नगर निकाय चुनाव में स्टेट इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर जारी सूचनाओं और कई प्रत्याशियों के दावों में असमानताएं साफ तौर पर दिख रही हैं। वार्ड 84 में तो गजब ही हो गया। सरकारी वेबसाइट में जो सपा प्रत्याशी के तौर पर दर्ज रानी यादव को नगर निगम में चस्पा की गई लिस्ट में निर्दलीय प्रत्याशी दर्शाया गया है, जबकि शिवकांती शुक्ला को सपा प्रत्याशी बताया जा रहा है, जबकि शिवकांती शुक्ला सरकारी वेबसाइट में निर्दलीय प्रत्याशी हैं। कुछ यही हाल वार्ड-92 और 93 का भी है।
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। कहते हैं कि मोहब्बत, राजनीति और जंग में सबकुछ जायज है। इसकी एक बानगी नगर निकाय के नामांकन में भी देखने को मिली। Kanpur South City के वार्ड नंबर-93 (गोविंद नगर) से कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजनीति में अपनी "बादशाहत" कायम किए देवेंद्र सब्बरवाल के खिलाफ उनकी "बेगम" रेनू सब्बरवाल भी चुनावी समर में कूद पड़ी हैं। रही-सही कसर देवेंद्र सब्बरवाल के शिष्य और BJP के लिए यूपी के विधान सभा में तुरुप का "इक्का" साबित हो चुके नवीन पंडित ने पूरी कर दी। अब देखना यह है कि रेनू सब्बरवाल या फिर देवेंद्र में कौन अपना नामांकन वापस लेता है ?
चेले को टिकट मिलने से गुरु हैं परेशान
राजनीति के जानकार पंडितों की मानें तो नवीन पंडित समेत गोविंदनगर के तमाम नेताओं को राजनीति का "ककहरा" सिखाने वाले देवेंद्र सब्बरवाल ही हैं। वो एक अलग बात है कि कई चेले उनसे आगे निकल गए। जानकारों की मानें तो नवीन पंडित के चुनावी समर में कूद जाने से देवेंद्र सब्बरवाल की राह अब आसान नहीं होगी। नवीन पंडित ने बाकयाद कार्यालय का शुभारंभ तक कर दिया है। वह लगातार जनसंपर्क भी कर रहे हैं। लेकिन अभी देवेंद्र सब्बरवाल की तरफ से वो चुनावी रंगत देखने को नहीं मिली है।
"भंवर" में फंसे है देवेंद्र सब्बरवाल
देवेंद्र सब्बरवाल के साथ उनकी पत्नी रेनू सब्बरवाल ने भी नामांकन कराया है। स्टेट इलेक्शन कमीशन (सरकारी वेबसाइट) में दंपति के नाम के आगे निर्दलीय प्रत्याशी साफ तौर पर लिखा है। अंदरखाने की मानें तो राजनीति के पुराने खिलाड़ी देवेंद्र सब्बरवाल को कुछ अंदेशा था। शायद यही वजह रही कि उन्होंने पत्नी का भी नामांकन करवा दिया। वेबसाइट के मुताबिक दोनों में से किसी ने अभी तक पर्चा वापस नहीं लिया है।
वार्ड-92 से प्रमोद जायसवाल अभी भी निर्दलीय
इसे चूक कहें या फिर सरकारी तंत्र की गल्ती। वार्ड नंबर 92 से प्रमोद जायसवाल के नाम के आगे स्टेट इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट में निर्दलीय लिखा है। प्रमोद जायसवाल ने मंगलवार को www.redeyestimes.com से बात करते हुए कहा था कि वह बीजेपी के प्रत्याशी हैं और सिंबल भी जमा कर चुके हैं लेकिन अभी तक वेबसाइट में वह निर्दलीय बने हुए हैं।
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