- Police ने गैर इरादतन हत्या की धारा 304 को 302 में किया तरमीम
- गैर इरादतन हत्या में नामजद आरोपी पत्नी Preeti को मिली क्लीन चिट
- लाइसेंसी राइफल से Manoj Dwivedi ने बेटे पर दागी थी गोली
- फरार हत्यारोपित पिता को जल्द Arrest करेगी बिधनू पुलिस
लाल घेरे में Kamal Dwivedi की हत्या का आरोपी उसका ही पिता Manoj Dwivdi |
Yogesh Tripathi
करीब दो सप्ताह बाद Kanpur Police ने बिधनू थाना एरिया में Kamal Dwivedi के “मौत की मिस्ट्री” को सुलझा लिया। Forensic Expert Team की जांच के बाद बिल्कुल साफ हो गया कि लाइसेंसी राइफल से Kamal पर गोली किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता Manoj Dwivedi ने ही दागी थी। पुलिस ने गैरइरादतन हत्या की धारा IPC 304 को 302 में तरमीम करते हुए कमल की पत्नी को क्लीन चिट दे दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच में कमल की पत्नी Preeti की कोई भूमिका नहीं मिली है। बेटे की हत्या का आरोपी Manoj Dwivedi फिलहाल फरार है। पुलिस का दावा है कि उसे जल्द से जल्द Arrest कर लिया जाएगा।
धोखे से नहीं, जानबूझकर दागी गोली
बिधनू पुलिस की जांच में एक बात बिल्कुल स्पष्ट हो गई कि वारदात की रात लाइसेंसी राइफल से गोली छीनाझपटी के दौरान नहीं बल्कि जानबूझकर मारी गई थी। बिधनू के पहाड़पुर में 23 सितंबर की रात प्रॉपर्टी डीलर Manoj Dwivedi (Bablu का घर में विवाद हुआ था। विवाद के दौरान मनोज के बेटे Kamal Dwivedi (28) की गोली लगने से मौत हो गई थी। कमल की मौत के बाद मनोज मौके से फरार हो गया था। मनोज की पत्नी ने पति मनोज और बहू प्रीति के खिलाफ तहरीर देकर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था।
गीता का दावा था कि उनका बेटा कमल Suicide करने के लिए लाइसेंसी राइफल निकाल लाया था। पति और बहू ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन छीनाझपटी में गोली चल गई। जिससे कमल की मौत हो गई। वहीं, गीता की बहू प्रीति ने भी पुलिस को तहरीर देकर ससुर पर पति की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया था।
Forensic Report के बाद पुलिस ने तरमीम की धारा
कमल की हत्या के बाद से बिधनू पुलिस और अफसरों की तरफ से की जा रही कार्रवाई को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। आरोपी ने भी खुद को बचाने के लिए अपने Power का भरपूर इस्तेमाल किया। लेकिन Forensic Expert Team की Report के बाद बिल्कुल साफ हो गया कि कमल की मौत एक हादसा नहीं बल्कि जान बूझकर किया गया Murder था। फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक जिस एंगल से गोली कमल के शरीर में गोली लगी थी, वो झीनाझपटी में नहीं लग सकती थी। सबसे अहम बात ये रही कि जिस राइफल से गोली चलना बताया गया था, उस पर कमल के फिंगरप्रिंट तक नहीं मिले। इससे बिल्कुल साफ हो गया था कि राइफल से गोली किसी और ने ही चलाई है। ASP (Outer) Aditya Shukla के मुताबिक पुलिस ने हर बिन्दु पर बारीकी से तफ्तीश की है। कमल की पत्नी प्रीति के खिलाफ कोई साक्ष्य और सबूत नहीं मिले। फॉरेंसिक रिपोर्ट को भी अहम माना गया। जिसके बाद गैरइरादतन हत्या की धारा 304 को हत्या की धारा 302 में तरमीम कर हत्यारोपित मनोज की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
विवादों से Manoj Dwivedi का है पुराना नाता
