जनवरी 2020

-PFI के Arrest मेंबर्स पर है Kanpur में हिंसा भड़काने का आरोप

-खुफिया इनपुट के बाद SSP/DIG ने मातहतों को दिए थे निर्देश

-Kanpur में CM के कार्यक्रम के दौरान थी विरोध-प्रदर्शन की तैयारी

 

Yogesh Tripathi



Kanpur में UPCM Yogi AdityaNath के कार्यक्रम में विरोध-प्रदर्शन की तैयारी कर रहे केरल के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 5 मेंबर्स को खुफिया इनपुट के बाद SSP/DIG अनंत देव तिवारी के निर्देश पर बाबूपुरवा, बर्रा और फजलगंज की पुलिस ने टाटमिल चौराहे के पास से Arrest कर लिया। Arrest किए गए PFI के सभी सदस्यों पर पिछले दिनों Kanpur के बाबूपुरवा और यतीमखाना में हिंसा भड़काने का आरोप है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के खिलाफ भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 42 लोग घायल हुए थे। 


Kanpur के Polce Officer’s का दावा

पुलिस अफसरों का दावा है कि दिसंबर महीने में कानपुर में हुई हिंसा, धरना-प्रदर्शन में PFI ने ही धन की फंडिंग की थी। पुलिस अफसरों का ये भी दावा है कि मोहम्मद अली पार्क चमनगंज में चल रहा प्रदर्शन भी इसी फंड के जरिये संचालित होने की खबर है। इसकी भी छानबीन की जा रही है।

खुफिया इनपुट के बाद SSP/DIG अनंत देव तिवारी ने BabuPurwa (CO) Alok Singh की अगुवाई में टीम गठित की। इसमें बाबूपुरवा SHO राजीव सिंह, बर्रा SHO सतीश कुमार सिंह और फजलगंज SHO अमित तोमर के साथ स्वाट टीम प्रभारी दिनेश कुमार यादव, सर्विलांस प्रभारी हरमीत सिंह को हमराहियों को साथ चरमपंथी संगठन PFI के मेंबर्स की Arresting के लिए लगाया गया।

टाटमिल चौराहे के पास Police ने किया Arrest

जरिए मुखबिर पुलिस टीम को सूचना मिली कि PFI के 5 सदस्य टाटमिल चौराहा स्थित झकरकटी बस अड्डे के पास मौजूद हैं। इस पर पुलिस ने चारो तरफ से घेराबंदी की। पुलिस ने मोहम्मद उमर पुत्र मुद्दिदीन निवासी नगर निगम कालोनी (रामबाग) थाना बजरिया, सैयद अब्दुल हई हाशमी पुत्र मोहम्मद कय्यूम निवासी लेबर कालोनी, फहीमाबाद थाना चमनगंज, फैजान मुमताज पुत्र मुमताज अहमद निवासी कुलीबाजार थाना बादशाही नाका, मोहम्मद वासिफ पुत्र मोहम्मद फहीम निवासी कुलीबाजार, बड़ा कुरियाना थाना अनवरगंज और सरवर आलम पुत्र नवाब खां निवासी कुलीबाजार थाना अनवरगंज को गिरफ्तार कर लिया।

बाबूपुरवा थाने में रजिस्टर्ड है FIR

पुलिस का कहना है कि सभी के खिलाफ बाबूपुरवा थाने में मुकदमा अपराध संख्या 362/19 पर 147, 148, 139, 332, 353, 336, 307, 188, 427, 34, 109, 302, सेवन क्रिमिनल एक्ट, ¾ पीपीडी एक्ट और 27 आयुध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज है। पकड़े गए सभी लोग चरमपंथी संगठन पीएफआइ के सक्रिय सदस्य हैं। कानपुर में हिंसा के बाद से पुलिस के साथ खुफिया इकाइयां सभी को ट्रेस कर रही थीं। सभी ने स्वीकार किया है कि UPCM के कार्यक्रम में भी ये लोग विरोध-प्रदर्शन करवाने का ब्लूप्रिंट तैयार कर चुके थे लेकिन उससे पहले पुलिस ने Arrest कर लिया।

