UP-MP में आतंक का पर्याय था दस्यु बबुली कोल

फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर गैंगवार 

बबुली कोल का दाहिना हाथ लवलेश कोल भी मारा गया

MP के चमरी पहाड़ के जंगलों में भिड़ा डकैतों का गिरोह

सतना पुलिस ने की दोनों के शव मिलने की पुष्टि

7.5 लाख का इनामी दस्यु सरदार था बबुली कोल

2015 में बलखड़िया के एनकाउंटर के बाद संभाली थी कमान

बबुली कोल के डकैत लाले कोल ने बरसाईं सरदार पर गोलियां


भाई और बहनोई को ढेर कर स्वचालित असलहे लेकर फरार हुआ लाले उर्फ लाली कोल

 
चमरी पहाड़ पर हुए गैंगवार में मारा गया 7.5 लाख का इनामी दस्यु सरदार बबुली कोल (File Photo)

Yogesh Tripathi


सतना के चमरी पहाड़ जंगलों में गैंगवार


Uttar Pradesh & Madhya Pradesh में आतंक का पर्याय बन चुके 7.5 लाख रुपए के इनामी दस्यु सरदार बबुली कोल का आखिर अंत हो गया। बबुली के दाहिने हाथ कहे जाने वाले लवलेश कोल भी डकैतों के आपसी गैंगवार में मारा गया। संडे की रात्रि तक दोनों के घायल होने की खबर आ रही थीं लेकिन मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने दोनों के मारे जाने की पुष्टि कर दी है। Portal के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो फिरौती की रकम बंटवारे को लेकर दस्यु गिरोह के बीच फूट पड़ी। UP से सटे MP के सतना जनपद में चमरी पहाड़ के जंगलों में दस्यु गिरोह के बीच जमकर गोलियां चलीं। गैंगवार की सूचना पर सतना एसपी रियाज इकबाल ने भारी पुलिस बल को जंगलों में भेजा था। खबर आ रही है कि दस्यु सरदार बबुली कोल और उसके साथी लवलेश की लाश भी पुलिस को जंगलों में मिल चुकी है। 
ये बबुली कोल का दाहिना हाथ लवलेश कोल है। रिश्ते में ये बबुली का साला था और मारने वाले लाले कोल का मौसेरा भाई।

गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया धारकुंडी का चमरी पहाड़

सतना जनपद के धारकुंडी थाना एरिया स्थित पाठा के जंगलों में शनिवार देर रात्रि गैंगवार हुई। गिरोह में फूट पड़ने के बाद डकैत दो धड़ों में बंट गए। इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु हो गई। बताया जा रहा है कि बबुली कोल और उसके दाहिने हाथ लवलेश को तनिक भी संभलने का मौका नहीं मिला। बबुली, लवलेश के साथ कुछ और डकैतों के भी घायल होने की खबर है। गैंगवार की खबर मिलने के बाद सतना पुलिस ने जंगलों में कांबिंग की लेकिन कोई डकैत जिंदा या मुर्दा नहीं मिला।
 

लाले उर्फ लाली कोल ने लिया दस्यु सरदरा से पंगा

सूत्रों की मानें तो बबुली कोल गिरोह के डाकू लाले कोल ने फिरौती की रकम के बंटवारे में दस्यु सरदार से पंगा ले लिया। विवाद बढ़ा तो लाले ने स्वचालित असलहों से फायरिंग शुरु कर दी। अचानक फायरिंग से किसी को संभलाने का मौका नहीं मिला। सूत्र तो ये भी कह रहे हैं कि बबुली और लवलेश को ढेर करने के बाद खुद लाले ने पुलिस के एक बड़े अफसर को फोन कर इसकी जानकारी दी। जिसके बाद सतना और चित्रकूट की पुलिस सक्रिय हुई। बताया जा रहा है कि बबुली और लवलेश को ढेर करने के बाद लाले कोल असलहे लेकर पाठा के जंगलों में भाग निकला। उसके साथ कुछ और डकैत भी हैं।

बलखड़िया के बाद संभाली थी गिरोह की कमान

बबुली कोल किशोरावस्था में ही दस्यु गिरोह के संपर्क में आ गया था। करीब एक दशक पहले उसने दस्यु अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के लिए काम किया। ठोकिया के ढेर होने के बाद बबुली कोल बलखड़िया के साथ हो गया। बलखड़िया के साथ उसने कई बड़ी वारदातें कीं। 2015 में भरतपुर चौकी क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान बलखड़िया को गोली लगी और वो मारा गया। मरने से पहले उसने जंगलों में बबुली कोल को गिरोह का नया सरदार बनाकर अपनी AK-47 उसे सौंप दी थी। इसके बाद से बबुली कोल गिरोह की कमान संभाल रहा था। हालांकि बलखड़िया के अधिकतर डाकुओं को तत्कालीन एसपी पवन कुमार जेल भेज दिए। कुछ ने खुद ही सरेंडर कर दिया था। इसमें बलखड़िया का भतीजा खच्चू भी शामिल है।

लवलेश का मौसेरा भाई है लाले कोल

जानकार सूत्रों की मानें तो बबुली कोल मानिकपुर थाना एरिया के सोसाइटी कोलान का रहने वाला था। लवलेश कोल उसका सगा साला था। जबकि दोनों को मौत के घाट उतारने वाला लाली कोल उर्फ लाले मारे गए लवलेश की सगी मौसी का लड़का था।


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