Uttar Pradesh में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। सत्ता के रसूख में चूर सफेदपोश अब गरीब, असहायों की संपत्तियों पर डाका डालना Start कर चुके हैं। सत्ता का चोला ओढ़े ये दबंग और भू-माफिया Murder करने से भी नहीं हिचक रहे। ताजा मामला Etawah जनपद का है। यहां छपैटी में मकान कब्जा करने को गिद्ध सरीखी निगाह लगाए दबंगों ने शनिवार को दिनदहाड़े घर में घुसकर एक विधवा की पीट-पीटर हत्या कर दी। दबंग हमलावरों विधवा को बचाने आईं दो बेटियों को भी नहीं बख्शा। हमले में दोनों बेटियां भी घायल हो गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस सत्तापक्ष की हनक के आगे आरोपितों के साथ खड़ी नजर आई। पुलिस ने जब तहरीर बदलने की बात कही तो स्थानीय लोगों का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने शव को सड़क पर रख जाम लगा दिया। बवाल की सूचना पर पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचे और किसी तरह लोगों को शांत करवाया।



हमले में आशा शुक्ला की मौत के बाद बिलखते उनके परिजन और रिश्तेदार।


         Yogesh Tripathi

दबंगों के हमले में घायल आशा शुक्ला की बेटी अपना जख्म दिखाते हुए।


Etawah के छिपैटी में सनसनीखेज वारदात

घटना शनिवार को इटावा जनपद के छिपैटी में हुई। वादी मुकदमा गौरव शुक्ला ने कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनका खानदान के ही बसंत शुक्ला और उनके भाई शिव कुमार शुक्ला से संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। आरोप है कि बसंत शुक्ला और उनके परिवार के सदस्य उनकी पैतृक संपत्ति पर लंबे समय से कब्जा करने की कोशिश में लगे थे। शनिवार को बसंत कुमार शुक्ला ने बेटों राजन शुक्ला, राहुल शुक्ला, पुनीत शुक्ला और भाई शिवकुमार शुक्ला के साथ घर पर धावा बोल दिया। मौके पर गौरव की विधवा मां आशा शुक्ला (55) मिलीं। आरोपितों ने आशा को जमकर पीटा। शोर सुनकर गौरव की बहनें राखी और नीतू पहुंची तो दबंगों ने उन दोनों को भी नहीं बख्शा। हमले में घायल आशा शुक्ला ने थोड़ी देर में दम तोड़ दिया। जबकि उनकी दोनों बेटियां घायल हो गईं। 

हमलावरों ने मां को बचाने पहुंची दूसरी बेटी को भी नहीं बख्शा। लाल घेरे में जख्मों के निशान।


तहरीर बदलने के दबाव पर फूटा पब्लिक का आक्रोश

आशा शुक्ला की मौत के बाद सूचना पर पहुंची पुलिस को गौरव शुक्ला ने तहरीर दी। तहरीर में शिव कुमार शुक्ला का नाम देख पुलिस ने उसे बदलने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बनाना शुरु कर दिया। पुलिस को आरोपितों के पक्ष में खड़ा देख स्थानीय लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और देखते ही देखते भीड़ सड़क पर आ गई। आक्रोशित भीड़ ने आशा शुक्ला के शव को सड़क पर रख जाम लगा दिया। बवाल कर रहे लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। भीड़ के तेवर देख पुलिस तुरंत बैकफुट पर आ गई। 

कई थानों की फोर्स के साथ अफसर मौके पर पहुंचे और किसी तरह डैमेज को कंट्रोल किया। आशा शुक्ला के बेटे का कहना है कि उनको स्थानीय पुलिस पर तनिक भी विश्वास नहीं है। पुलिस पूरी तरह से हत्यारोपितों के इशारे पर काम कर रही है। उन्हें आशंका है कि कहीं विवेचना में पुलिस हेरफेर करके आरोपितों को लाभ पहुंचा सकती है। उन्होंने महिला आयोग के साथ-साथ कई और जगहों पर भी शिकायती पत्र भेजा है।
बवाल की सूचना पर कई थानों की फोर्स के साथ छिपैटी पहुंचे पुलिस के आला अफसर।


RSS पदाधिकारी और सरकारी वकील है शिव कुमार शुक्ला

हत्यारोपित शिव कुमार शुक्ला के बारे में बताया जा रहा है कि वो सरकारी वकील होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी है। लंबे समय से वो RSS के लिए सक्रिय है। मृतक आशा शुक्ला के बेटे का आरोप है कि इटावा के तमाम जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ यूपी सरकार में कद्दावर मंत्रियों के साथ शिव कुमार का सिस्टम काफी ठीक-ठाक है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जनपद के तमाम बीजेपी के नेता उसके यहां हाजिरी देते हैं। यही वजह है कि ऊपर से दबाव पड़ने पर पुलिस शिवकुमार शुक्ला का नाम तहरीर से हटाने के लिए दबाव बनाने लगी। बीजेपी सरकार बनने के बाद शिव कुमार को दोबारा सरकारी वकील बनाया गया। इससे पहले जब वे वकील थे तो उनका भ्रष्टाचार से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था। एक मंत्री से शिवकुमार शुक्ला की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। 



पति की कैंसर से हो चुकी है मौत

करीब 21 साल पहले आशा शुक्ला के पति गंगाधर शुक्ला की मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद आशा शुक्ला ने अपनी तीन बेटियों और एक बेटे को किसी तरह से पाल-पोष कर बड़ा किया। बेटा गौरव हार्डवेयर की दुकान किए है। एक बेटी का विवाह हो चुका है और दो बेटियों की शादी होनी है। अचानक आशा की हत्या के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया। परिवार में मातम का माहौल है। मोहल्ले में भी भारी तनाव है। 

पुलिस ने दर्ज की हत्यारोपितों पर FIR

काफी देर बवाल के बाद कोतवाली पुलिस ने अंतत:  बसंत कुमार शुक्ला, शिव कुमार शुक्ला समेत पांच आरोपितों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की। जिसके बाद परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत हुआ।

क्या कहते हैं पुलिस के जिम्मेदार अफसर ?

पूरे घटनाक्रम पर पुलिस के अफसरों का कहना है कि परिवार के लोगों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था। आशा शुक्ला को उनके भतीजे ने मारा-पीटा। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। तहरीर के आधार पर हत्यारोपितों के खिलाफ IPC 147, 452,323, 302, 506 की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।



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