CAA के खिलाफ हिंसा में हुई थी 3 की मौत

गौरतलब है कि CAA के विरोध को लेकर Kanpur में 15 दिसंबर से ही विरोध की चिंगारी उठने लगी थी। 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद शहर में भीषण बवाल हुआ। बाबूपुरवा मे हिंसा के बाद गोलीबारी, पथराव और आगजनी में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दर्जन भर से अधिक लोग घायल हुए। शहर में अतिसंवेदनशील यतीमखाना में भी हजारों की भीड़ ने दूसरे दिन उपद्रव किया। यतीमखाना में पुलिस के साथ उपद्रवियों के खूनी संघर्ष में 40 से अधिक लोग घायल हुए। इसमें कई पुलिस वाले भी घायल हुए थे। कुछ दिन बाद शहर के मोहम्मद अली पार्क में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं आंदोलन पर बैठ गईं, जो कि अभी भी चल रहा है।

हिंसा भड़काने में खर्च किए करोड़ों रुपए

Kanpur में सीएए विरोध को लेकर पीएफआइ ने कितनी फंडिंग की है, इसकी अधिकारिक तौर पर अफसरों की तरफ से फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। अनुमान के मुताबिक पीएफआइ ने कानपुर में भीड़ को उकसाने के लिए 10 से 12 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके लिए करीब 10 बैंक अकाउंट का प्रयोग किया गया है। सभी की छानबीन की जा रही है।


-STF (Kanpur Unit) को प्रशंसा चिन्ह का सिल्वर मेडल 

-गणतंत्र दिवस के मौके पर टीम को मिला मेडल 

गणतंत्र दिवस पर सम्मानित होने के बाद STF (IG) अमिताभ यश के साथ Kanpur Unit

Yogesh Tripathi

Kanpur के फेथफुलगंज एरिया में बड़ी मस्जिद के पास से 17 जनवरी को देश के खूंखार आतंकवादियों में एक डॉक्टर जलीस अंसारी उर्फ डॉ. बम को Arrest करने वाली STF (Kanpur Unit) की टीम को प्रशंसा चिन्ह का सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया गया। 


17 जनवरी को STF (IG) अमिताभ यश के निर्देश पर Kanpur Unit के प्रभारी Ghanshyam Yadav और उनकी टीम के हेड कांस्टेबल धर्मपाल, आरक्षी अब्दुल कादिर, आरक्षी राजकुमार, आरक्षी मोहर सिंह ने फेथफुलगंज में बड़ी मस्जिद के पास फरार आतंकी डॉ. जलीस अंसारी को Arrest किया था। 
STF (Kanpur Unit) के प्रभारी Ghanshyam Yadav के साथ उनकी टीम के कांस्टेबल।


उल्लेखनीय है कि देश में करीब 50 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट की आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाला ये खूंखार आतंकी करीब 26 साल बाद पैरोल पर जेल से बाहर आया था। मुंबई स्थित अपने घर से वह 15 जनवरी को भाग निकला। आतंकी जलीस अंसारी के भागने के बाद देश भर की खुफिया एजेंसियों के होश उड़ गए। 


STF (Kanpur Unit) ने आतंकी जलीस अंसारी को जब Kanpur में Arrest किया तो UP Police के DGP  O.P Singh ने टीम की तारीफ की। यही वजह रही कि Kanpur Unit के प्रभारी Ghanshyan Yadav और उनकी टीम को गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रशंसा चिन्ह का सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर STF (IG) अमिताभ यश भी मौजूद रहे। 


उल्लेखनीय है कि STF (Kanpur Unit) तमाम बड़ी घटनाओं और देश भर में फैले तमाम पेपर सॉल्वर गिरोह का पर्दाफाश कर तमाम सरगनाओं को गिरफ्तार कर चुकी है। कई बड़े और खूंखार अपराधी भी टीम ने गिरफ्तार किए हैं। जहरीली शराब के बड़े नेटवर्क का भी ये टीम भंडाफोड़ कर चुकी है।



-Most Wanted अंगद सिंह पर घोषित था 25 हजार का इनाम

-झांसी के सीपरी बाजार में UPSTF (Kanpur Unit) ने किया Arrest

-MP की ग्वालियर जेल में बंद है सरगना सरदार सिंह लकारा

झांसी के सीपरी बाजार थाना एरिया में STF (Kanpur Unit) के हत्थे चढ़ा 25 हजार का इनामी अंगद सिंह गुर्जर।

 Yogesh Tripathi

उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPST) की Kanpur Unit ने मध्य प्रदेश की ग्वालियर जेल में बंद खूंखार अपराधी सरदार सिंह लकारा के भतीजे अंगद सिंह को झांसी के सीपरी बाजार थाना एरिया में मध्यरात्रि को Arrest कर लिया। अंगद सिंह के सिर पर 25 हजार का इनाम घोषित था। उस पर कई संगीन मामले दर्ज हैं। करीब डेढ़ साल पहले व्यापारी संजय वर्मा पर अंगद ने भाड़े के हत्यारों के साथ मिलकर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। इस कांड के बाद से अंगद फरार था।

