पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती पर रिहा होने वाले कैदियों में चार कैदी Kanpur के भी। सबसे अधिक लखनऊ से रिहा होंगे 12 कैदी। कोर्ट से मुकर्रर सजा को पूरा कर चुके हैं ये कैदी। आर्थिक स्थित खराब होने के चलते लंबे समय से अर्थदंड नहीं भर पा रहे थे कैदी।



लखनऊ पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जयंती को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जयंती के दिन यूपी सरकार ने सूबे की विभिन्न जेलों में बंद 100 कैदियों की रिहाई का फरमान जारी किया है। इस बाबत कारागार महानिरीक्षक ने जेल अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।


Ch Harmohan Singh Para Medical Sciences & , Nursing Institutionसजा पूरी करने के बाद भी जेल में बंद हैं 80 कैदी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राज्य सरकार की तरफ से जिन कैदियों को रिहा करने का पैसला लिया गया है, उसमें 80 कैदी ऐसे हैं जो कोर्ट की तरफ से मुकर्रर की गई अपनी सजा को पूरा कर चुके हैं। लेकिन आर्थिक स्थित ठीक न होन की वजह से वह जुर्माना न भर पाने की वजह से फिलहाल अभी जेल में ही बंद हैं। साथ ही कुछ ऐसे कैदी भी हैं जो आजीवन सजा की याचिका पर सक्षम प्राधिकारी की तरफ से अनुमोदित किए गए हैं।

Kanpur के भी चार कैदी होंगे रिहा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 100वें जन्मदिन के मौके पर जो कैदी रिहा होंगे उनका विवारण जनपदवार इस प्रकार से है। लखनऊ जिला कारागार से 12, वाराणसी से 11, फैजाबाद से 10, मथुरा से 5, आगरा, कानपुर नगर और सेंट्रल जेल वाराणसी से 4-4, सेंट्रल जेल नैनी, जिला जेल अलीगढ़, बांदा, मीरजापुर और बंदायू से 3-3, मुजफ्फरनगर, इटावा, फतेहपुर, गाजियाबाद और उरई से 2-2 और हरदोई, महाराजगंज, बहराइच, सहारनपुर, गोरखपुर से एक-एक कैदी हैं।

दया याचिका, प्रोबेशन एक्ट और नामिनल रोल वाले कैदियों की सिहिती इस प्रकार है :  बरेली से 7, वाराणसी से 5, आगरा से 4, फतेहगढ़ से 2, नैनी और जिला कारागार गोरखपुर से 1-1 कैदी।

 
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