-Kanpur (South City) के Barra को मणींद्र ने बना रखा था अपना ठिकाना

-UP & Kanpur के बाहर भी हत्यारोपी बाबा को आसानी से मिल जाती थी एस्कार्ट

-केंद्र और यूपी के कई पूर्व मंत्रियों को लगा चुका है लंबा चूना

-कानपुर बीजेपी के कद्दावर नेताओं को भी बनाया ठगी का शिकार

-20 साल से Kanpur City में बाबा ने जमा रखा था अपना डेरा



Yogesh Tripathi

UP के Bundelkhand स्थित Jalaun जनपद के रामपुरा थाना एरिया के आश्रम में अपने सेवादार (शिष्य) रविशंकर उर्फ कल्लू की हत्या के जुर्म में जेल की सलाखों के पीछे जा चुका कथित बाबा मणींद्र महाराज उर्फ निनावली सरकार को हाई सिक्योरिटी जिला पुलिस प्रशासन ने किसके इशारे पर और क्यों दे रखी थी ? ये अभी भी सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न बना है। ये तो ग्रामीणों का गुस्सा और आक्रोश था जिसकी वजह से खाकी ने बाबा को सलाखों के पीछे कैद कर दिया वर्ना किसमें इतनी दम थी कि निनावली सरकारउर्फ मणींद्र महाराज पर हाथ डाल दे। विधायक से लेकर मंत्री, संपादक से लेकर बड़े-बड़े अखबारों के मालिक निनावली सरकार के चरण चापन करते थे। एस्कार्ट लेना और आश्रम में पीएसी की गारद लेना बाबा के बाए हाथ का खेल था। बाबा की धमक सिर्फ यूपी तक ही नहीं बल्कि दिल्ली और मुंबई तक थी। कानपुर में दर्जनों छुटभैया नेता, कार्यकर्ता, माननीय और संगठन के ताकतवर पदाधिकारी इस हत्यारोपी के चरणों में अपना शीश नवाते थे।


दरोगा की सरकारी पिस्टल से मारी गई गोली

25/26 दिसंबर 2019 की मध्यरात्रि को Jalaun जनपद के रामपुरा थाना एरिया में स्थित निनावली सरकार के आश्रम में सात महीने से कार्यरत सेवादार रविशंकर उर्फ कल्लू के सिर में गोली मारकर हत्या की जाती है। अगले दिन गुरुवार सुबह उसकी रक्तरंजित लाश आश्रम परिसर में जब पड़ी मिलती है तो क्षेत्र के कई गांव के ग्रामीणों में पिछले 20 साल से धधक रही ज्वालामुखीसड़कों पर फट पड़ी। सेवादार के परिजनों और ग्रामीणों ने कथित बाबा मणींद्र महाराज और उसकी सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद तिवारी पर हत्या करने का आरोप लगाया। पुलिस पर पथराव तक किया गया। हिंसक भीड़ बाबा को मार डालने पर आमादा थी, यही वजह रही कि पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा को दूसरे थाने में रखा। अगले दिन दरोगा की सरकारी पिस्टल के साथ उसे जेल भेज दिया गया।
 

दरोगा को बचाने में जुटी रही Jalaun Police

अपने ही विभाग के दरोगा राजेंद्र प्रसाद की गर्दन जब कत्ल जैसे संगीन इल्जाम में फंसी तो पुलिस अफसर उसे बचाने में जुट गए। पहले दिन मीडिया से ये कहा गया कि दरोगा ड्यूटी के बाद अपनी पिस्टल भूल गया था। जिससे देर रात्रि को बाबा ने मर्डर कर दिया। लेकिन अब दरोगा को सरकारी गवाह बनाया जाएगा। बाबा जेल चला गया लेकिन दरोगा पर सिर्फ नाम मात्र की विभागीय कार्रवाई। शनिवार को पुलिस ने मीडिया के बढ़ते दबाव के बाद दरोगा को भी जेल भेजा। फिर नई कहानी सामने आई कि सेवादार ने पिस्टल चोरी कर ली थी। पकड़े जाने पर उसने खुद को गोली मार ली। पुलिस के दोनों बयानों की थ्यौरी पर फिलहाल किसी को विश्वास रत्ती भर नहीं हो रहा है।  

कौन है मणींद्र महाराज उर्फ निनावली सरकार ?