दुर्दांत हत्यारा और अपहरणकर्ता है सरदार सिंह लकारा

UPSTF (Kanpur Unit) के प्रभारी Ghanshyam Yadav के मुताबिक ग्वालियर जेल में सलाखों के पीछे कैद सरदार सिंह लकारा बेहद खूंखार किस्म का अपराधी है। भाड़े पर हत्याएं और अपहरण करने सरदार सिंह लकारा एक्सपर्ट है। उसके गिरोह में करीब दर्जन भर से अधिक अपराधी शामिल हैं। गिरोह का नेटवर्क यूपी के साथ-साथ मध्य प्रदेश के कई जिलों में हैं।

गिरोह की कमान संभाले था अंगद सिंह

UPSTF (Kanpur Unit) के प्रभारी Ghanshyam Yadav के मुताबिक सरदार सिंह लकारा के जेल जाने के बाद उसका भतीजा अंगद सिंह गैंग के कमान संभाले था। पिछले कुछ महीने से उसके झांसी में मौजूद होने की सूचनाएं मिल रही थीं। जिसके बाद STF ने उसके मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लेने के साथ मुखबिरों का जाल भी बिछाया। गुरुवार देर रात्रि अंगद की लोकेशन झांसी के सीपरी बाजार थाना एरिया में मिली। Mid-Night को STF की टीम ने सीपरी बाजार थाने के फोर्स की मदद से घेराबंदी कर अंगद को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से तमंचा, कारतूस, नकदी बरामद हुई है।

व्यापारी संजय वर्मा पर बरसाईं थी गोलियां

ग्वालियर जेल में बंद सरदार सिंह लकारा की रंजिश व्यापारी संजय वर्मा से चलती है। सरदार सिंह ने जेल से ही उसके मर्डर का ब्लूप्रिंट तैयार किया। योजना के तहत अलीगढ़ से भाड़े के शूटर्स बुलाए गए। सरदार सिंह लकारा के भतीजे अंगद सिंह और प्रहलाद सिंह ने शूटर्स को सभी सुविधाएं मुहैया कराईं। रैकी के बाद शूटर्स को रुपए की व्यवस्था भी दोनों ने की। 21 जुलाई 2018 को व्यापारी संजय वर्मा अपने ड्राइवर रवि वर्मा, गनर जय गोस्वामी और सुनील कुशवाहा के साथ झांसी न्यायालय में तारीख के बाद जब पजेरो गाड़ी से लौट रहे थे तो कचहरी चौराहे के पास सभी ने तमंचे और पिस्टलों से अंधाधुंध गोलियां दागीं। हमले में संजय, सुनील, जय गोस्वामी घायल हो गए। इलाज के दौरान जय गोस्वामी की मौत हो गई थी।

गोली कांड के बाद फरार हो गया था अंगद सिंह

व्यापारी पर हमले की FIR झांसी के नवाबाद थाने में मुकदमा अपराध संख्या 334/18, धारा- 147, 148, 149, 302, 307, 120(B), 506 IPC के तहत पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज की। अंगद सिंह इस कांड के बाद से फरार चल रहा था। कांड में आरोपित अन्य अभियुक्त जेल चले गए। इसके बाद अंगद सिंह गुर्जर ने गिरोह की कमान संभाल ली।

पहाड़ियों के बीच बसे जीजा के गांव को बनाया ठिकाना

UPSTF (Kanpur Unit) के प्रभारी Ghanshyam Yadav ने www.redeyestimes.com (News Portal) से बातचीत में बताया कि चाचा सरदार सिंह लकारा और गिरोह के अन्य बदमाशों के जेल जाने के बाद अंगद गुर्जन ने गिरोह की कमान संभाल ली। फरारी के लिए उसने अपना महफूज ठिकाना मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित डबरा की पहाड़ियों के बीच बसे अपने जीजा के गांव छोटी अकबई, थाना डबरा को बनाया। वहीं से अंगद गुर्जर अपने ताऊ सरदार सिंह लकारा के नाम पर वसूली का काम करने लगा। रंगदारी वसूलने के लिए वह कभी-कभी झांसी भी आता था। अपने मुकदमे की पैरवी के संबध में वकील से मिलने मध्यरात्रि वह प्राइवेट बस से झांसी पहुंचा। शिवानी तिराहे के पास सीपरी बाजार SHO की मदद से उसे तमंचा, कारतूस के साथ दबोच लिया गया।