-महामंत्री Rakesh Tiwari और Police Officer’s की Meeting के बाद फैसला

-Monday को प्रापर्टी के विवाद में हुई थी हवाई फायरिंग

-मंगलवार को सुरक्षा के मद्देनजर की गई पुलिस की तैनाती

 

Yogesh Tripathi

Kanpur कचहरी में Monday की शाम को प्रापर्टी के विवाद में हवाई फायरिंग की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। अधिवक्ताओं के बीच फायरिंग की वारदात से साख पर बट्टा भी लगा है। इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए Kanpur Bar Association ने कड़ा फैसला लेते हुए कचहरी में हथियार लेकर प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद Bar Association के महामंत्री Rakesh Tiwari ने Police Officer’s के साथ Meeting के बाद यह फैसला लिया। मंगलवार को कोर्ट परिसर में अतिरिक्त पुलिस कर्मी सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रहे। वहीं, दूसरी तरफ घटना की चर्चा भी अधिवक्ताओं के चेंबर में खूब होती रही।

मंडे को कचहरी परिसर में हवाई फायरिंग की घटना के बाद Bar Association और Police Officer’s के बीच एक अहम बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि हथियार लेकर कचहरी परिसर में प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए। मंगलवार को इसका असर भी साफ-साफ दिखाई दिया। कचहरी के प्रमुख गेट पर पुलिस कर्मी तैनात दिखे।

हथियार लाने पर पहले से लगा है प्रतिबंध

जानकारों की मानें तो कचहरी परिसर में हथियार लेकर प्रवेश करने पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। करीब डेढ़ दशक पहले जब वकीलों-पत्रकारों और पुलिस के बीच जब खूनी संघर्ष हुआ तो तत्कालीन जिला जज शैलेंद्र सक्सेना ने हथियार लेकर कचहरी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया था। उसके बाद भी कई जिला जजों ने हथियार लेकर आने पर प्रतिबंध लगाया लेकिन कुछ दिन बाद सारे आदेशों की धज्जियां उड़ती दिखीं।

एक सीनियर अधिवक्ता ने www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में कहा कि पुलिस कर्मियों के लिए भी सख्त आदेश है कि कोर्ट में (गवाही, बयान, जिरह) से पहले वह सरकारी असलहों को जमा करके आएं लेकिन यह आदेश अमल में बिल्कुल नहीं लाया जाता है। अधिकांश अदालतों में दरोगा और इंस्पेक्टर सर्विस रिवाल्वर व पिस्टल लगाए कोर्ट में परिसर में देखे जाते हैं।

कई सीनियर अधिवक्ताओं का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में यह देखने को मिल रहा है कि अदालती कार्य से अधिक जमीनों की खरीद-फरोख्त के काम देखे जा रहे हैं। जबरन संपत्तियों पर कब्जे के मामले में प्रकाश में आ चुके हैं। कुछ मामलों में तो हत्याएं तक हो चुकी हैं। ऐसे में कचहरी परिसर में किसी तरह का खून-खराबा न हो, इस लिए यह Kanpur Bar Association का यह निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन इसे अमल में लाया जाए।

हवाई फायरिंग के बाद चेहरों पर दिखी दहशत

मंडे की शाम को कचहरी परिसर में Bar Association के सामने वाली गली में ताबड़तोड़ हवाई फायरिंग के बाद अधिकांश अधिवक्ताओं के चेहरों पर दहशत साफ-साफ दिखाई दी। यही वजह रही कि कुछ देर बाद ही बार हॉल के अंदर एक महापंचायतभी हई। जिसमें पुलिस की भी मौजूदगी रही। जानकारों की मानें तो कचहरी परिसर ऐसा पहली बार हुआ, लेकिन शहर में ऐसी तमाम घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ घटनाओं में तो जान तक जा चुकी है। चार साल पहले परमट में हुई घटना अभी भी लोगों के जेहन में है।

जिला जज ने जारी किए हैं परिचय पत्र

Lockdown के बाद जब कोर्ट खुली तो जिला जज की तरफ से सुरक्षा के मद्देनजर अधिवक्ताओं को परिचय पत्र वितरित किए गए। इन परिचय पत्रों को लेकर भी अधिकांश मामलों में बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा है। तमाम अधिवक्ता परिचय पत्र के बगैर ही कोर्ट और दफ्तर में प्रवेश करते हैं। उनके साथ वादकारी भी आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। यही हाल सुरक्षा के मद्देनजर लगाए गए मेटल डिटेक्टर का भी है। यहां पर बैठे सिपाही और दरोगा सिर्फ मूकदर्शक की मुद्रा में हमेशा नजर आते हैं।

 

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