After The Death Of Balkhdiya , Babuli kol Made Gang LeaderReward 5.30 Lakh On Babuli Kol


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YOGESH TRIPATHI


कानपुर/चित्रकूट। दो प्रांतों यूपी और एमपी पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके 5.30 लाख के ईनामी दस्यु सरदार Babuli Kol और उसका पूरा गिरोह स्वचालित असलहों से लैस है। शायद यही वजह रही है कि गुरुवार सुबह Encounter के दौरान गिरोह ने Police Team पर अंधाधुंध गोलियों की बौंछार कर दी। Encounter में uppolice के जाबांज और बहादुर सब इंस्पेक्टर JP Singh शहीद हो गए। जबकि बहिलपुरवा थानेदार वीरेंद्र त्रिपाठी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बबुली कोल और उसके गिरोह को ढेर करने के लिए पुलिस ने चार रास्तों में से तीन पर कड़ी घेराबंदी कर रखी है। रुक-रुक कर डकैतों और पुलिस के बीच सुबह से ही फायरिंग जारी है।


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सेमी ऑटो और .375 मैग्नम राइफल से लैस है Babuli Kol गिरोह


गिरोह के बारे में अहम जानकारी रखने वाले पुलिस अफसरों की मानें तो Babuli Kol गिरोह स्वचालित असलहों से लैस है। उसके गिरोह में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सक्रिय डाकू सदस्य हैं। यह हमेशा गिरोह के साथ रहते हैं। Babuli Kol का दाहिना हाथ लवलेश कोल है। गिरोह में करीब दो दर्जन अस्थायी सदस्य भी हैं। यह सदस्य गिरोह को खाना-पानी मोबाइल और सिम के साथ कारतूस और असलहे भी मुहैया कराते हैं।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरोह के पास सेमी ऑटो राइफल, थ्री नॉट थ्री, .375 बोर मैग्नम राइफल के साथ एक देशी AK-47 भी है। बताया जा रहा है कि यह AK-47 दो साल पहले एनकाउंटर में ढेर हुए बलखड़िया की है। बलखड़िया के मरने के बाद सरदार बने बबुली कोल ने यह राइफल अपने पास रखी। इतना ही नहीं गिरोह के पास भारी संख्या में इन असलहों के कारतूस भी हैं।

आखिर कहां से आते हैं कारतूस ?


पाठा के जंगलों में दहशतगर्दी फैलाने वाले दस्यु गिरोह के पास आखिर प्रतिबंधित बोर के असलहों के कारतूस कहां से आते हैं ? पुलिस ने कभी इस बाबत पड़ताल नहीं की। इतना ही नहीं पुलिस ने कभी कारतूस मुहैया कराने वालों की धरपकड़ भी नहीं की ? दो साल पहले जब बलखड़िया का एनकाउंटर हुआ तो कई डकैत पकड़े गए थे। तब इन डकैतों ने खुलासा किया था कि बलखड़िया के पास इतनी संख्या में कारतूस हैं कि वह कई दिनों तक पुलिस को नाको चने चबवा सकते हैं।

बिछियन नरसंहार के बाद सुर्खियों में आया था Babuli Kol


Babuli Kol दो साल पहले भरतकूप चौकी एरिया में एनकाउंटर के दौरान ढेर हुए दस्यु स्वदेश कुमार पटेल उर्फ बलखड़िया का दाहिना हाथ था। बलखड़िया के साथ उसने कई संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। सबसे चर्चित वारदात मध्यप्रदेश प्रांत के सतना जिले में बिछियन नरसंहार था। इस नरसंहार में बलखड़िया ने नौ लोगों को मुखबिरी के शक में बांधने के बाद जिंदा जला दिया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वारदात में बबुली कोल भी शामिल था। इस नरसंहार के बाद बबुली कोल के सिर पर इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी गई थी। बलखड़िया के मारे जाने के बाद साथी डकैतों ने बबुली को गिरोह का सरदार बना दिया। दो साल के दौरान बबुली ने कई वारदातें की। करीब एक दर्जन से अधिक बार उसकी पुलिस से सीधी मुठभेड़ भी हुई।
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