• साल भीतर इंस्पेक्टर की कस्टडी में हो चुकी है तीन लोगों की मौत
  • सत्ता के गलियारों में है इस इंस्पेक्टर की खासी तगड़ी घुसपैठ
  • सिपाही से इंस्पेक्टर यूं ही नहीं बन बैठे हत्या के आरोपी J.N Singh
  • सही जांच हो जाए तो कई करोड़ की प्रापर्टी प्रकाश में आ जाएगी

गोरखपुर के होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या करने का आरोपी सस्पेंड इंस्पेक्टर J.N Singh

Yogesh Tripathi

Gorakhpur के एक होटल में Mid-Night होटल कर्मचारियों के साथ पहुंचकर Kanpur के रियल स्टेट कारोबारी Manish Gupta को बर्बर ढंग से पीट-पीटकर मौत की नींद सुलाने वाले चर्चित इंस्पेक्टर J.N Singh के कारनामों के किस्से और कहानियां अब सोशल मीडिया पर Viral हो रहे हैं। इनके सिपाही से इंस्पेक्टर बनने के पीछे कई कहानियां सामने आ रही हैं। खास बात ये है कि पिछले एक साल के अंदर इनकी कस्टडी में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें Kanpur के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या भी शामिल है। इस हत्याकांड में जालिम सिंह के नाम से चर्चित J.N Singh प्रमुख आरोपी है। हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद से यह इंस्पेक्टर फरार है। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है। SSP का कहना है कि Crime Branch की टीम को गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। जल्द ही Arresting की जाएगी।

Media Reports की मानें तो सत्ता के गलियारों में तगड़ी पकड़ रखने वाले इस इंस्पेक्टर ने अकूत दौलत भी कमाई है। चर्चा है कि कई बेशकीमती मकान और प्रापर्टी अपने करीबी लोगों के नाम पर बना रखी है। पिछले एक साल के अंदर कस्टडी के दौरान तीन लोगों की मौत के मामले में भी ये इंस्पेक्टर घिर चुके हैं। लेकिन सत्ता के रसूख से यह हर बार बच निकले।

बांसगांव में शुभम की मौत। रामगढ़ ताल में ही इससे पहले एक युवक की कस्टडी के दौरान मौत और अब कानपुर के कारोबारी Manish Gupta की हत्या। मनीष गुप्ता की हत्या में इस इंस्पेक्टर के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है लेकिन 40 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इसे गिरफ्तार नहीं किया है। इसके पीछे इसकी सत्ता के गलियारों में तगड़ी हनक का होना बताया जा रहा है। 

Manish Gupta की हत्या के बाद से फरार इंस्पेक्टर जगत नरायाण सिंह के बारे में चर्चा है कि गोरखपुर में लोग उसे जगत नारायण सिंह से कहीं अधिक "नगद नारायण सिंह" के नाम से जानते हैं। उसका तकिया कलाम था "E am Incpector, Who are You"। स्थानीय लोगों की मानें तो वसूली के लिए कुख्यात यह इंस्पेक्टर क्षेत्र में दहशत बनाए रखता था। चर्चा तो यहां तक है कि जिस होटल में मनीष की हत्या की गई है, वहां के स्टाफ से इसकी सेटिंग थी। जिसकी सूचना पर वह जाकर होटल के अंदर दबिश देता था और वहां जो भी लोग मौजूद मिलते थे उनसे पूछताछ कर उगाही करता था। चर्चा ये भी है कि यह घिनौना कार्य बेहद सेटिंग के तहत होता था। जिसमें हिस्सा होटल के कर्मचारियों का भी लगता था।

सोशल मीडिया पर चर्चा है कि सिपाही से दरोगा फिर इंस्पेक्टर बनने के पीछे जालिमनाम से चर्चित इंस्पेक्टर की कई कहानियां है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कई एनकाउंटर करके "नगद नारायण सिंह" सिपाही से इंस्पेक्टर बना है। कई बेगुनाह लोगों की जिंदगी या तो इसने बर्बाद कर दी या फिर उन्हें मौत की नींद सुला दिया। पिछले कई साल से यह लगातार मनपसंद थानों में चार्ज सिर्फ इस लिए पाते रहे हैं कि क्यों कि सत्ता के कई खादी वाले इनके करीबी हैं। इसी रसूख के बल पर हर बार इस इंस्पेक्टर ने खुद को बचाया भी है। Twitter पर एक युवक ने ट्वीट कर कई अफसरों पूछा कि चर्चित इंस्पेक्टर के संपत्तियों की जांच कब होगी ?

फिलहाल अभी तो सबसे बड़ा यक्ष प्रश्नये बना है कि Gorakhpur की रामगढ़ ताल पुलिस हत्यारोपी सस्पेंड इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी कब करेगी ? चर्चा तो ये भी हो रही है कि घटना वाली रात यह इंस्पेक्टर अपने मातहतों के साथ होटल पहुंचे थे। जहां पर मनीष ने नींद से उठते ही इंस्पेक्टर से सवाल-जवाब करते हुए यह कह दिया कि क्या वह आतंकवादी है ? देर रात्रि चेकिंग करने का यह कैसा तरीका है पुलिस का ? इन सवालों से झल्लाए इंस्पेक्टर का पारा चढ़ गया।

मनीष के दोस्तों की मानें तो उन दोनों को बाहर कर पुलिस ने मनीष की बेरहमी से पिटाई शुरु कर दी। पिटाई के दौरान मनीष चीखता-चिल्लाता रहा। थोड़ी देर बाद जब पुलिस बाहर निकली तो मनीष खून से लथपथ हालत में था। अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मनीष को होटल से बाहर निकालते ही सभी पुलिस कर्मी सिर्फ सबूत मिटाने में जुटे रहे। दोस्तों ने सवाल-जवाब किया तो दोनों को धमकी मिली।

Axact

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