Number of Brahmin voters in UP is 8 percent | Mahendra Pandey has been made UP BJP president
[caption id="attachment_16886" align="aligncenter" width="759"] amit shah-narendra modi[/caption]
नई दिल्ली। केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाईकमान को अब यूपी में ब्राम्हणों का भय सता रहा है। यूपी की गद्दी योगी आदित्यनाथ को सौंपने और पिछड़े वर्ग (OBC) के वोटों को अपने पाले में लाने की कवायद के बीच BJP को उसके परंपरागत ब्राम्हण वोटरों के छिटकने का भय अभी से सताने लगा है। शायद यही वजह है कि ब्राम्हण वोट बैंक को साधने के लिए BJP के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी भाजपा की कमान ब्राम्हण चेहरे महेंद्र पांडेय को सौंप दी। इतना ही नहीं इसका सीधा असर केंद्र के मंत्रीमंडल विस्तार में भी देखने को मिला। गोरखपुर के शिवप्रताप शुक्ल को राज्यमंत्री बनाया गया। शिवप्रताप शुक्ल दूर-दूर तक मंत्री बनने की लिस्ट में नहीं थे।
ब्राह्मण वोटरों को साधने की “गणित” में जुटी BJP
पश्चिमी यूपी को नजरंदाज करते हुए BJP हाईकमान ने महेंद्र पांडे को यूपी का भाजपा का प्रेसीडेंट बनाया है। साथ ही बक्सर के सांसद अश्वनी चौबे और गोरखपुर के शिव प्रताप शुक्ला को मंत्रीमंडल विस्तार में नरेंद्र मोदी ने जगह दी। भाजपा की इन कोशिशों को यूपी-बिहार के ब्राह्मणों को साधने के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी अपने परंपरागत ब्राह्मण वोटरों को नाराज नहीं करना चाह रही। जानकारों का कहना है कि यही वजह है कि महेंद्र पांडेय को यूपी की कमान सौंपी गई है। अकेले यूपी में ही इस बिरादरी की संख्या दलित, यादव और मुस्लिम के बाद सर्वाधिक है। यूपी में करीब 7 से 8 प्रतिशत ब्राह्मण वोट बताये जाते हैं। पश्चिम, मध्य से लेकर पूर्वी यूपी तक मे ब्राह्मण मतों की संख्या अधिक है।
BJP के लिए अहम है ब्राम्हण वोट
BJP को हमेशा से ही सवर्णों का समर्थक कहा जाता है। बता दें कि दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मतों के एकमुश्त समर्थन के वजह से कांग्रेस देश में लंबा राज करने में सफल रही है। लेकिन यूपी का ताज सीएम योगी को मिलने के बाद से ही ब्राह्मणों के छिटकने की बात कही जा रही है। यही वजह है कि अमित शाह ने ब्राह्मणों को साथ बनाये रखने की कवायद शुरू कर दी है।
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