Jalaun के रामपुरा थाना एरिया का रहने वाला मणींद्र महाराज करीब 20 साल पहले अचानक गांव से चला गया और लंबे समय तक गांव के ग्रामीणों की नजरों में वो अंडरग्राउंड रहा। लेकिन हकीकत ये रही कि वो Kanpur के South City स्थित बर्रा एरिया में परिवार और भाई-बन्धुओं के साथ रहने लगा। इस बीच उसने पहचान छिपाने के लिए अपना चोला भी बदल लिया। कभी बर्रा-8 तो कभी पानी की टंकी, भूत बंगला का मोहल्ला फिर आखिरी में प्रिया हॉस्पिटल के पीछे वाली गली का एक मकान उसका ठिकाना बना।


BSP सरकार के एक मंत्री ने दी थी पॉवर

बाबा के बारे में गहरी मालुमात रखने वालों की मानें तो 10 साल पहले बीएसपी सरकार के कार्यकाल में ब्राम्हण बिरादरी के एक ताकतवर मंत्री ने जेल जा चुके बाबा को पॉवर दी और उसके बाद मणींद्र महराज उर्फ निनावली सरकार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर सपा की सरकार रही हो या फिर अब बीजेपी की। उसके भक्तों की टोली दिन पर दिन बढ़ने लगी। 2014 के बाद बाबा के पॉवर में और भी इजाफा हो गया। सोशल मीडिया पर बीजेपी के करीब-करीब हर बड़े नेता के साथ Viral हो रही बाबा की Photos इस बात की गवाही देती है कि उसकी जड़े इस राजनीतिक दल में कितनी गहरी थीं।

बड़े नेताओं को आशीर्वाद देते हुए फोटो को कथित बाबा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर छुटभैया नेताओं को ग्रिप में लेता था। कानपुर में करीब दो दर्जन से अधिक नेता, कार्यकर्ता, माननीय और संगठन के पदाधिकारी इस बाबा के तगड़े भक्त हैं। बाबा के एक इशारे पर सैकड़ों गाड़ियों का काफिला लेकर कानपुर के कई पूर्व पदाधिकारी गंगापुल पर स्वागत भी कर चुके हैं।
 

भाई की शादी एक पैर से खड़े रहे BJP Leader’s

लंबे समय से कानपुर में रह रहे कथित बाबा मणींद्र महाराज ने अपने एक भाई की शादी बर्रा स्थित पानी की टंकी के पास की थी। तब BJP की पूर्व पदाधिकारी रह चुकी एक महिला नेता वहां अगुवानी करती नजर आई थीं। खुद को कानपुर से बीजेपी के एक विधायक का करीबी रिश्तेदार बताने वाले ये कथित बाबा शहर की एक महिला पार्षद को भी ठगी का शिकार बना चुका है। इतना ही नहीं एक इनोवा गाड़ी भी उसने इसी तरह कुछ महीना पहले हड़प ली थी। गोविंदनगर विधान सभा उपचुनाव की टिकट के दौरान कई बीजेपी नेता इस कथित बाबा के पास लाइन लगाकर खड़े नजर आए। कथित बाबा के कई भाई हैं। एक भाई बर्रा में बालाजी के नाम से चर्चित है। दूसरा भाई साउथ सिटी स्थित एक कांग्रेसी नेता के पब्लिक स्कूल में पढ़ाई कर चुका है। तीसरा भाई भी कानपुर में ही रहता है।


BJP में ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे बाबा ने ठगा नहीं

BJP का छोटा कार्यकर्ता हो या फिर प्रदेश स्तर का नेता या केंद्र का पूर्व मंत्री। बाबा की ठगी का शिकार करीब-करीब सभी हुए। बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे एक दिग्गज नेता के बेटे को भी ठगी का शिकार बनाया। कानपुर देहात से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके एक कद्दावर नेता भी बाबा के कदमों में पलके बिछाए बैठे रहते थे। सूत्रों की मानें तो बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को भी यह बाबा ठगी की लंबी चोट दे चुका है।


UP के बाहर भी बाबा निनावली सरकार मिलती थी एस्कार्ट

अपने शिष्य की हत्या में जेल जा चुके मणींद्र महाराज पर सत्ताधारी दल के कई नेताओं और अफसरों के साथ-साथ तमाम सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त था। यही वजह थी कि यूपी के साथ मुंबई और दिल्ली में भी पुलिस की एस्कार्ट एक फोन पर मिल जाती थी। उरई में रामपुरा थाने से एस्कार्ट रवानगी की तो लिखापढ़ी तक होती थी। जिला पुलिस प्रशासन की तरफ से एस्कार्ट मिलना कोई साधारण बात नहीं होती है। जानकारों की मानें तो एक्स और वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त लोगों को ही एस्कार्ट मुहैया कराई जाती है। 


ऐसे में इस हत्यारोपी बाबा को आखिर किसी नेता, नौकरशाह या फिर अफसर के इशारे पर इतनी बड़ी हाई सिक्योरिटी मिली थी। इसका सीधा जवाब देने से पुलिस अफसर क्यों मुंह छिपा रहे हैं ? आखिर वो कौन सी ताकतें हैं जिनके कहने पर हत्या जैसे जघन्य अपराध की तफ्तीश करने के बजाय अफसर दरोगा को बचाने के लिए कभी सर्विस पिस्टल भूल से छूट जाने और फिर चोरी हो जाने की बात कहकर मीडिया को गुमराह कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कानपुर, लखनऊ के कई प्रतिष्ठित अखबारों के संपादक, मालिक और पत्रकार मणींद्र बाबा के चरण छूकर आशीर्वाद पाने के लिए हमेशा आतुर रहते थे।




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