क्या आप ऐसा घर, मकान या फिर फ्लैट खरीदना चाहेंगे ? जो कि गरीब मजदूरों, व्यापारियों के उत्पीड़न और खून से सना हो। जी, हां ये सबकुछ यूपी की राजधानी Lucknow में हो रहा है। सत्ता के गलियारों तक रसूख रखने वाला Lucknow का Corporate Gang “अंडरवर्ल्ड” की तर्ज पर अपना Work करता है। अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए ये Corporate Gang सिर्फ किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। तो यदि आप अपना मकान, फ्लैट या फिर प्रापर्टी खरीदने जा रहे हैं तो जरा संभलकर ये गैंग आपको हर तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। पैसे के साथ-साथ ये गैंग आपकी खुशियों को भी छीन सकता है।
समय की रफ्तार के साथ बढ़ा Corporate Gang “काला कारोबार”
पिछले दो दशक के दौरान राजधानी लखनऊ में “विकास का पहिया” काफी तेज गति से दौड़ा। इसी के साथ शहर में नए-नए मॉल, रिहायशी कालोनी, व्यवसायिक बहुमंजिला मॉल भी बनने लगे। नए और पुरानी प्रापर्टी पर Corporate Gang ने अपनी “गिद्ध” सरीखी आंखे जमा दीं। साम-दाम-दंड-भेद के जरिए करोड़ों की प्रापर्टी कौड़ियों के भाव पर खरीदने के बाद उसके जरिए जमकर चांदी इस गैंग ने काटी। कई प्रापर्टी पर सत्ता के बल पर कब्जे तक पिछले कुछ साल में किए गए। जो आड़े आया उसे किसी न किसी तरह से इस गैंग ने हटा भी दिया। सरकार चाहे जिसकी भी आए, सत्ता का संरक्षण सदैव इस गैंग पर बना रहा। लखनऊ के विकास में शहीद पथ मील का पत्थर साबित हुआ और उसके दोनों ओर बसने वाली योजनायें इन कार्पोरेट्स गैंग्स के लिये बहुत बड़ा वरदान बनी।
तिकड़ी ने काले धन को किया “सफेद”
समय की रफ्तार के साथ प्रॉपर्टी के दलालों, नेताओं और बाहुबलियों के गठजोड़ ने अपने गैंग को नई शक्ल दी। प्राइवेट कंपनियों का गठन कर उसके जरिए काले धन को सफेद में तब्दील करने का कारोबार भी शुरु हो गया। इस पूरे गोरखधंदे में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत भी कम नहीं रही। पूरे खेल में उनकी “पत्ती” को भी जोड़ दिया गया।
मोटी पगार और बड़े पद का लालच देकर कर रहे अब वारे-न्यारे
जानकार लोगों की मानें तो वर्तमान समय में Corporate Gang की कार्यशैली में बड़ा बदलाव आ चुका है। पॉश एरिया में लग्जरी ऑफिस खोलकर भर्तियां तक की जाती हैं। मोटी सैलरी और बड़े-बड़े पद दिए जाते हैं। जिनका पहला काम मासूम और कमजोर व्यापारियों, ठेकेदारों, खरीददारों को बहला और फुसला कर, बड़े बड़े सब्जबाग दिखा कर शिकार बनाना रहता है। शिकार के फंसते ही उसे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक तौर पर सत्ता की धमक दिखाकर तोड़ा जाता है। शासन और प्रशासन के किसी भी आदेश या फिर निर्देश का इन पर कोई असर नहीं है। सरकारी आदेशों के की धज्जियां उड़ाना इनके बाएं हाथ का काम है।
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