Kanpur Kok Sabha Election 2019 : 75 से अधिक बसंत पार कर चुके Kanpur के सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी “अंगद” की तरह अपने पांव जमाकर Delhi में बैठे हुए हैं। BJP हाईकमान की तमाम कोशिशों (गुपचुप वार्ता) के बाद भी BJP की ये “धरोहर” एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। मान-मनौव्वल के सारे जतन फेल हो चुके हैं। मुरली मनोहर जोशी झुकने और मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। बीजेपी की तरफ से लोकसभा प्रत्याशियों की जारी लिस्ट में उनका नाम कहीं से भी नहीं घोषित है। आगे आने वाली सूची में भी उनके नाम की उम्मींद कम ही है। सूत्रों की मानें तो आडवाणी के साथ-साथ बीजेपी ने मुरली मनोहर जोशी को भी टिकट न देने का फैसला करीब-करीब ले लिया है।


YOGESH TRIPATHI


जोशी Kanpur में मनाएंगे गंगा मेला


www.redeyestimes.com के पास जो जानकारी है उसके मुताबिक सांसद मुरली मनोहर जोशी ने होली का त्योहार दिल्ली में मनाया। कार्यकर्ताओं और अपने करीबी लोगों के साथ उन्होंने जमकर रंग और गुलाल उड़ाया। इस दौरान कई करीबी लोगों संग उनकी गोपनीय बैठकें भी हुईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुरली मनोहर जोशी के कानपुर आने का प्रोटोकाल आया है। वे 25 मार्च को कानपुर पहुंच रहे है। खास बात ये है कि उनके कानपुर आने के प्रोटोकाल में जाने का कार्यक्रम निर्धारित नहीं है। “यक्ष प्रश्न” ये है कि टिकट कटने के बाद बीजेपी की इस “धरोहर” का अगला कदम क्या होगा ? क्या वे विरोध करेंगे या फिर “बागी” बनेंगे। चर्चाएं ये भी हैं कि टिकट कटने की स्थिति में सांसद मुरली मनोहर जोशी कुछ लोगों के साथ प्रेस कांफ्रेंस भी कर सकते हैं।

नीतू सिंह को लेकर RSS पीछे नहीं हट रही


बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह की पौत्र वधू नीतू सिंह का नाम RSS ने Final कर करीब 36 घंटे पहले ही बीजेपी संगठन को भेज दिया है। बड़े सूत्रों की मानें तो बीजेपी की तरफ से संडे की रात या फिर मंडे की सुबह औपचारिक ऐलान की बात कही जा रही थी लेकिन अब अंदरखाने से ये खबर है कि कानपुर सीट पर प्रत्याशी की घोषणा 31 मार्च या फिर 2 अप्रैल को हो सकती है। ऐसा मुरली मनोहर जोशी के तेवरों को देखने के बाद किया गया है। ताकि कानपुर में कहीं भी बगावत के सुर न फूटे। वहीं RSS के टॉप दिग्गज नीतू सिंह को लेकर बिल्कुल भी पीछे हटने के मूड में नहीं है। इसके संकेत मुरली मनोहर जोशी को भी दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि संघ ने कानपुर की सीट को लेकर पिछले कई महीने से प्रतिष्ठा लगा रखी है।

जोशी से जेपी नड्डा कर चुके हैं मुलाकात


चुनाव शंखनाद के पहले से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्रा, उमा भारती समेत कई बुजुर्ग नेताओं के टिकट बीजेपी काट सकती है। आडवाणी का टिकट गांधी नगर से काट दिया गया। उमा भारती ने खुद को पीछे कर लिया। कलराज मिश्रा ने भी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। अब बचे हैं कि मुरली मनोहर जोशी। होली के दिन पत्रकारों के सवाल पर जोशी ने कहा था कि वो लड़ने को पूरी तरह से तैयार हैं। उनके तेवर को देख बीजेपी के कई नेता उनको मनाने के लिए कई दिनों से मेहनत कर रहे हैं। कुछ दिन पहले बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य और यूपी बीजेपी प्रभारी जेपी नड्डा भी पहुंचे।


श्रीनड्डा ने करीब पौन घंटे तक मुरली मनोहर जोशी से बातचीत की लेकिन जोशी नहीं मानें। चर्चा है कि नड्डा ने यहां तक कह दिया कि आपके करीबी लोगों की वजह से विरोध हो रहा है। सीट फंस सकती है। साथ ही उन्हें कई तरह के ऑफर भी दिए गए है। गौरतलब है कि पांच साल के कार्यकाल में क्षेत्र की जनता को सांसद मुरली मनोहर जोशी कहीं नही दिखे। पूरी राजनीति उनके कुछ "कारखास" टाइप लोगों के ईर्द-गिर्द ही घूमती रही। बीजेपी का आम कार्यकर्ता उनकी पहुंच से काफी दूर था। यही वजह है कि उनका विरोध कानपुर में हो रहा है। कार्यकर्ता भी नहीं चाहते कि टिकट मुरली मनोहर जोशी को दी जाए।

 

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