW जारी करवाती रही, उसने पुलिस के तमाम बड़े अफसरों और BJP नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन करवा “लालबत्ती” के साए में अपनी सियासी पारी को आगे बढ़ा दिया। सबकुछ जानने के बाद भी जिला प्रशासन पूरी तरह से मौन है। गौरतलब है कि सूबे के मुख्यमंत्री और uppolice के DGP सुलखान सिंह अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़े हुए हैं। ऐसे में WANTED का नामांकन सरकारी तंत्र के तमाम दावों की न सिर्फ पोल खोल रहा है बल्कि विरोधियों को अंगुली उठाने का भरपूर मौका भी दे चुका है। www.redeyestimes.com न्यूज पोर्टल ने जब पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की तो तमाम चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। Crime Branch के विवेचक जनार्दन यादव भी पोर्टल के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। एक सवाल के जवाब ने जनार्दन यादव ने कहा कि सभी आरोपी वांटेड हैं। हाईकोर्ट से स्टे भी नहीं है।


तीन साल रावतपुर गांव में बिगड़ा था सांप्रदायिक सौहार्द, फूंकी गई थी SDM की गाड़ी

शहर में करीब तीन साल पहले कल्याणपुर के रावतपुर गांव में एक त्योहार पर जरा सी बात को लेकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया था। सूचना पर पुलिस अफसरों के साथ उस समय तैनात रहे एक SDM भी हालात को संभालने के लिए मौके पर पहुंचे थे लेकिन हमलावरों ने उनको निशाना बनाते हुए न सिर्फ हमला किया था बल्कि उनकी सरकारी गाड़ी को भी फूंक दिया था। बाद में पुलिस ने इस मामले में तीन मुकदमें पंजीकृत किए। जिसमें 15 नामजद के साथ कई अज्ञात लोग भी हैं। इन पंद्रह लोगों की लिस्ट में सबसे पहला नाम निवर्तमान पार्षद राम औतार प्रजापति का है। पांचवे नंबर पर जितेंद्र गांधी है।



Kanpur की Crime Branch ने मामले में लगाई है चार्जशीट

इस संवेदनशील मामले की जांच पुलिस के अफसरों ने शहर की क्राइम ब्रांच टीम को दे दी थी। तब कानपुर में तैनात रहे आलोक मणि त्रिपाठी ने इस मामले की विवेचना की। आरोपियों के न मिलने पर उन्होंने Court से पहले जमानतीय वारंट लिया और बाद में गैर जमानतीय वारंट के लिए प्रार्थना पत्र दिया। अदालत ने सभी आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। लेकिन इसके बाद भी क्राइम ब्रांच की टीम राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। कुछ आरोपितों ने विवेचना के दौरान अपना नाम निकलवाने की कोशिश भी की लेकिन तब सरकार सपा की थी। जिसके चलते सभी को निराशा हाथ लगी। इस बीच विवेचना संजय मिश्रा को मिल गई। उन्होंने कोर्ट से 82 का आदेश प्राप्त कर लिया। विधि विशेषज्ञों की मानें तो 82 की Notice कोर्ट से तभी जारी होती है जब आरोपी फरार चल रहे हों। दस्तावेजों पर गौर करें तो करीब आठ महीना पहले ही सभी के खिलाफ 82 की नोटिस जारी हो चुकी है। मामले की विवेचना अब जनार्दन यादव कर रहे हैं।

डेढ़ महीना पहले DM और SP के साथ मीटिंग भी कर चुका है जितेंद्र गांधी

करीब डेढ़ महीना पहले शहर के रावतपुर गांव में जुलूस के दौरान सांप्रदायिक माहौल गर्म हो गया था। यहां पुलिस ने रामलला मंदिर में घुसकर भाजपाइयों पर लाठीचार्ज किया। DIG की कार पर हमला किया गया। मामला बढ़ा तो शहर के दो बड़े अफसरों तत्कालीन DIG सोनिया सिंह और DM सुरेंद्र सिंह ने क्षेत्र के सम्मानित और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की एक मीटिंग की। इस मीटिंग में जितेंद्र गांधी समेत कई Wanted अफसरों से बैठकर दो घंटे तक वार्ता करते रहे थे।

