• फोटो फिनिश से आएगा प्रत्याशी के नाम का नतीजा
  • हाईकमान से कल-परसों में होगी अधिकृत घोषणा
  • अधिक खींचतान के चलते नाम के ऐलान में हो रही देरी
  • संगठन ने चुनावी रणनीति बनाना Start किया 
  • अतिम समय में निवर्तमान मेयर ने भी रेस में बढ़त बनाई


Yogesh Tripathi

भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार Kanpur की मेयर सीट जीतने के लिए पहले से अधिक Alert है। सारे कील-कांटों को मजबूत कर किया जा चुका है। टिकट घोषणा के बाद असंतुष्टों को मनाने का भी इंतजाम कर लिया गया है। BJP की आंतरिक स्थितियों के मद्देनजर अधिक खींचतान न मचे इस लिए Neetu Singh के नाम को अंत तक रोक कर रक्खा गया है। खबर ये है कि दो अन्य दावेदार भी रेस में हैं।निवर्तमान मेयर की भी पैरवी में कुछ दिग्गज लगे हैं। हाईकमान अंत समय में किसको फाइनल करेगा ये भविष्य के गर्भ में है। लेकिन चर्चा और कयासबाजी के दौर में नीतू सिहं आगे हैें।


नाम को रोके जाने के बाद पीछे एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि विपक्षी दल ऐन वक्त पर रणनीति बदल भी सकते हैं। जैसा कि विधान सभा के चुनाव में आर्य नगर से कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी प्रमोद जायसवाल भाजपा को हराने के लिए अपने चुनाव मे ऐन वक्त पर निष्क्रिय हो गए थे। जिसका सीधा एडवांटेज सपा अमिताभा बाजपेयी को मिला और वह लगातार दूसरी बार विधायक बने। BJP यह सीट हार गई। ऐसी पुनरावृत्ति दोबारा न हो इसके लिए भी BJP ने रणनीति बनाई है। ब्राम्हण बाहुल्य कानपुर सीट को भाजपा हाईकमान किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता है। यही वजह है कि नाम को लेकर तगड़ी माथा-पच्ची जारी है। 

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में भी आपके विश्वसनीय www.redeyestimes.com (News Portal) ने निवर्तमान मेयर प्रमिला पांडेय के टिकट कंफर्म होने की खबर 24 घंटा पहले ही ब्रेक कर दी थी। पोर्टल की पड़ताल में पता चला है कि Neetu Singh और उनके टीम की तरफ से चुनावी हलचल काफी तेज हो गई है। Social Media Account के जरिए भी इसे देखा और समझा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक तमाम औपचारिकताओं को पहले ही पूरा किया जा चुका है। कार्यकर्ताओं से मिलने और गिले-शिकवे दूर करने का दौर जारी है। विरोधी प्रत्याशी का चुनाव कहां भारी है...? वहां पर संगठन के कार्यकर्ताओं को कैसे उतारना है। इन सब बिन्दुओं पर रणनीति भी बनने लगी है। अंदरखाने की खबर ये है कि संगठन की तरफ से भी चुनावी युद्ध का बिगुल बज चुका है। प्रचार सामग्री के जरिए चुनावी तैयारी को संगठन की तरफ से अंतिम रूप दिया जा रहा है।

चूंकि चुनाव प्रचार बैशाख महीने में करना है और वोटिंग जेठ की दुपहरी में होगी। इस लिए चुनाव प्रचार कैसे करना है और वोटिंग के लिए क्या खास रणनीति रहेगी...? इस पर संघठन की तरफ से विशेष तौर पर मंथन कर रणनीति बनाई जा रही है ताकि चुनाव में वोटिंग प्रतिशत कम न हो।

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