Lok Sabha Election 2019 : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व की जिद के आगे अंतत: Kanpur के सांसद Murli Manohar Joshi की एक नहीं चली और वे टिकट की दौड़ से “Out” कर दिए गए। लालकृष्ण आडवाणी के बाद मुरली मनोहर जोशी का भी टिकट BJP ने काट दिया है। श्रीजोशी ने एक पत्र जारी कर शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले का खुलासा किया। पत्र में उन्होंने लिखा है कि बीजेपी संगठन के महामंत्री रामलाल ने उनसे कहा है कि "कानपुर ही नहीं वे कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ेंगे"। गौरतलब है कि www.redeyestimes.com ने कुछ दिन पहले ही BJP की “धरोहरों” का लोकसभा चुनाव से “पत्ता साफ” होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। बीजेपी लालकृष्ण आडवाणी का टिकट पहली सूची में ही काट चुकी है।
YOGESH TRIPATHI
चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े थे डॉ. मुरली मनोहर जोशी
बीजेपी की तरफ से टिकट न दिए जाने की बात मालुम होने के बाद भी मुरली मनोहर जोशी Kanpur से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से आमादा थे। कई बार उन्होंने इसके लिए घुड़की भी दी थी। जेपी नड्डा और संगठन मंत्री ने कई चक्र की बातचीत के बाद उनको मनाने की तमाम कोशिशें कीं लेकिन वे नहीं मानें। होली का त्योहार दिल्ली में मनाने के बाद उन्होंने गंगा मेला Kanpur में मनाने का ऐलान कर दिया। उनके कानपुर आने का प्रोटोकाल भी जिला प्रशासन और बीजेपी के नेताओं के पास दो दिन पहले आ गया था। अब उनके कानपुर के गंगामेला में शामिल होने वाले कार्यक्रम को निरस्त कर दिया गया है।
मतदाताओं के नाम मुरली मनोहर जोशी ने लिखा खत
मंडे को कानपुर के वोटर्स को डा.जोशी ने पत्र जारी कर खुद इसकी जानकारी दी। उनके बगैर हस्ताक्षर वाले इस पत्र की सत्यता की पुष्टि उनके निजी सचिव ललित अधिकारी ने की है। दो लाइन के पत्र में डॉ. जोशी ने कहा है कि सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) रामलाल की तरफ से उनको बताया गया कि उनके कानपुर ही नहीं बल्कि कहीं और से भी चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
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मोदी और शाह के “दूत” बनकर पहुंचे रामलाल
मुरली मनोहर जोशी की पछले कई दिनों से जिद को देखते हुए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ RSS भी नाराज था। मुरली मनोहर जोशी को लेकर काफी माथापच्ची की गई। पहले ये तय किया गया कि मुरली मनोहर जोशी को कानपुर के गंगामेला में शामिल होने दिया जाए। कानपुर से वापसी के बाद टिकट काटे जाने की सूचना श्रीजोशी को दी जाए। लेकिन जब मुरली मनोहर जोशी के प्रोटोकाल में वापसी का कार्यक्रम नहीं मिला तो बीजेपी हाईकमान इस बात को लेकर बेचैन हो गया। आनन-फानन में तय किया गया कि कानपुर जाने से पहले ही उनका टिकट काट दिया जाए ताकि मुरली मनोहर जोशी की तरफ से किसी तरह के विवाद की स्थित और बयानबाजी से बचा जा सके। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रेसीडेंट अमित शाह की सहमति के बाद राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल टिकट काटे जाने का मैसेज लेकर मुरली मनोहर जोशी के पास पहुंचे। रामलाल से टिकट काटे जाने की खबर के बाद ही मुरली मनोहर जोशी की तरफ से बगैर हस्ताक्षर वाला पत्र जारी किया गया।
नीतू सिंह को लेकर RSS पीछे हटने के मूड में नहीं
सूत्रों की मानें तो RSS ने सिंगल नाम नीतू सिंह के नाम का बीजेपी संगठन के पास भेजा है। बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह की पौत्र वधू नीतू सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर संघ के दिग्गज काफी गंभीर है। इस नाम के अतिरिक्त RSS के कद्दावर कोई और नाम पर सहमति नहीं है। हालांकि बीजेपी के पास कई दावेदारों की लिस्ट है। कुछ दावेदार तो दो-तीन दिन में बढ़े हैं। जिनकी पैरवी या तो कोई मंत्री कर रहा है या फिर संगठन के नेता।
Kanpur के प्रत्याशी की घोषणा में लग सकता है अभी कुछ और समय
कानपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के चयन में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को काफी परेशानी आ रही है। दावेदारों की एक लंबी लिस्ट दिल्ली में है। अपने पैरोकारों के जरिए सभी दावेदार लगातार पैरवी में भी जुटे हैं। हर दिन राजनीतिक समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रत्याशी चयन में अभी और विलंब हो सकता है। मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटने के बाद अव वे दावेदार खुलकर बैटिंग करेंगे जो अभी तक जोशी जी के कद को देखते हुए पर्दे के पीछे से अपनी पैरवी करवा रहे थे।
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रात एक बजे CEC की बैठक से निकले PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में शामिल होने के लिए मंडे की देर रात को पहुंचे। कई घंटे तक चली इस बैठक में कई नामों पर मुहर भी लगी। तमाम मुद्दों पर रणनीति बनाने के साथ कई प्रत्याशियों का चयन होने के बाद रात करीब एक बजे मीटिंग खत्म हुई। मीटिंग में कानपुर के प्रत्याशी को लेकर गंभीर चिंतन के साथ चर्चा हुई।
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