शुक्रवार रात घात लगाए बैठे हमलावरों ने वकील को मारी गोली, मौत

अधिवक्ता की पत्नी पूजा भदौरिया है रामसारी गांव की प्रधान

पुलिस बल तैनात, पुराने हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने हिरासत में लिया

अपराध और अपराधियों के लिए 80 के दशक में चर्चित रहा है रामसारी गांव

वकील की हत्या के बाद रामसारी गांव में दहशत का माहौल

 
अस्पताल में वकील सत्येंद्र सिंह भदौरिया के शव पर बिलखती पत्नी पूजा भदौरिया और परिवार के सदस्य।

Yogesh Tripathi

Uttar Pradesh के Kanpur में शुक्रवार देर रात एक और Murder से सनसनी फैल गई। घाटमपुर कोतवाली के चर्चित रामसारी गांव में घात लगाए बैठे हमलावरों ने वकील सत्येंद्र सिंह भदौरिया की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिवक्ता की हत्या के बाद गांव में दहशत फैल गई। सूचना पर कई थानों की फोर्स और पुलिस के आला अफसर मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। पुलिस ने गांव के ही एक पुराने हिस्ट्रीशीटर भूरा सिंह को हिरासत में लिया है। इस हिस्ट्रीशीटर के घर से पुलिस को तमंचा और कारतूस भी मिला है। फिलहाल गांव में तनाव के माहौल को देखते हुए फोर्स तैनात की गई है।

घर के बाहर पहुंचते ही मार दी सीने में गोली

ग्रामीणों के मुताबिक अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह भदौरिया शुक्रवार रात बाइक से अपने घर पहुंचे। बाइक खड़ी करने के दौरान ही पहले से घात लगाए हमलावरों ने सत्येंद्र भदौरिया के सीने में असलहा सटाकर गोली मार दी। फायरिंग सुनकर परिवार और गांव के लोग बाहर अपने घरों से बाहर निकल आए। खून से लथपथ हालत में सत्येंद्र को तड़पता देख ग्रामीण सीएचसी ले गए। जहां चिकित्सकों ने सत्येंद्र को मृत घोषित कर दिया।

कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे SSP

अधिवक्ता के हत्या की खबर मिलते ही घाटमपुर कोतवाली की फोर्स तुरंत मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों की बढ़ती भीड़ को देख लोकल पुलिस ने सूचना पुलिस के आला अफसरों को दी। थोड़ी ही देर में कई थानों की फोर्स को मौके पर रवाना कर दिया गया। एसएसपी अनंत देव तिवारी, फील्ड यूनिट और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम भी मौका-ए-वारदात पर पहुंचीं।

हिस्ट्रीशीटर को पकड़ा, तमंचा और कारतूस मिले

ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने तुरंत गांव में ताबड़तोड़ दबिश दी। घाटमपुर के पुराने हिस्ट्रीशीटर भूरा सिंह को भी पुलिस ने टांग लिया। तलाशी में उसके घर से तमंचा और कारतूस पुलिस को मिला। पुलिस के मुताबिक भूरा सिंह 2015 के ग्राम पंचायत चुनाव में बीडीसी का प्रत्याशी था। सत्येंद्र सिंह अपनी पत्नी पूजा को ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़वा रहे थे। दोनों ने हिस्ट्रीशीटर भूरा सिंह के विरोधी का समर्थन भी किया था। जिसकी वजह से भूरा सिंह खुन्नस रखता था।

धांसू और बंटा गिरोह की वजह से बदनाम रहा रामसारी गांव

रामसारी गांव का अपना एक अलग इतिहास रहा है। 80 के दशक में लोग सूर्यअस्त होने के बाद इस रोड पर जाने में डरते थे। उसकी वजह थी रामसारी गांव का अपराधिक इतिहास। इस गांव ने दो खूंखार डकैत भी दिए। धांसू और बंटा। दोनों के गिरोह में एक से बढ़कर एक बदमाश थे। कानपुर के साथ पूर्वांचल शातिर अपराधी भी इस गांव में कभी पनाह लेते थे। धांसू और बंटा दोनों पर दर्जनों मुकदमें दर्ज हुए तो पुलिस को हिस्ट्रीशीट खोलनी पड़ी। पुलिस से बचने के लिए दोनों ने पतारा स्थित तिलसड़ा गांव के बाहर एक मंदिर पर कब्जा कर गेरुआ चोला ओढ़ लिया लेकिन अपराधिक गतिविधियों में दोनों फिर भी लिप्त रहे। पुलिस ने नब्बे के दशक में बंटा को एनकाउंटर में मार गिराया। उसके बाद धांसू को तिलसड़ा गांव के बाहर ग्रामीणों ने युवती से छेड़छाड़ करने पर पीट-पीटकर मार डाला था। ये घटना वर्ष 95 की है।

धांसू और बंटा का ही गुर्गा है भूरा सिंह

अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह भदौरिया की हत्या के बाद पुलिस ने गांव के जिस भूरा सिंह को कस्टडी में लिया है, उसका भी एक लंबा-चौड़ा अपराधिक इतिहास रहा है। अपने आकाओं धांसू और बंटा के मारे जाने के बाद भूरा सिंह सुस्त पड़ गया लेकिन तेवर वही रहे। ग्रामीणों की मानें तो भूरा ने अपराध तो छोड़ दिया था लेकिन जिस पर भी उसकी निगाह टेढ़ी हुई उसने उस व्यक्ति को बख्शा नहीं। भूरा सिंह बेहद क्रूर और निर्मम किस्म का अपराधी है। धांसू और बंटा के तमाम पुराने अपराधी अब भी उसके संपर्क में रहते हैं। इसमें पूर्वांचल जिले का एक भगोड़ा सिपाही तक शामिल है। इन सभी ने 80 और 90 के दशक में मिलकर कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया।

15 घंटे बाद भी वकील हत्याकांड में FIR नहीं

अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह भदौरिया की शुक्रवार रात को हत्या की गई। 15 घंटा बीत चुके हैं लेकिन घाटमपुर पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट नहीं लिखी है। www.redeyestimes.com से बातचीत में इंस्पेक्टर ने कहा कि परिजनों ने अभी तक तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलते ही मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। भूरा सिंह के बाबत इंस्पेक्टर ने कहा कि उसने अभी तक जुर्म स्वीकार नहीं किया है। पूछताछ उससे जारी है।

घाटमपुर का Law & Order नहीं संभल रहा, Work Out “जीरो

घाटमपुर कोतवाली का Law & Order पिछले एक महीने से बेहद खराब है। हत्या, रेप जैसी कई बड़ी संगीन वारदातें पिछले 30 दिनों में कई हो चुकी हैं। हाल ये है कि अभी तक किसी बड़ी वारदात का खुलासा पुलिस नहीं कर सकी है। लोगों की मानें तो पुलिसिंग ही नहीं होती है। जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
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