- लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं श्रीआनंदेश्वर मंदिर (परमट)
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- 90 को दशक में पड़ी थी खून-खराबे की “नींव”
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- प्रशासन की लापरवाही से हो चुकी हैं कई बड़ी घटनाएं
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- 10 साल पहले भी मंदिर परिसर में चली थी गोली
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- मंदिर पर कब्जा करना चाहता है श्रीपंचदशनाम जूना अखड़ा : श्यामगिरि
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- श्यामगिरि के शिष्यों पर 7 दिन पहले दर्ज कराई गई थी लूट की रिपोर्ट
गिरफ्तार कर जेल भेजे गए श्यामगिरि के शिष्य चेतन गिरि और रामदास महाराज। |
Yogesh Tripathi
महादेव के भक्तों की आस्था का केंद्र श्रीआनंदेश्वर मंदिर (परमट) का नाता एक बार फिर विवादों से जुड़ गया है। मंदिर के पूर्व महंत श्यामगिरि और उनके शिष्य श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के खिलाफ “बगावत” का झंडा बुलंद कर रहे हैं। जूना अखाड़ा मंदिर के महंत की गद्दा पर अपना दावा ठोंक रहा है, तो दूसरी तरफ मंदिर के पूर्व महंत श्यामगिरि और उनके शिष्य जूना अखाड़े पर सुनियोजित ढंग से मंदिर पर कब्जा करने का इल्जाम लगा रहे हैं। जूना अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री की तहरीर पर मंदिर के दानपात्र को लूटने की रिपोर्ट दर्ज कर ग्वालटोली पुलिस ने मंगलवार को महंत श्यामगिरि के शिष्य रामदास उर्फ कंटक महाराज और चेतन गिरि को Arrest कर जेल भेजने के बाद तमाम “यक्ष प्रश्न” खड़े हो रहे हैं।
मंदिर से जुड़े जानकार लोगों की मानें तो एक बार फिर मंहत की गद्दी के लिए “भगवाधारियों” के बीच “ज्वालामुखी” धधक रही है। विवाद के “खेल” के पीछे मंदिर में हर वर्ष आने वाले चढ़ावे के करोड़ों रुपए की रकम बताई जा रही है। इस दौलत पर “गिद्ध” सरीखी निगाह एक राजनीतिक दल के बड़े और चर्चित नेता की भी लगी हुई है। यही वजह है कि इस नेता ने श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े को अपना “आशीर्वाद” भी दे दिया है। ये नेता की ही Power थी कि रातों-रात लूट की FIR पुलिस ने रजिस्टर्ड कर ली। जबकि श्यामगिरि चिल्ला-चिल्ला के कहते रहे कि दानपात्र का रुपया उन्होंने अपनी निगरानी में निकलवाया है। जो कि उनके पास हैं, फिर भी उनके दो शिष्य सलाखों के पीछे पहुंच गए।
90 के दशक में पड़ी थी खून-खराबे की “नींव”
श्रीआनंदेश्वर मंदिर में खून-खराबे की नींव 90 के दशक में पड़ी थी। तत्कालीन महंत चुतुरगिरि महाराज के शिष्य बाबा रामगिरि महराज को जब मंदिर का कार्यवाहक महंत बनाया गया तो उन्होंने दान और चढ़ावे के रुपए से मंदिर का जीर्णोद्धार Start करवा दिया। स्थानीय सफेदपोश गुंडों ने मंदिर के जीर्णोद्धार की जगह दान और चढ़ावे की रकम में हिस्सा मांगना शुरु कर दिया। जानकार सूत्रों की मानें तो बाबा रामगिरि ने कड़ा विरोध किया। सफेदपोश माफियाओं ने षडयंत्र के तहत एक व्यापारी के कत्ल में उनको फंसा दिया। रामगिरि महाराज को तत्कालीन कलक्टरगंज इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह लौर ने Arrest कर जेल भेजा। रामगिरि के जेल जाने के बाद भी लाखों रुपए की रकम को फर्जी हस्ताक्षर के जरिए बैंक से निकाला गया। रामगिरि महाराज के जेल जाने के बाद श्यामगिरि गद्दी पर आसीन हुए। उनके महंत बनने के बाद शहर के तमाम सफेदपोश माफिया फिर सक्रिय हो गए।
16 साल पहले ग्राम प्रधान का Murder
जिस गांव के अंतर्गत परमट मंदिर आता है, वहां के प्रधान की हत्या कर दी गई। नवाबगंज थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई। अंगुली मंदिर के तत्कालीन मंहत श्यामगिरि की तरफ भी उठी। कत्ल के पीछे की वजह गांव के विकास और गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए आने वाला धन रहा। यह कत्ल पुलिस की फाइलों में सिर्फ “राज” बनकर रह गई। 13 साल पहले केस्को कर्मचारी T.N Khanna को किडनैप किया गया। पुलिस के हस्तक्षेप से उनकी रिहाई हुई। बाद में उनकी मौत हो गई।
10 साल मंदिर में चली थीं गोलियां
करीब 11 साल पहले वर्ष 2011 में भी मंदिर के महंत की गद्दी को लेकर “बवंडर” मचा था। तब श्यामगिरि के खिलाफ उनके ही शिष्य रामदास उर्फ कंटक ने मोर्चा खोल दिया था। मामला इस कदर बढ़ गया कि आधी रात को रामदास के ऊपर बंदूक से गोली चला दी गई। रामदास ने ये संगीन इल्जाम अपने ही गुरु पर मढ़ते हुए FIR रजिस्टर्ड करवा दी। मीडिया की सुर्खिया बनने के बाद श्यामगिरि को पुलिस ने Arrest कर जेल भेज दिया। श्यामगिरि जेल से छूटे तो फिर गद्दी पर काबिज होने की जुगत भिड़ाने लगे लेकिन तब श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा ने बिचौलिए की भूमिका अदा की। प्रशासनिक अफसरों के साथ Meeting में यह बात फाइनल हुई कि जब तक विवाद शांत नहीं हो जाता है, मंदिर की देखरेख श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की निगरानी में ही होगी। तत्कालीन ADM (City) अबरार अहमद और अपर नगर मजिस्ट्रेट (ACM) Raj Kumar ने इस विवाद को निपटाने में अहम भूमिका निभाई थी।
मंदिर में हर वर्ष करोड़ों का चढ़ावा
मंदिर से जुड़े जानकार लोगों की मानें तो हर वर्ष यहां करोड़ों रुपए का चढ़ावा चढ़ता है। सावन में यह चढ़ावे की यह रकम कई गुना हो जाती है। सावन महीने में तो सोना-चांदी का लोग गुप्त दान भी करते हैं। सामान्य महीनों में यहां आने वाली चढ़ावे की रकम कई लाख रुपए है। साथ ही श्रंगार, आदि से जो कमाई प्रतिदिन होती है वो अलग से है।
Note----श्रीआनंदेश्वर मंदिर (परमट) में एक नए विवाद के बाद एक बार फिर भक्तों में खासा आक्रोश है। भक्तों का कहना है कि जिला प्रशासन को बीच का सेतु बनकर मामले को शांत कराना चाहिए। यदि किसी राजनीतिक दल का बड़ा नेता दखलंदाजी कर रहा है तो यह गलत है और इसका खुलकर सभी को विरोध करना चाहिए।
प्रेमगिरि महराज (राष्ट्रीय महामंत्री श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा) |
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमगिरि का क्या है दावा...???
राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमगिरि का विवादों से है पुराना नाता, शिष्य भी लगा चुके हैं आरोप ....???
(पढ़िए खबर के अगले अंक में)
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