Gorakhpur के रानीडीह के रहने वाले थे महंत Bhaskar das | अयोध्या के तुलसीघाट पर होगा अंतिम संस्कार
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लखनऊ। राम जन्मभूमि के प्रमुख पक्षकार महंत Bhaskar Das शनिवार सुबह ब्रम्हलीन हो गए। 89 वर्ष के Bhaskar Das उनको कुछ दिन पहले सांस लेने में तकलीफ और ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत के बाद एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था। उनका अंतिम संस्कार अयोध्या के तुलसीघाट पर किया जाएगा।
महंत Bhaskar Das के निधन की खबर मिलते ही अयोध्या स्थित मंदिर में उनके शिष्यों का तांता लग गया। शुक्रवार से ही अस्पताल में शिष्यों की भारी भीड़ जमा थी। बताया जा रहा है कि मंगलवार Bhaskar Das को तीसरा अटैक पड़ा था। जिसके बाद से उनकी हालत बिगड़ती चली गई। वर्ष 2003 और 2007 में भी अटैक आ चुका था। Bhaskar Das का जन्म वर्ष 1929 गोरखपुर के रानीडीह में हुआ था।
महंत Bhaskar Das गोरखपुर के रहने वाले थे। 16 साल की उम्र में वह अयोध्या के हनुमान गढ़ी पहुंचे। यहां पर वह महंत बलदेव दास निर्मोही अखाड़ा के शिष्य बने। शिक्षा दीक्षा के बाद उन्हें राम चबूतरे पर बैठाकर पुजारी नियुक्त किया गया। वर्ष 1986 में भास्कर दास के गुरु भाई बाबा बजरंग दास का निधन हो गया।
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