- दो दर्जन से अधिक पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर
- जेल के मुख्य गेट पर उपद्रवी बंदियों ने किया कब्जा
- तीन घंटे तक जेल में उपद्रव करते रहे उपद्रवी बंदी
- कई थानों की फोर्स के साथ Police Officer’s जेल पहुंचे
- टीबी की बीमारी से बंदी की मौत के बाद भड़के साथी बंदी
जेल परिसर में दाखिल होने से पहले बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते SP अशोक कुमार मीणा।
Yogesh Tripathi
Uttar Pradesh के Farrukhabad जनपद में संडे की सुबह टीबी की बीमारी से संक्रमित बंदी की मौत के बाद फतेहगढ़ जेल में बंदियों ने जमकर उपद्रव किया। बंदियों ने जेल अस्पताल को फूंक दिया। तोड़फोड़ के बाद बंदी रक्षकों को निशाना बनाकर पथराव किया गया। फतेहगढ़ जेल के मुख्य गेट पर भी बंदियों ने कब्जा कर लिया। उपद्रवियों को काबू में करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। Police Officer’s का कहना है कि बंदियों के हमले में करीब दो दर्जन पुलिस के जवान घायल हुए हैं। कुछ बंदियों के भी घायल होने की खबर है। अधिकारी फायरिंग की बात से साफ इनकार कर रहे हैं। फायर बिग्रेड के जवानों ने मौके पर पहुंचकर जेल अस्पताल में लगी आग पर काबू पाया।
घटनाक्रम के मुताबिक फतेहगढ़ जिला जेल में टीबी की बीमारी से ग्रसित बंदी संदीप सिंह (29) की सैफई अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। संडे की सुबह बंदियों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया। बंदी रक्षकों ने बवाल कर रहे बंदियों को किसी तरह शांत कराने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। आक्रोशित बंदियों ने तोड़फोड़ कर पथराव शुरु कर दिया। पथराव से जेल परिसर में भगदड़ मच गई।
जेल के अंदर दाखिल होने का प्रयास करते दमकल कर्मी।
कंट्रोल रूम की सूचना पर कई थानों की फोर्स जिला जेल पहुंच गई। पुलिस के पहुंचने से पहले बंदियों ने जेल परिसर में पूरी तरह से कब्जा करने के बाद मुख्य गेट पर भी कब्जा कर लिया। इस बीच कुछ बंदियों ने जेल अस्पताल में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। आग की लपटें बेकाबू हुईं तो अफसरों के हाथ-पांव ठंडे पड़ गए।
जेल के मुख्य गेट पर तैनात पुलिस बल।
जेल के अंदर उपद्रव
कर रहे बंदियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। जिससे बंदी
अपनी बैरकों में दुबक गए। मऊदरवाजा थाने में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार और
राजेपुर थाना क्षेत्र के लहरापुर गांवनिवासी बंदी शिवम घायल हो गए। दोनों को उपचार
के लिए लोहिया अस्पताल भेजा गया। बंदी का कहना है कि जब वह गेट बंद कर रहा था तब
उसे गोली मारी गई। जेल में उपद्रव की खबर मिलते ही डीएम संजय कुमार सिंह भी
पहुंचे। डीएम का कहना है कि हालात अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। पूरे मामले की
जांच कराई जा रही है। ताकि यह पता चल सके कि जेल में उपद्रव क्यों हुआ ?
घायल बंदी और पुलिस कर्मी को लेकर जाते सब इंस्पेक्टर।
SP अशोक कुमार मीणा ने फायरिंग और लाठीचार्ज से इनकार करते हुए कहा कि बंदियों के हमले में करीब 30 पुलिस कर्मी जख्मी हैं। एसपी के मुताबिक उनको सुबह 9 बजे डिप्टी जेलर ने सूचना देते हुए बताया कि जेल के अंदर बंदी उपद्रव कर रहे हैं। डिप्टी जेलर ने फोर्स की मांग की। जब वह फोर्स के साथ जेल पहुंचे तो वहां पर बंदियों का पूरी तरह से कब्जा था।
SP के मुताबिक आवश्यक बल प्रयोग कर उपद्रवियों को जेल के अंदर किया गया। हमले में 30 पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। सभी का मेडिकल कराया जा रहा है। छानबीन में पता चला है कि सुबह चाय वितरित की जा रही थी। तभी बंदियों ने डिप्टी जेलर शैलेश सोनकर हमला कर दिया। इसके बाद बवाल बढ़ गया। बंदियों ने जेल अस्पताल में तोड़फोड़ कर आगजनी की। उपद्रव के दौरान बंदी शिवम खुद ही घायल हो गया। उसे गोली नहीं लगी है।
उधर, जिला जेल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अंकित यादव का कहना है कि संदीप सिंह को सांस लेने में तकलीफ थी। पहले उसका इलाज जेल के अस्पताल में किया गया लेकिन जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे सैफई मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया था। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
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