वार्ड नंबर 84 जूही कलॉ से सपा, कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ "बागी" प्रत्याशी बगावत का बिगुल फूंक रहे हैं। ये सभी "बागी" काफी ताकतवर हैं, शायद यही वजह है कि अधिकृत प्रत्याशियों के रातों की नींद गायब हो चुकी है। बागियों की बगावत के बीच ही बसपा का हाथी काफी खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं। क्षेत्र के लोगों की मानें तो बसपा प्रत्याशी आरफा खातून के चुनाव प्रचार का शोर तो नहीं है लेकिन जोर काफी है। इकलौती मुस्लिम प्रत्याशी होने का उनको सीधा लाभ मिल रहा है। मुस्लिम वोटर का उनके साथ जाना तय भी माना जा रहा है।
[caption id="attachment_18315" align="aligncenter" width="640"] किदवईनगर विधायक महेश त्रिवेदी के साथ जनसंपर्क कर वोट मांगती बीजेपी प्रत्याशी अल्पना जायसवाल।[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। किदवईनगर विधान सभा एरिया के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर-84 (जूही कलॉ) में BJP, कांग्रेस,सपा के “बागी” प्रत्याशियों की “बगावत” ने अधिकृत प्रत्याशियों का “बैंड” बजा दिया है। बगावत की आंधी में कांग्रेस औ और बीजेपी के प्रत्याशियों के रातों की नींद और दिन का सुकून गायब कर दिया है। चुनाव प्रचार से अधिक जोर इस बात पर लगाया जा रहा है कि “बागी” कहां शह और मात की सियासी चौसर सजाए हैं। छात्र राजनीति के गढ़ वाले इस वार्ड में हर कदम पर प्रत्याशियों के लिए कांटे बिछे हैं। कुल मिलाकर यहां मुकाबाल चतुष्कोणीय दिखाई दे रहा है। इन सबके बीच BSP प्रत्याशी आरफा खातून खामोशी की चादर ओढ़े नजर आ रही हैं। चुनावी प्रचार का शोर कहीं नहीं है लेकिन अंदर ही अंदर उन्होंने पूरा जोर लगा रखा हैं। विश्वस्त्र सूत्रों की मानें तो यदि यहां मुस्लिम वोटर सेंट्रालाइज्ड हो गया तो हाथी कि चिघाड़ सुनाई दे सकती है।
वार्ड नंबर-84 में हैं करीब 23 हजार मतदाता
वार्ड नंबर-84 जूही कलॉ में करीब 23 हजार के आसपास मतदाता हैं। इसमें लाल कालोनी, पीली कालोनी, हरी कालोनी, रामलाल का तालाब, कच्ची बस्ती, गोविंदनगर का जे ब्लाक समेत कई मोहल्ले आते हैं। इस वार्ड में भी सर्वाधिक मतदाता ब्राम्हण हैं। यहां ब्राम्हण वोटर करीब 35 फीसदी है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब चार हजार के आसपास है।
BJP प्रत्याशी अल्पना जायसवाल का समीकरण बिगाड़ रहीं “बागी” शिवकांती शुक्ला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां से निवर्तमान पार्षद बिल्लू जायसवाल की पत्नी अल्पना जायसवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक के सहारे और RSS कार्यकर्ताओं की आस लेकर अल्पना अपना चुनावी अभियान तेज किए हुए हैं। पति बिल्लू के साथ युवा समर्थक भी भारी संख्या में प्रचार के दौरान नजर आ रहे हैं लेकिन यहां से बीजेपी की बागी शिवकांती शुक्ला अधिकृत प्रत्याशी का पूरा समीकरण बिगाड़ने में जुटी हैं। वार्ड के लिए शिवकांती शुक्ला नया नाम बिल्कुल भी नहीं है। शिवकांती शुक्ला पूर्व में यहां से कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं। बाद में वह बीजेपी में चली गई थीं। इस बार वह टिकट की प्रबल दावेदार थीं लेकिन टिकट नहीं मिली। इस लिए उन्होंने बगावत का बिगुल बजा दिया है। जानकारों की मानें तो अल्पना को पहले शिवकांती से ही निपटना होगा।
रचना त्रिपाठी ने बिगाड़ दी कांग्रेस प्रत्याशी निधी दीक्षित की “गणित”
कांग्रेस ने वार्ड नंबर 84 से निधि दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया है लेकिन किदवईनगर विधान सभा के EX.MLA अजय कपूर ने रचना त्रिपाठी को मैदान में उतार कर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के सपनों पर पानी फेरने का काम कर दिया। रचना त्रिपाठी के कार्यालय का शुभारंभ कर अजय कपूर ने सार्वजनिक तौर पर वोट और सपोर्ट की अपील करते हुए निधि का चुनाव काफी हल्का कर दिया। इस बात की खबर कांग्रेस हाईकमान तक भी है। जानकारों की मानें तो रचना त्रिपाठी अधिकृत प्रत्याशी की तुलना में कहीं बेहतर चुनाव लड़ रही हैं। यहां कांग्रेस से एक और बागी तारा सिंह भी काफी अच्छा चुनाव लड़ रही हैं।
सपा की अधिकृत प्रत्याशी को “पानी” पिला रही हैं “बागी” राजकुमारी
सपा ने यहां से रानी यादव को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है। रानी यादव के मुकाबले सपा के मोनू वर्मा की मां राजकुमारी ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। राजकुमारी अपने बैनर और होर्डंग्सि में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्रा की फोटो और नाम लिखकर वोट मांग रही हैं। माना जा रहा है कि निश्चित तौर पर वह अधिकृत प्रत्याशी का काफी नुकसान करेंगी।
[caption id="attachment_18318" align="aligncenter" width="585"] क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं के साथ बसपा प्रत्याशी आरफा खातून जनसंपर्क के दौरान समर्थन की अपील करती हुईं।[/caption]
मुस्लिम बन सकते हैं BSP के हाथी के साथी
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने यहां से आरफा खातून को टिकट दिया है। इतना ही नहीं इस वार्ड से आरफा इकलौती मुस्लिम प्रत्याशी भी हैं। वार्ड में करीब चार हजार से अधिक वोटर मुस्लिम हैं। www.redeyestimes.com को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक मुस्लिम वोटर पूरी तरह से आरफा खातून के पक्ष में करीब-करीब एक राय बना चुका है। यदि ऐसा होता है तो आरफा के जीत की राह बेहद आसान हो जाएगी, क्यों कि यहां बीएसपी के कैडर का वोटबैंक भी लगभग 2 हजार के आसपास है। साथ ही सबसे खास बात यह है कि यहां पर बीएसपी का कोई विद्रोही प्रत्याशी भी नहीं है। हालांकि चुनाव प्रचार-प्रसार में आरफा खातून काफी पीछे हैं लेकिन राजनीति के जानकार उनके चुनाव को अंदर ही अंदर काफी मजबूत मान रहे हैं।
DBS के पूर्व अध्यक्ष की पत्नी भी लड़ रहीं निर्दलीय चुनाव
डीबीएस कालेज छात्रसंघ के पूर्व प्रेसीडेंट रहे भूपेंद्र सिंह की पत्नी ममता सिंह भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों में वह एक मजबूत प्रत्याशी हैं। माना जा रहा है कि ममता सिंह एक बिरादरी का वोट बैंक अपने पाले में निश्चित तौर पर ले जाएंगी।
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