बेटे की हत्या का आरोपी Manoj Dwivedi का विवादों से काफी पुराना और गहरा नाता रहा है। www.redeyestimes.com (News Portal) को छानबीन में पता चला है कि करीब दो दशक पहले पंडित गयाप्रसाद दिवेदी इंटर कॉलेज में एक छात्रा के साथ रेप की वारदात हुई थी। जिसमें मनोज का नाम उछला था। इस कांड के बाद यह स्कूल भी बंद हो गया। स्कूल मनोज दिवेदी के पिता प्रेमा नंद दिवेदी ने अपने पिता (मनोज के बाबा) के नाम पर दिवेदी नगर में खुलवाया था। सुरा और सुंदरी का शौकीन मनोज बेटे की हत्या के बाद से फरार है। सूत्रों की मानें तो इस दौरान उसने अपने एक समधी के पॉवर का भरपूर इस्तेमाल किया। ये समधी सत्ताधारी दल से जुड़े नेता बताए जा रहे हैं। उन्होंने मनोज को बचाने के लिए अब तक एड़ी-चोटी का जोर लगाए रक्खा है।
पिता Prema Nand Dwivedi भी रहे हैं विवादित
बेटे की हत्या के जुर्म में फरार Manoj Dwivedi के पिता Prema Nand Dwivedi का भी विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। 70 के दशक में दूध का कारोबार करने वाले प्रेमा नंद 80 के दशक में पेट्रोल पंप मालिक बन बैठे थे। स्थानीय लोगों और पीड़ित रिश्तेदारों की मानें तो बीना फिलिंग पेट्रोल पंप प्रेमा नंद के बहन-बहनोई का था। जो किन्ही वजहों से रायबरेली में शिफ्ट हो गए थे। चर्चा ये भी है कि कुछ समय पहले ही ये पेट्रोल पंप भी बिक गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक 80 के दशक में ही प्रेमानंद ने सोसाइटी रजिस्टर्ड कराने के बाद प्लाटिंग शुरु की। दिवेदी नगर में सैकड़ों प्लाट उन्होंने बेंच दिए। www.redeyestimes.com (News Portal) को यहां छानबीन करने पर पता चला कि कई प्लाट ऐसे हैं जिनकी प्रेमानंद ने दो से तीन बार रजिस्ट्री कर दी। कुछ ऐसे भी पीड़ित मिले जिनको कब्जा कहीं दिया और रजिस्ट्री कहीं की कर दी। हाल ये है कि इस एरिया में पीड़ित लोगों की संख्या एक-दो नहीं बल्कि कई दर्जन की है।
20 साल पहले पहुंचा था KDA का बुलडोजर
जानकारी के मुताबिक Dwivedi Nagar के जिस मकान में प्रेमानंद दिवेदी का परिवार रहता है और उसके इर्द-गिर्द कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) भूमि है। पेट्रोल पंप भी उसी दायरे में आता है। सूत्रों की मानें तो सिस्टम के तहत सरकारी अभिलेखों में पहाड़पुर गांव के रक्बा को हमीरपुर रोड पर दर्शा कर चार दशक पहले बड़ा “खेल” खेला गया था। यही वजह रही कि 20 साल पहले KDA का दस्ता बुलडोजर लेकर ध्वस्तीकरण के लिए पहुंच गया। चर्चा है कि उस समय सपा की सरकार थी और तत्कालीन समय के “मिनी सीएम” ने मोटी कीमत वसूलते हुए केडीएम टीम को वापस लौटने का निर्देश जारी करवा दिया था। सूत्रों की मानें तो Kanpur में एसपी ग्रामीण, एसपी क्राइम के पद पर तैनात रहे एक चर्चित अधिकारी को एक बीघा भूमि न्यौछावर की गई थी। यह IPS Officer अब गिफ्ट में मिली जमीन की बिक्री कर चुके हैं। इतना ही नहीं एक करीबी रिश्तेदार की करीब 19.5 बीघा खेती पर जब प्रेमानंद की “गिद्ध” सरीखी निगाह लगी तो पीड़ित ने पैरवी की। लंबे समय तक पैरवी के बाद हाईकोर्ट से आदेश पीड़ित के पक्ष में हो गया लेकिन आरोप है कि रसूख और पैसे के बल पर प्रेमानंद (Kanpur) में तैनात एक SDM को मैनेज किए हुए हैं, जिसकी वजह से पीड़ित को उसकी भूमि नहीं मिल पा रही है।
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