अंहिसा के पुजारी को भी कियाबदनाम

वार्ड 60 रावतपुर से बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र गांधी ने अहिंसा के पुजारी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम को भी बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जितेंद्र को करीब से जानने वाले लोगों की मानें तो उसका वास्तविक नाम जितेंद्र कुशवाहा है। जितेंद्र गांधी मूलरूप से रावतपुर गांव का ही रहने वाला बताया जा रहा है। बीजेपी के सूत्रों की मानें तो हमेशा के एक “माननीय” के साथ रहने वाले जितेंद्र को भाजपाई उनका “कारखास” भी कहते हैं।

क्या शहर पुलिस करेगी Arrest ? या फिर सीना चौड़ा कर घूमेगागांधी

सत्ता की ठसक, माननीय के संरक्षण और शहर पुलिस की सरपरस्ती में खुलेआम सीना चौड़ाकर अपना नामांकन करने वाले Court से भगोड़ा घोषित जितेंद्र गांधी को अब देखना है कि शहर पुलिस गिरफ्तार करती है या फिर उसे अपराधी से नेता बनने के लिए आजादी का लाइसेंस देती है। Crime Branch से बातचीत के दौरान साफ तौर पर दिखा कि सत्ता के हनक के आगे हर कोई खामोश है।

RSS के बेटे की टिकट काटकर मिली टिकट

वार्ड नंबर 60 से यूं तो बीजेपी के कई बड़े दावेदार थे लेकिन इसमें दो बड़े नाम थे पहला निवर्तमान पार्षद राम औतार प्रजापति और दूसरा सबसे बड़ा दावा RSS के एक पदाधिकारी के बेटे का था। दोनों ही जितेंद्र गांधी पर 21 बैठ रहे थे लेकिन गांधी सबस पर भारी बैठा और “माननीय की कृपा” से टिकट लेने में कामयाब हो गया।

सत्ता के इशारे पर नाचती है पुलिस

पुलिस का रौब गरीबों और मजलूमों तक ही सीमित रहता है। गरीब को लाठी दिखाकर बात करना और मजलूम लोगों के परेशान करना पुलिस के लिए आम बात है लेकिन सत्ता की ठसक रखने वाले लोगों के साथ पुलिस का बर्ताव और व्यवहार कैसा रहता है ? इसे बताने या फिर कहने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है। जानकारों की मानें तो शहर पुलिस हो या फिर क्राइम ब्रांच दोनों कभी भी इस आरोपी को पकड़ सकती थीं लेकिन सत्ता के आगे सभी नतमस्तक हैं।

इस पूरे प्रकरण पर बात करने की जब संबधित पुलिस अफसरों से बात की गई लेकिन कई ने फोन ही काट दिए। कुछ ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि क्या करें ? कल्याणपुर इंस्पेक्टर ने कहा कि प्रकरण की पूरी जानकारी नहीं है, आप मुंशियाने में बात कर लें। मुंशियाने में मौजूद हेड कांस्टेबल ने पूरी जानकारी दी। साथ ही यह भी कहा कि 82 की नोटिस तो साथ महीना पहले ही सभी आरोपितों के घर पर चस्पा की जा चुकी है। सभी आरोपी फरार हैं। www.redeyestimes.com ने जब मुंशी से यह सवाल किया कि यदि आरोपी फरार हैं तो जितेंद्र गांधी नाम के आरोपी ने नामांकन कैसे करा दिया ? इस पर जवाब मिला क्या ? जल्दी गिरफ्तार होगा अब वो। सवाल उठता है कि क्या पार्षद का चुनाव जितवाने के बाद नेता बनाकर क्या शहर पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है ?

क्या कहते हैं BJP के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी

भारतीय जनता पार्टी (उत्तर) के जिलाध्यक्ष से जब पोर्टल ने इस बाबत बात की तो उन्होंने कहा कि जितेंद्र गांधी को बीजेपी हाईकमान ने टिकट दिया है। इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता है। सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि जितेंद्र गांधी के WANTED होने और मुकदमों के बाबत उनको जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो इस मामले को बीजेपी हाईकमान के सामने अवश्य रखा जाएगा।

 

 
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