राजनीति अब आम आदमी के बस की बात नहीं है। धन से संपन्न व्यक्ति ही चुनाव लड़ता है और राजनीतिक दलों से टिकट पाता है। चुनाव में धनबल के सहारे चुनाव लड़ने वाले धन्नासेठ किस कदर आदर्श चुनाव संहिता का मजाक बनाते हैं ये Kanpur के प्रतिष्ठित DELHI PUBLIC SCHOOL की सर्वोदय नगर ब्रांच में देखने को मिला। यहां पढ़ने वाले नौनिहालों की स्कूली डायरी में प्रबंधतंत्र के इशारे पर कांग्रेस प्रत्यासी बंदना मिश्रा के लिए वोट और सपोर्ट करने के लिए न सिर्फ अभिवावकों को बाध्य किया जा रहा है बल्कि इसका सीधा असर बच्चों के दिल और दिमाग पर भी पड़ रहा है। अभिवावकों में प्रबंधतंत्र के इस कृत्य पर काफी आक्रोश है। 



YOGESH TRIPATHI


कानपुर। लोकतंत्र में चुनाव और मतदाता ही असली ताकत है। चुनाव आयोग की तरफ से तय आदर्श चुनाव संहिता में स्पष्ट है कि वोटर को लालच, भय, गुमराह और उससे जोर जबरजस्ती करके वोट नहीं हासिल किया जा सकता है लेकिन Kanpur में कुछ ऐसा ही हो रहा है। धनबल के दम पर चुनाव लड़ रहीं कांग्रेस प्रत्याशी बंदना मिश्रा और उनके चुनाव का संचालन कर रही टीम ने आयोग के आदर्श चुनाव संहिता की धज्जियां तार-तार कर दी हैं। कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी बंदना मिश्रा स्कूल के बच्चों की डायरी के जरिए उनके अभिवावकों को वोट दिए जाने के लिए खुल्लम-खुल्ला बाध्य कर रही हैं। स्कूल की डायरी में बच्चों को होमवर्क देने के साथ उनकी शिकायत और अच्छे आचरण व प्रदर्शन का जिक्र किया जाता है। लेकिन अब स्कूली नौनिहालों को इस डायरी को कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी बंदना मिश्रा ने वोट मांगने का “हथियार” बना लिया है। www.redeyestimes.com न्यूज पोर्टल से बातची के दौरान नाम न छापने की शर्त पर कई अभिवावकों ने स्कूल प्रबंधन की कारगुजारियों का खुलासा किया है।


[caption id="attachment_18196" align="aligncenter" width="640"] नामांकन सेट दाखिल करने के बाद कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी वंदना मिश्रा अपने पति आलोक मिश्रा और कांग्रेसी नेताओं के साथ (फाइल फोटो)[/caption]

DPS के बच्चों की डायरी में लिखा जा रहा बंदना मिश्रा को वोट दें

शहर के नामी-गिरामी Delhi Public School (DPS) की कई ब्रांच हैं। इसमें हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। इन बच्चों को स्कूल की तरफ से एक डायरी मिली है। जिसमें उनके अच्छे कार्यों के साथ अभिवावकों के साथ संवाद भी किया जाता है। लेकिन अब इस डायरी को कांग्रेस प्रत्याशी बंदना मिश्रा ने चुनावी “हथियार” के तौर पर इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। अभिभावकों की मानें तो DPS प्रबंधतंत्र के इशारे पर इस डायरी में बंदना मिश्रा के लिए वोट मांगने के साथ उनको सपोर्ट करने की बात लिखी है।

अपडेट खबर: पोर्टल की खबर को @Uppolice ने संज्ञान में लेते हुए @kanpurnagarpol को दिए कार्रवाई के निर्देश।

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मासूम बच्चों पर पड़ रहा है खराब असर

कई अभिवावकों ने www.redeyestimes.com पोर्टल के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हम बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजते हैं न कि राजनीति सिखाने के लिए। DPS प्रबंधतंत्र की तरफ से किए गए इस कृत्य का सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है। बच्चे अब घर में अभिवावकों से पढ़ाई की जगह वोट देने की अपील करने के साथ न तमाम तरह के राजनीतिक सवाल पूछ रहे हैं। कई अभिवावक काफी गुस्से में दिखे। उनका कहना है कि शिक्षा के मंदिर को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। इसका सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है।

DPS से बंदना मिश्रा का क्या है कनेक्शन

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आलोक मिश्रा शहर के प्रतिष्ठित DPS शिक्षण संस्थान मालिक हैं। पिछले कई महीने से आलोक मिश्रा मेयर चुनाव की तैयारी कर रहे थे लेकिन ऐन वक्त पर कानपुर की सीट सामान्य महिला हो गई। कांग्रेस की तरफ से कई दावेदार आए लेकिन आलोक मिश्रा अपनी पत्नी बंदना मिश्रा को कांग्रेस से टिकट दिलाने में कामयाब हो गए।

शहर में चर्चा का विषय बन गई है यह घटना

DPS प्रबंधतंत्र की तरफ से स्कूली डायरी में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट और समर्थन मांगने की बात अब शहर में चर्चा का विषय बन चुकी है। लेकिन सबसे बड़ा और गंभीर सवाल यह है कि अभी तक जिला निर्वाचन आयोग और पुलिस प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
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