Kanpur मेयर की प्रत्याशिता को लेकर BJP के एक बड़े धड़े और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच "नूरा-कुश्ती" का दौर शुरु हो चुका है। चर्चा है कि बीजेपी का यह बड़ा धड़ा कई महीने पहले ही शैक्षणिक कारोबार से जुड़े घराने के लिए टिकट पर मुहर लगा चुका है। यह बात न तो स्वयंसेवकों को बर्दाश्त हो रही है और न ही RSS के कद्दावर पदाधिकारियों को। हाल अब यह है कि चित्रकूट में मौजूद RSS के "महाराथी" भाजपा में बिक रही टिकटों का मुद्दा हाईकमान के सामने उठाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो कंडीडेट के नाम पर फाइनल मुहर 27 अक्तूबर के बाद ही लगेगी। चर्चा है कि मेयर प्रत्याशी के चयन का ऐलान भी चित्रकूट में ही फाइनल किया जाएगा।
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी नगर निकाय के चुनाव का “शंखनाद” नहीं किया है लेकिन राजनीतिक दलों में प्रत्याशी चयन को लेकर उठा-पटक का दौर शुरु हो चुका है। मेयर प्रत्याशी चयन को लेकर केंद्र और यूपी की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में “रायता” कुछ अधिक फैल रहा है। क्षेत्रीय बीजेपी के दिग्गज जहां “बाहरवाली” को प्रत्याशी बनाने के लिए 5 कालीदास मार्ग से लेकर दिल्ली में “नमो” की चौखट तक “शह-मात” का खेल खेलने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के “महारथी” किसी “घरवाली” को प्रत्याशी बनाए जाने के पक्ष में हैं। RSS के बड़े सूत्रों का कहना है कि “बाहरवाली” किसी भी सूरत में मान्य नहीं होगी। “घरवाली” और “बाहरवाली” के मामले को RSS के दिग्गज चित्रकूट में अगले कुछ घंटों के दौरान होने वाली मीटिंग में भी प्रमुखता से उठाएगी।
पूंजीपति और शैक्षणिक संस्थान से जुड़े घराने को BJP देना चाहती है टिकट
बीजेपी सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय भाजपा Kanpur के ताकतवर लंबरदार, पूंजीपति और शैक्षणिक कारोबार से जुड़े घराने को टिकट दिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। शायद यही वजह रही कि दो दिवसीय प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक का आयोजन भी बीजेपी एक धड़े ने करवा दी। ठीक उसी रात को मेयर सीट का परशीमन भी जारी किया गया। अंदरखाने की मानें तो यह टिकट कुछ माह पहले ही फाइनल हो चुका है, सिर्फ औपचारिकता भर ही बाकी रह गई है।
भाजपा की धरोहर, दो Minister और कई MLA को दरकिनार कर फाइनल हो गई टिकट !
बीजेपी सूत्रों की मानें तो टिकट फाइनल कराने के लिए कई महीने से अंदर ही अंदर कवायद चल रही थी। जो “औपचारिकताएं” थी वह भी इन्हीं दिनों में पूरी कर ली गईं। प्रांतीय अधिवेशन करवाने के बाद भाजपा के एक धड़े ने BJP हाईकमान की नजर में इस घराने को पूरी तरह से भाजपाई भी साबित करवा दिया। जानकारों की मानें तो करीब एक साल पहले तक शैक्षणिक कारोबार से जुड़ा यह घराना पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमों अखिलेश सिंह यादव और उनकी पत्नी का बेहद करीबी हुआ करता था। इस घराने को मेयर की टिकट पक्की कराने के लिए शहर के दो मंत्रियों, कई विधायकों और सबसे बड़े भाजपा के धरोहर मुरली मनोहर जोशी तक को ताक पर रख दिया गया।
उत्तराखंड के एक सीनियर IAS भी टिकट “पक्का” कराने में बने “सारथी”
RSS के एक बड़े दिग्गज की मानें तो प्रांतीय अधिवेशन के जरिए बड़े घराने को भाजपाई साबित कर टिकट पर अंतरिम मुहर लगाने की पहल की गई ताकि पार्टी में विरोध न हो। इस पूरे खेल में उत्तराखंड कैडर के एक सीनियर IAS अफसर की महतो भूमिका रही। इस IAS अफसर के यूपी सरकार के साथ भी गहरे ताल्लुक हैं।
4 लग्जरी गाड़ियों की घराने ने दे दी है “सौगात”
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इस घराने ने चार लग्जरी गाड़ियों की सौगात कुछ दिग्गजों को दे रखी हैं। जो कि उन्हीं गाड़ियों से इन दिनों सफर कर रहे हैं। हालांकि इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर दिग्गजों के नाम से नहीं किया गया है। गाड़ियों की कीमत करीब 40 लाख रुपए के आसपास भाजपाई बता रहे हैं।
“बिकती” टिकटों से स्वयंसेवक से लेकर RSS के दिग्गज तक हैं बेचैन
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर “न खाऊंगा न खाने दूंगा” का नारा बुलंद किए हैं तो वहीं दूसरी तरफ कानपुर की भाजपा में इन दिनों पार्षद से लेकर मेयर तक की टिकटों पर खुल रहे “बाजरा के भाव” से बीजेपी का जमीनीं और संघर्षशील कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं की मानें तो उनको वही प्रत्याशी चाहिए जो कार्यकर्ता हो। पैसे के बल पर बीजेपी में पहुंच बनाकर टिकट लाने वाले को भाजपाई अब चुनाव में हराने की कसमें भी खाते दिखाई दे रहे हैं। कुछ यही हाल स्वयंसेवकों और RSS के कद्दावर दिग्गजों का भी है। उनको भी यह बिल्कुल नहीं पच रहा है कि कोई बाहर का व्यक्ति आकर चुनाव लड़े।
RSS की पहली पसंद गीता मिश्रा, दूसरे पर कमलावती, तीसरे पर प्रमिला पांडेय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सूत्रों की मानें तो RSS की पहली पसंद एक जूनियर हाईस्कूल की प्रिंसिपल गीता मिश्रा हैं। संघ सूत्रों की मानें तो गीता मिश्रा के नाम पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मुहर लगा सकते हैं। साथ गीता मिश्रा की पैरवी में संघ से जुड़े एक चर्चित प्राचार्य भी कर रहे हैं। दूसरे नंबर पर बीजेपी की पुरानी नेत्री कमलावती हैं। इनके नाम पर भी राजनाथ सिंह की मुहर लग सकती है। तीसरे नंबर पर प्रमिला पांडेय का नाम चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा कानपुर की बॉबी तिवारी की भी है। ये फिलहाल मुंबई में रह रही हैं। परिवार के एक सदस्य मुकेश अंबानी के रिलायंस में महत्वपूर्ण पद पर काम करते हैं।
BJP से टिकट के लिए कांग्रेस के एक दिग्गज भी लगे
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी से मेयर के लिए दावेदारी ठोंक रहे हैं। यह दिग्गज भी शैक्षणिक कारोबार से जुड़े हुए हैं और लंबे समय से कानपुर में प्रचार प्रसार भी कर रहे हैं। ये “कानपुर से प्यार भी करते हैं”। कुछ इसी तरह के चुनाव प्रचार का वह आगाज भी कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इनकी तगड़ी पैंठ BSP में भी है।
Post A Comment:
0 comments: