BJP का शीर्ष नेतृत्व नगर निकाय के चुनाव की तैयारी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कर रहा है। RSS के सूत्रों की मानें तो भाजपा हिन्दुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ सकती है। Kanpur में बीजेपी के दिग्गज लीडर पार्षद से लेकर मेयर प्रत्याशी के चयन पर अपना पूरा फोकस "जिताऊ और टिकाऊ" प्रत्याशियों पर किए हुए हैं।
[caption id="attachment_17875" align="aligncenter" width="670"] प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में संगठन मंत्री सुनील बंसल, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और यूपी बीजेपी प्रभारी ओम माथुर (फाइल फोटो)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। नगर निकाय के चुनाव की रणभेरी करीब-करीब बज चुकी है, सिर्फ राज्य चुनाव आयोग की तरफ से चुनावी तिथि का ऐलान होना बाकी रह गया है। Kanpur के 110 वार्डों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर सबसे अधिक मचमच केंद्र और यूपी की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में मची हुई है। हाल के दिनों में कई मुद्दों पर मुंह की खा चुका BJP का शीर्ष नेतृत्व हर कीमत पर नगर निकाय चुनाव में पार्षदों से लेकर मेयर तक के प्रत्याशी पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। भाजपा के बड़े सूत्रों की मानें तो फोकस “जिताऊ और टिकाऊ” प्रत्याशियों पर अधिक है। विधान सभा के चुनाव में दागी रहे प्रत्याशी हाईकमान के सीधे रडार पर हैं। बीजेपी के दिग्गज इस बार “दागी और बागी” वर्तमान पार्षदों को हर कीमत पर Out करने का मन बना चुके हैं।
हिन्दुत्व के मुद्दे पर निकाय चुनाव लड़ सकती है BJP !
Kanpur समेत यूपी के सभी जगहों पर BJP का शीर्ष नेतृत्व हिन्दुत्व के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ना चाहता है। इसके लिए ग्रीन सिग्नल भी पदाधिकारियों को जारी किए जा चुके हैं। इसका एक प्रमाण सोमवार को तब देखने को मिला जब पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू के दौरान साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि अगले वर्ष यूपी की जनता अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन कर दीवाली मनाएगी। उनके इस बयान से राजनीति के जानकार कई मायने निकाल रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि आखिर चुनाव से ठीक पहले ही सुब्रमण्य स्वामी ने यह बयान क्यों दिया ? BJP के बड़े सूत्रों की मानें तो अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर का निर्माण कराने के लिए कई ट्रक ईंटों और पत्थरों की खेप पहुंचाई जा चुकी है। सारा कार्य बजरंगदल और विहिप के नेताओं की अगुवाई में चल रहा है।
“जिताऊ और टिकाऊ” ही चाहिए, फिर चाहे बाहर से ही लाना पड़े
Kanpur में BJP जिताऊ और टिकाऊ पार्षद प्रत्याशियों पर दांव लगाने का मूड बना चुकी है। इसके लिए यदि आवश्यकता पड़ी तो बीजेपी का नेतृत्व दूसरे दलों या फिर निर्दलीय प्रत्याशियों को “आयात” भी कर सकता है। तस्वीर बिल्कुल साफ है कि जिस तरह से हाईकमान ने विधान सभा का इलेक्शन लड़ा था, ठीक उसी पैर्टन पर ही चुनाव नगर निकाय का भी लड़ा जाएगा। गौरतलब है कि यूपी विधान सभा के चुनाव में भाजपा ने दूसरे दलों, बसपा, सपा और कांग्रेस के दिग्गजों को चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल कर सभी को टिकट बांटे थे। इसमें करीब-करीब सभी चुनाव जीत भी गए। इस लिए यह फार्मूला बीजेपी को काफी पसंद आ रहा है।
40 बसंत पार कर चुके प्रत्याशियों पर BJP नहीं लगाएगी दांव
BJP सूत्रों की मानें तो शीर्ष नेतृत्व 2019 को ध्यान में रखते हुए नगर निकाय का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पूरा फोकस प्रत्याशियों को लेकर ही है। हाईकमान का मानना है कि प्रत्याशियों की उम्र 40 से अधिक की न हो। शायद यही वजह है कि कुछ अधिक उम्र के वर्तमान प्रत्याशियों का टिकट इन्हीं वजहों से काटा जाएगा।
प्रत्याशियों के चयन पर खुफिया की भी ली जा सकती है रिपोर्ट
भाजपा हाईकमान किसी भी सूरत में हारने वाला प्रत्याशी नहीं चाह रही है। बिल्कुल साफ है कि यदि नगर निकाय चुनाव में करारी हार मिली तो 2019 के लोकसभा की डगर काफी मुश्किल भरी हो सकती है। Kanpur में यदि आवश्यकता पड़ी तो बीजेपी के दिग्गज प्रत्याशियों के चयन पर खुफिया रिपोर्ट भी ले सकते हैं। मतलब साफ है कि हर कीमत पर जिताऊ प्रत्याशी ही चलेगा।
कई पार्षदों का परशीमन में ही बिगड़ चुका है “खेल”
लंबे समय से बीजेपी के लिए संघर्ष कर रहे तमाम दावेदारों और वर्तमान पार्षदों का “खेल” पहले ही बिगड़ चुका है। सूत्रों की मानें तो जिन सीटों पर अधिक मारामारी थी उसे रिजर्व कर दिया गया। ऐसा होने से तमाम दावेदार खुद ब खुद ही बाहर हो गए। वर्तमान पार्षदों में कई का टिकट उम्र की वजह से कटना पक्का माना जा रहा है। तो दूसरी तरफ से यूपी विधान सभा के इलेक्शन में भीतरघात करने वाले कुछ दिग्गज पार्षदों का टिकट भी करीब-करीब कटने के संकेत दिए जा चुके हैं। बवाल की स्थित से बचने के लिए बीजेपी इन जगहों पर बिल्कुल नए और युवा चेहरों को तरजीह देने में जुटी हुई है। कुछ जगहों पर तो विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों ने चेहरों पर अंदर ही अंदर मुहर भी लगा दी है, इन सीटों पर सिर्फ औपचारिकता ही बाकी बची है।
70 और 30 की “गणित” से हो सकता है टिकटों का बंटवारा
Kanpur BJP में इस समय एक अनार और सौ बीमार वाली कहावत चल रही है। सूत्रों की मानें तो एक-एक वार्ड पर आधा दर्जन से अधिक दावेदार अपना दावा ठोंक रहे हैं। जो परशीमन की वजह से बाहर हो गए वो अब अपने घर की महिलाओं के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं। वहीं टिकटों के बंटवारे को लेकर अभी तक का जो फार्मूला बनाया गया है, उसके हिसाब से गणित 70 और 30 की हो सकती है। विधायक की विधान सभा के अंतर्गत आने वाली सीटों पर MLA को 70 प्रतिशत सीटें दी जा सकती हैं। ऐसी करीब 30 फीसदी सीटें हैं जहां मारामारी अधिक होगी। उसका फैसला संगठन के पदाधिकारी लेंगे।
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