"नटवरलाल" ने KDA की बेशकीमती करोड़ों की भूमि पर कब्जा करने के लिए UP के दो मंत्रियों और सीनियर IPS के फर्जी लेटर पैड का किया प्रयोग।
एक सांसद के नाम से कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष (VC) को "नटवरलाल" ने फोन किया था। कूटरचित दस्तावेज भी पुलिस ने किया बरामद।
कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA), सिर्फ नाम ही काफी है। केडीए को कोई “कानपुर डकैत एसोशिसन” कहता है तो बहुत सारे लोग इसे “Gangs Of KDA” भी कहते हैं। मलाईदार केडीए को इन नामों से बुलाने की वजह विभाग में होने वाले अजीबो-गरीब कारनामें हैं। विभाग में भ्रष्टाचार की “बेल” बढ़ने के साथ इसकी जड़ें भी काफी गहरी हो चुकी हैं। दलालों से लेकर जालसाजों तक का यहां पर बोलबाला है। जानकार कहते हैं कि जिसने KDA के “सिस्टम” की “नस” पकड़ ली उसे करोड़पति बनने में अधिक समय नहीं लगता है। यहां कार्यकरत कई क्लर्क करोड़पति और अरबपति हैं। केडीए से जुड़ा जो ताजा मामला है वो भी एक बड़े जालसाजी से जुड़ा है। दरअसल Kanpur के पनकी थाने की पुलिस ने ब्रजेश सिंह पाल नाम के एक “नटवरलाल” को धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग करने के आरोप में Arrest किया है। सूत्रों की मानें तो यदि पुलिस शातिर से सही पूछताछ करे तो कानपुर से लेकर प्रदेश की राजधानी तक कई “सफेदपोश” लोगों के चेहरों से “नकाब” उतर सकता है।
Yogesh Tripathi
मंत्रियों से लेकर IPS अफसर के फर्जी लेटर पैड का किया प्रयोग
पनकी पुलिस के मुताबिक
पकड़े गए ब्रजेश सिंह राजपूत के खिलाफ IPC 420, 467, 468 समेत तमाम संगीन दफाओं में FIR केडीए के अवर अभियंता अरुण शर्मा की तहरीर के आधार पर दर्ज
की गई है। जिसके बाद पुलिस ने ब्रजेश सिंह पाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस
सूत्रों की मानें तो ब्रजेश ने केडीए के करोड़ों रुपए की बेशकीमती भूमि पर फर्जी
तरीके से कब्जा कर रखा था। इसके लिए उसने सूबे की प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों के
फर्जी लेटर पैड का भी प्रयोग किया। इतना ही नहीं उसने पुलिस विभाग के एक सीनियर
अफसर के भी फर्जी लेटर पैड का प्रयोग किया। चर्चा तो ये भी है कि कानपुर विकास
प्राधिकरण के (VC) को प्रभाव में लेने के लिए उसने एक सांसद के नाम से फोन तक
किया था।
करोड़ों की जमीन को हड़पने के लिए कागजों पर खोला स्कूल
पुलिस सूत्रों की मानें तो
छानबीन में पता चला है कि “नटवरलाल” ब्रजेश सिंह पाल ने केडीए की इस बेशकीमती भूमि को हड़पने
के लिए न सिर्फ मंत्रियों और अफसरों के फर्जी लेटरपैड का प्रयोग किया बल्कि उसने
शिक्षा विभाग के अफसरों को भी ठेंगे पर रखा। कागजों पर “बाजीगरी” का खेल कर उसने फर्जी स्कूल
भी खोल रखा था। गोपनीय शिकायत के आधार पर शहर के बड़े अफसरों ने जब मामले को
संज्ञान में लिया तो इस “नटवरलाल” की कई “कहानियां” और उजागर हो गईं। बताया जा रहा है कि इस जालसाज ने ये कोई
पहला फ्राड नहीं किया है। पहले भी वे इस तरह की कई धोखाधड़ी कर चुका है। जिसमें
कुछ मामलों में रिपोर्ट तक दर्ज हो चुकी है।
KDA में बेहद गहरी हैं शातिर की “जड़ें”
सूत्रों की मानें तो पकड़े
गए ब्रजेश सिंह पाल की “जड़ें” KDA में काफी गहरी हैं। तमाम अफसर और बाबुओं की इस पर लंबे समय
से “कृपा” बरस रही है। इस कृपा को बरसाने में लखनऊ के भी कुछ दिग्गजों का हाथ होना
बताया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से ये केडीए और जिला प्रशासन के अफसरों की रडार
पर था।
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